Advertisement

SCO में इन 2 मुस्लिम देशों का नाम देख भड़का भारत, दोनों ने आतंकी मुल्क का किया था समर्थन

चीन में होने वाले SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में तुर्की और अजरबैजान का नाम देखकर भारत भड़क उठा है. इस मामले पर भारत का कहना है कि दोनों ही देशों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान आतंकी मुल्क पाकिस्तान का साथ दिया था.

03 Aug, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
04:04 AM )
SCO में इन 2 मुस्लिम देशों का नाम देख भड़का भारत, दोनों ने आतंकी मुल्क का किया था समर्थन

सितंबर में शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO की बैठक चीन के तियानजिन में होने जा रही है. इस सम्मेलन में दुनिया भर के 20 देशों के मुखिया सहित अन्य प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इस बीच पाकिस्तान के 2 मित्र देशों के शामिल होने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. भारत तुर्की और अजरबैजान का नाम देखते ही भड़क उठा है. वहीं भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि आतंकवाद का समर्थन  वाले देशों के इस सम्मेलन में शामिल होने से बैठक के खास उद्देश्यों पर पानी फिर सकता है. खबरों के मुताबिक, इस बैठक में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हो सकते हैं. 

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़े थे तुर्की और अजरबैजान

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद तुर्की और अजरबैजान ने पाकिस्तान का साथ दिया था. यह दोनों ही देश आतंक के समर्थन में पाकिस्तान के साथ खड़े होकर भाईचारा निभा रहे थे. इस ऑपरेशन में दुनिया के कई मुस्लिम देशों ने आतंक की लड़ाई में भारत का साथ दिया था. कई देशों ने इस हमले की निंदा की थी, लेकिन इन दोनों देशों ने आतंक को खुला समर्थन दिया था. इस खबर के सामने आने के बाद भारत ने दोनों देशों से कई तरह के संबंधों को तोड़ दिया था. तुर्की ने तो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत पर हमले के लिए ड्रोन की भी मदद पहुंचाई थी. 

भारत और अजरबैजान के बीच कैसा है संबंध

दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों की बात की जाए, तो भारत और अजरबैजान के बीच रिश्ते काफी अच्छे हैं, लेकिन राजनीतिक मामले में अजरबैजान ने हमेशा से पाकिस्तान का समर्थन किया है. वही अजरबैजान और तुर्की एक दूसरे के काफी करीबी माने जाते हैं. अजरबैजान और तुर्की भी काफी करीबी हैं.

एस जयशंकर ने दी थी चेतावनी 

जानकारी के लिए बता दें कि बीते महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने SCO की बैठक को लेकर साफ कहा था कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इस सम्मेलन से बाहर करना होगा. उन्होंने यह भी कहा था कि SCO देशों को मिलकर आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरपंथ का एक साथ मुकाबला करना होगा. 

क्या है शंघाई सहयोग संगठन? 

यह भी पढ़ें

SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन के कुल 10 पूर्ण सदस्य हैं, इसका गठन चीन में साल 2001 में हुआ था. इसमें सबसे पहले कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान शामिल थे, लेकिन साल 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इस संगठन में शामिल हो गए. इसके अलावा साल 2021 में ईरान को भी संगठन में पूर्ण सदस्य का दर्जा मिला. वहीं बेलारूस को 10वें पूर्ण सदस्य के रूप में संगठन में शामिल किया गया. सितंबर के महीने में आयोजित होने वाले इस बैठक में इस बार कई देशों को भी आमंत्रित किया गया है. इनमें तुर्की, अजरबैजान, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, आर्मीनिया, एजिप्ट, कतर, सऊदी अरब, कुवैत, मालदीव, म्यांमार, बहरीन और यूएई शामिल हैं. 

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें