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कौन है CM योगी के 'यश', जिसने पिस्टल हाथ में लेकर दंगाइयों को खदेड़ा?

अमिताभ यश, उत्तर प्रदेश कैडर के एक वरिष्ठ आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी हैं, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन के दौरान काफ़ी प्रभावशाली माने जाते हैं। वे उत्तर प्रदेश के एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं और राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

15 Oct, 2024
( Updated: 06 Dec, 2025
03:15 AM )
कौन है CM योगी के 'यश', जिसने पिस्टल हाथ में लेकर दंगाइयों को खदेड़ा?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से उत्तर प्रदेश की सत्ता की कमान संभाली है। उसी वक्त  बाबा योगी ने साफ कर दिया था कि प्रदेश में हिंसा,अराजकता,अपराध की कोई भी जगह नहीं है। अगर इन सब घटना में कोई भी संलिप्त पाया जाता है और सरकारी हो या निजी किसी भी संपत्ति को अगर नुकसान पहुंचता है तो अमुक आरोपी से इसकी भरपाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने इन बातों को सिर्फ जनता को सुनाने या जनता पर एक छवि बनाने के लिए नहीं कहा था इन बातों को सीएम योगी ने चरितार्थ भी किया हैं और अपने शब्दों का मान रखने के लिए प्रदेश पुलिस को भी उन्होंने सख्त आदेश दिया है कि कानून व्यवस्था और शांति का माहौल को बिगाड़ने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी और उन्हें उनके सही जगह पहुंचाया जाएगा।  ऐसे में जब उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद जब लगातार माहौल बिगड़ गया आगजनी और तोड़फोड़ की घटना सामने आई तो उत्तर प्रदेश पुलिस के सुपर कॉप योगी के 'यश' यानी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ सीएम योगी के  आदेश पर दलबल के साथ बहराइच पहुंच गए। हिंसा में काबू पाने के लिए अमिताभ यश ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपनी टीम को साफ दिशा निर्देश ही नहीं दिए बल्कि खुद हाथों में पिस्तौल लेकर सड़क पर निकल पड़े और उपद्रवियों को खदेड़ने का काम किया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है। आपको बता दें बहराइच हिंसा मामले में अब तक यूपी पुलिस ने 30 दंगाइयों को हिरासत में लिया है। 
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी तहसील के महाराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान संगीत बजाने को लेकर दो समुदाय के बीच झड़प हुई। जिसमें 22 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कई अन्य इस घटना में घायल हुए। घटना सामने आने के बाद इलाके में तनाव फैल गया और लोगों ने आसपास खड़ी निजी वाहनों समेत सरकारी वाहनों में भी आगजनी की।  जिसके बाद पुलिस को स्थिति नियंत्रण करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। एक समुदाय का आरोप है कि जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए महसी से गुजर रही थी तब पत्थर फेंके गए और गोलियां चलाई गई। जिसके बाद दो समुदाय के बीच झड़प शुरू हो गई। पूरा विवाद डीजे बजाने को लेकर शुरू हुआ था, जो बाद में  सांप्रदायिक तनाव का रूप ले लिया। इस घटना में 22 साल के युवक रामगोपाल की मौत हुई। जिससे गुस्साए लोगों ने महाराजगंज बाजार की में एक विशेष वर्ग के कई दुकानों और वाहनों को आपके हवाले कर दिया। माहौल को नियंत्रण से बाहर होता देख पुलिस की अतिरिक्त फोर्स तनाव दी गई इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरीके से प्रबंध कर दिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर ACS होम संजीव गुप्ता और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश भी मौके पर पहुंच गए। 

कौन है सिंघम अमिताभ यश?

उत्तर प्रदेश की पुलिसिंग व्यवस्था में रियल सिंघम के नाम से मशहूर एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश कोई योगी सरकार ने साल की शुरुआत में एडीजी यूपी स्पेशल टास्क फोर्स का अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) , कानून व्यवस्था (L&O) का अतिरिक्त प्रभाव सोप था। सरकारी दस्तावेज के रिकॉर्ड के MUTABIK अमिताभ बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं जो 1996 बेस्ट के आईपीएस अधिकारी हैं। जो राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यूपी STF का नेतृत्व कर रहे है। इसके पहले अमिताभ यश अप पुलिस में एसटीएफ के महान निरीक्षक यानी आईजी पद पर थे बाद में वह जनवरी 2021 में प्रमोशन पाकर एडीजी पोस्ट पर आ गए थे। अमिताभ की पहचान हमेशा बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था को बनाए रखने के लिए होती है। इस बार भी बहराइच की घटना सामने आने के बाद जैसे ही सीएम योगी ने रियल सिंघम यानी अमिताभ यश को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बहराइच भेजा, तो योगी के यश'  ने पूरे फिल्मी स्टाइल में हाथ में पिस्तौल लेकर सड़क उतरना मुनासिब समझा। अमिताभ यश के रौद्र रूप को देखकर उपद्रवी भागने लगे। इस पूरी घटना की जानकारी अमिताभ व्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देंगे। इस दरमियान उनके साथ ACS होम भी मौजूद है। 
सपा प्रमुख ने की अपील
बहराइच की घटना सामने आने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपील की है उन्होंने कहा है कि "मेरी अपील है कि सभी पक्ष कानून व्यवस्था को बनाए रखें सरकार को न्याय करना चाहिए सरकार को भी घटना की जानकारी लेनी चाहिए थी शासन की चूक की वजह से यह घटना हुई है वोट की राजनीति के तहत भाजपा ऐसी घटनाएं करवा रही है।" अखिलेश यादव का यह संदेश साफ तौर पर यह बता रहा है कि यूपी में आगामी 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के पहले इस तरीके की घटना कहीं ना कहीं एक बड़ी साजिश है ताकि यूपी चुनाव में इसका लाभ एक विशेष पार्टी को मिल सके। 

वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश भी दिया है। सीएम योगी ने कहा है कि कोई भी कानून को अपने हाथ में न लें। बताते चले की इस पूरे मामले में यूपी पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है इसके साथ ही करीब 30 लोगों को अब तक पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है, बहराइच पुलिस की एसपी वृंदा शुक्ला ने भी कहा है कि "मसही तहसील के अंतर्गत महाराजगंज इलाके में तनाव था। जब एक जुलूस मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रहा था, तभी दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति पर कथित तौर पर हमला किया गया। जिससे उसकी मौत हुई। घटना के बाद पुलिस ने तकरीबन 30 लोगों को हिरासत में लिया है। अशांति प्रभावित इलाकों में सामान्य स्थिति बहाल करने का प्रयास लगातार जारी है। इसके साथ ही बहराइच पुलिस लगातार सीसीटीवी फुटेज के आधार पर भी जांच कर रही है और दोषियों को चिन्हित कर जल्द से जल्द उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।

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