पाकिस्तान को फिर से उसकी औकात दिखाने जा रहा भारत, वर्ल्ड बैंक मोदी सरकार को देने जा रहा 3,119 करोड़ का फंड, जानें कहां होगा इसका इस्तेमाल
वर्ल्ड बैंक जल्द ही भारत के 'क्वार बांध' प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 3,119 करोड़ रुपए का कर्ज देने जा रहा है, इस खबर ने पाकिस्तान की नींद उड़ा रखी है, क्योंकि चिनाब नदी सिंधु की एक प्रमुख सहायक नदी है और पाकिस्तान इसी जलधारा पर निर्भर है.
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केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ल्ड बैंक से 3,119 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की प्रकिया शुरू कर दी है. इस खबर को सुनते ही पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है. ऐसे में भारत 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद फिर से पड़ोसी मुल्क को चोट पहुंचाने जा रहा है. यह राशि भारत ऐसी जगह पर इस्तेमाल करने जा रहा है, जहां से पाकिस्तान बूंद-बूंद के लिए तरसेगा. बता दें कि जम्मू कश्मीर - किश्तवार जिले में चिनाब नदी पर बन रहे 'क्वार बांध' परियोजना को तेजी से पूरा करने के मकसद से सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है.
क्या है 'क्वार बांध' योजना?
बता दें कि भारत सरकार द्वारा यह एक ग्रीनफील्ड स्टोरेज वाली जलविद्युत परियोजना है, जिसका पानी के बहाव पर प्रभाव पड़ सकता है. इस बांध से 540 मेगावाट बिजली की आपूर्ति पूरी की जाएगी. यह करीब 109 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध है. इसको पूरा करने में कुल 4,526 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
'जनवरी 2024 में ही नदी के प्रवाह को रोकने का कार्य शुरु'
भारत सरकार ने साल 2024 में ही चिनाब नदी के प्रवाह को मोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. यह भारत के लिए किसी भी जलविद्युत परियोजना के महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है. वहीं इसके लिए 609 मीटर लंबी मुख्य सुरंग की खुदाई भी शुरू हो चुकी है. इस बांध के मुख्य निर्माण का कार्य सरकार द्वारा तेजी से चल रहा है.
पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला
जानकारी के लिए बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल साल 2022 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. सरकार का उद्देश्य है कि कैसे भी करके इस परियोजना को साल 2027 तक पूरी कर ली जाए. ताकि जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता बढ़े और औद्योगिक विकास को बल मिले.
पाकिस्तान की उड़ी नींद
भारत सरकार की इस योजना ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की नींद उड़ा रखी है. यह परियोजना ऐसे समय में सामने आ रही है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर तनाव बना हुआ है. इसमें चिनाब नदी सिंधु की एक प्रमुख सहायक नदी है और पाकिस्तान इसी जलधारा पर निर्भर है, लेकिन भारत के इस बांध निर्माण से पाकिस्तान को पानी के प्रवाह में भारी चिंता की कमी सता रही है. वहीं अब तक भारत की तरफ से संधि का उल्लंघन नहीं किया गया है, लेकिन पाकिस्तान द्वारा संधि की फिर से समीक्षा की मांग बार-बार उठाए जाने पर भारत ने इस पर लगातार कई आपत्तियां दर्ज कराई हैं. जिसकी वजह से यह मुद्दा काफी ज्यादा रणनीतिक रूप से अहम बन गया है.
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