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भारतीय सेना को जल्द मिलने वाला है CATS वॉरियर, बिना पायलट दुश्मन के क्षेत्र में मचाएगा तबाही, जानें इसकी खासियत

CATS वॉरियर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक मानव रहित लड़ाकू विमान (UCAV) है, जिसे भारत की वायुसेना के लिए तैयार किया जा रहा है. यह ड्रोन फाइटर जेट्स के साथ मिलकर दुश्मन पर हमला करेगा और हवा में लॉयल विंगमैन की भूमिका निभाएगा. यह निगरानी, जासूसी और सटीक हमलों के लिए पूरी तरह सक्षम है.

21 Jul, 2025
( Updated: 22 Jul, 2025
07:54 AM )
भारतीय सेना को जल्द मिलने वाला है CATS वॉरियर, बिना पायलट दुश्मन के क्षेत्र में मचाएगा तबाही, जानें इसकी खासियत
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एक ऐसा नया हथियार तैयार किया है, जो आने वाले समय में भारतीय वायुसेना की ताकत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है. इस अत्याधुनिक ड्रोन का नाम 'CATS वॉरियर' है. यह बिना पायलट वाला लड़ाकू विमान है, जिसे तकनीकी भाषा में UCAV (Unmanned Combat Aerial Vehicle) कहा जाता है. यह ना सिर्फ भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि अब भारत भी अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों में दुनिया के बड़े देशों के बराबर खड़ा हो चुका है. अमेरिका, चीन और रूस जैसे देश पहले ही ऐसे लॉयल विंगमैन विकसित कर चुके हैं, लेकिन अब भारत भी इस दौड़ में मजबूती से अपनी जगह बना रहा है.

क्या है CATS वॉरियर?

CATS वॉरियर एक ऐसा ड्रोन है जो पायलट वाले फाइटर जेट्स के साथ उड़ान भरते हुए दुश्मन पर हमला कर सकता है. इसे खासतौर पर इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह फाइटर जेट्स का भरोसेमंद साथी यानी लॉयल विंगमैन बने. इस ड्रोन में न पायलट होता है और न ही किसी इंसान की जान का खतरा. यह या तो रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है या फिर पूरी तरह से ऑटोमेटिक मोड में खुद से मिशन को अंजाम दे सकता है. यह दुश्मन के इलाके में अंदर तक जाकर निगरानी करने, जासूसी करने और जरूरत पड़ने पर बमबारी करने में पूरी तरह सक्षम है.

हवा में भारत का साथी 

इस ड्रोन की सबसे बड़ी खूबी इसका स्टील्थ डिजाइन है. यानी इसे दुश्मन के रडार पर पकड़ पाना बेहद मुश्किल होगा. इसकी बॉडी इस तरह से तैयार की गई है कि यह रडार सिग्नल को या तो सोख लेता है या मोड़ देता है, जिससे यह दुश्मन की नजरों से बचा रहता है. इसके अंदर एक इंटरनल वेपन बे होगा, जिसमें स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) और नेक्स्ट जनरेशन क्लोज कॉम्बैट मिसाइल (NGCCM) जैसे घातक हथियार लगाए जाएंगे. यानी यह हवा में उड़ते हुए, अपने शरीर के अंदर छिपे हथियारों से दुश्मन पर हमला कर सकता है. इसे हवा से 100 से 200 किलोमीटर दूर से टारगेट को भेदने में सक्षम स्टैंड-ऑफ मिसाइल से भी लैस किया जाएगा.

तकनीक जो बनाएगी भारत को अजेय

CATS वॉरियर की तकनीक भारत को हवाई जंग में नई धार देने वाली है. इसमें स्वार्म टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें एक साथ कई ड्रोन मिलकर एक झुंड की तरह दुश्मन पर हमला करते हैं. इससे दुश्मन का एयर डिफेंस सिस्टम भ्रमित हो जाता है और सही टारगेट को पकड़ नहीं पाता. यह जासूसी, निगरानी और सटीक बमबारी तीनों काम एक साथ कर सकता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज अभी करीब 700 से 800 किलोमीटर बताई जा रही है, हालांकि ट्रायल के बाद इसे और बढ़ाया जा सकता है. इसकी मारक क्षमता भी इस बात पर निर्भर करेगी कि इसमें किस तरह के बम या मिसाइल लगाए गए हैं. यह 100 से 150 पाउंड तक के हथियार ढोने की क्षमता रखता है.

तेजस और सुखोई के साथ तालमेल

CATS वॉरियर को भारत के आधुनिक फाइटर जेट्स जैसे तेजस LCA और सुखोई Su-30 MKI के साथ मिलाकर उड़ाया जाएगा. इसका मतलब यह है कि जब पायलट वाले विमान मिशन पर निकलेंगे, तो CATS वॉरियर उनके साथ लॉयल विंगमैन की तरह उड़ता रहेगा. यह पायलट को खतरे में डाले बिना दुश्मन के रडार को चकमा देने, पहले से बमबारी करने और दुश्मन की रणनीति को विफल करने में मदद करेगा. यह कॉम्बिनेशन भारतीय वायुसेना को और भी घातक और रणनीतिक रूप से मजबूत बना देगा.

भारत की आत्मनिर्भर उड़ान

इस पूरे प्रोजेक्ट में HAL के साथ मिलकर NewSpace Research and Technologies भी काम कर रही है. इस प्रोजेक्ट की पहली झलक Aero India 2025 में दिखाई गई थी, जहां इसे देखकर दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञों ने भारत की तकनीकी प्रगति की सराहना की थी. उम्मीद है कि 2025 के अंत तक यह ड्रोन अपनी पहली उड़ान भर लेगा. यह सिर्फ एक तकनीकी प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा और ठोस कदम है. यह भारत को रक्षा क्षेत्र में आयातक से निर्यातक देश बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रहा है.

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बताते चलें कि CATS वॉरियर सिर्फ एक ड्रोन नहीं, बल्कि भविष्य की लड़ाई में भारत की जीत की नींव है. यह टेक्नोलॉजी ना सिर्फ दुश्मन पर बढ़त दिलाएगी, बल्कि हर मिशन को ज़्यादा सुरक्षित, सटीक और प्रभावशाली बनाएगी. इसकी वजह से पायलट की जान खतरे में डाले बिना दुश्मन के सबसे गहरे और सुरक्षित ठिकानों पर हमला किया जा सकेगा. आने वाले वर्षों में जब यह पूरी तरह से भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनेगा, तब भारत की हवाई सीमाएं और भी मजबूत हो जाएंगी.

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