टैरिफ को लेकर भारत-रूस-चीन ने शुरू की अमेरिका की घेराबंदी, RIC के मंच पर आएंगे साथ! टेंशन में ट्रंप
भारत ने RIC के मंच को फिर से एक्टिव करने की शुरुआत कर दी है. इसमें रूस भी अपना सहयोग देने के लिए तैयार है. चीन की तरफ से भी इस पहल का स्वागत किया गया है. वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर महीने के अंत में रूस की यात्रा पर जाएंगे. इसके अलावा चीन के विदेश मंत्री 18 अगस्त को दिल्ली दौरे पर होंगे.
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भारत डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ दर का करारा जवाब दे रहा है. जिस अंदाज में ट्रंप भारत के साथ व्यवहार कर रहे हैं, ठीक उसी तरीके से भारत भी उनकी ही भाषा में समझा रहा है. एक बार फिर से भारत, रूस और चीन ने मिलकर ट्रंप की नींद उड़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. खबरों के मुताबिक, RIC का मंच एक बार फिर से तैयार हो रहा है. इसका इशारा साफ देखने को मिल रहा है, जहां एक तरफ विदेश मंत्री एस जयशंकर इसी महीने रूस की यात्रा करेंगे, तो दूसरी तरफ चीन के विदेश मंत्री 18 अगस्त को भारत के दौरे पर होंगे. यह घटनाक्रम बता रहा है कि ट्रंप की जिद के आगे भारत झुकने वाला नहीं है. सूत्रों का कहना है कि भारत RIC मंच के जरिए चीन और रूस को साथ लाने की तैयारी में है.
भारत, चीन और रूस फिर से होंगे RIC के मंच पर
खबरों के मुताबिक, भारत ने RIC के मंच को फिर से एक्टिव करने की शुरुआत कर दी है. इसमें रूस भी अपना सहयोग देने के लिए तैयार है. चीन की तरफ से भी इस पहल का स्वागत किया गया है. भारत ने इस यात्रा में 'सावधानीपूर्ण और सकारात्मक' रुख अपनाने के संकेत दिए हैं. कई राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह अमेरिका और पश्चिमी देशों के बढ़ते दबाव के बीच एक संतुलन साधने की बड़ी कोशिश है.
रूस की यात्रा पर होंगे एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर इस महीने के अंत तक रूस की यात्रा पर जाने की तैयारी में है. जयशंकर रूस में ऊर्जा सहयोग, रक्षा साझेदारी और व्यापार को लेकर महत्वपूर्ण वार्ता में शामिल होंगे. इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी इसी महीने रूस जा सकते हैं,
चीनी विदेश मंत्री का भारत दौरा
एक तरफ अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस के दौरे पर जाने वाले हैं, तो दूसरी तरफ चीन के विदेश मंत्री वांग यी 18 अगस्त को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात और बातचीत करेंगे. चर्चा है कि इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच सीमा विवाद, व्यापार संबंध और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा होगी. बता दें कि यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की सितंबर में होने वाली बैठक से पहले हो रही है.
भारत-रूस और चीन की बढ़ती नजदीकियां एक खास संदेश
पिछले कुछ दिनों से अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ विवाद का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाया है. यह 27 अगस्त से लागू हो जाएगा. ऐसे में भारत भी अमेरिका को कड़ा जवाब देने की तैयारी में है. वहीं भारत-अमेरिका के बीच बिगड़े रिश्तों के दौरान रूस और चीन की भारत के साथ बढ़ती नजदीकियां एक खास संदेश है. यह क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति संतुलन के दृष्टिकोण से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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