सिर्फ 24 घंटे में ही पीएम मोदी ने ट्रंप की अक्ल ठिकाने लगा दी... 3 महाशक्तियों को एक ही मंच पर देख हिल गया अमेरिका, इस पोस्ट ने बयां कर दिया सब कुछ
जहां एक तरफ दुनिया के 20 से ज्यादा देश चीन में आयोजित SCO सम्मेलन में एक-दूसरे के साथ रिश्तों को मजबूती प्रदान करने में लगे हुए हैं, तो दूसरी तरफ अमेरिका के लिए चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की एक पोस्ट ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को फिर से सुलझाने पर जोर दिया है.
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SCO शिखर सम्मेलन में दुनिया के तीन ताकतवर देशों की शक्ति देखने को मिल रही है. चीन, रूस और भारत ने मिलकर दुनिया के सभी विरोधियों को एक खास संदेश दिया है. रविवार और सोमवार को तीन महाशक्तियों की मुलाकात की तस्वीरों ने अमेरिका में हलचल पैदा कर दी है. मोदी, शी जिनपिंग और पुतिन की मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद भारत में स्थित अमेरिकी दूतावास की तरफ से किए गए एक ट्वीट को भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर बिगड़े संबंधों को फिर से सुलझाने की ओर देखा जा रहा है. दरअसल, यह ट्वीट उस दौरान आया है, जब पीएम मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग एक-दूसरे से बातचीत कर रहे थे.
तीन महाशक्तियों ने अमेरिका की चिंता बढ़ाई
जहां एक तरफ दुनिया के 20 से ज्यादा देश चीन में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में एक-दूसरे के साथ रिश्तों को मजबूती प्रदान करने में लगे हुए हैं, तो दूसरी तरफ अमेरिका के लिए चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. यह चिंता साफतौर से अमेरिकी दूतावास की उस पोस्ट में नजर आ रही है. जिसमें कहा गया है कि 'संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है, जो 21वीं सदी का एक निर्णायक रिश्ता है. अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच की स्थायी मित्रता ही है, जो इस यात्रा को ऊर्जा प्रदान करती है.'
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो का भी बयान शामिल
बता दें कि इस पोस्ट में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो का भी एक बयान शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 'भारत और अमेरिका के लोगों के बीच गहरी दोस्ती हमारे संबंधों का आधार है.
सोमवार को भी गर्मजोशी से मिले तीनों नेता
रविवार के अलावा सोमवार को भी सुबह पीएम मोदी, राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पुतिन की एक और गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई. इस मुलाकात, बातचीत में तीनों ही नेताओं के हाव-भाव से यह साफ पता चल रहा था कि अमेरिका के टैरिफ प्लान से तीनों ही नेता किसी भी तरह की चिंता या दबाव में नहीं है. पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन एक ही कार में बैठकर मीटिंग वैन्यू तक पहुंचे.
SCO के दूसरे दिन पीएम मोदी का संबोधन
बता दें कि चीन के तियानजिन में पीएम मोदी, राष्ट्रपति पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात की चर्चा दुनिया भर में हो रही है. खासतौर से राजनीति और कूटनीति को प्रभावित करने वाले हर देश की राजधानियों में हो रही है. वहीं सोमवार की सुबह पीएम मोदी ने SCO के संबोधन में कहा कि 'ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को आउटडेटेड फ्रेमवर्क्स में कैद रखना भावी पीढ़ियों के प्रति घोर अन्याय है.' नई पीढ़ी के बहुरंगी सपनों को हम पुराने जमाने की ब्लैक एंड व्हाइट स्क्रीन पर नहीं दिखा सकते. इसके लिए स्क्रीन बदलनी होगी.'
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में रिफॉर्म्स का आह्वान किया
इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में रिफॉर्म्स का आह्वान करते हुए कहा कि इसकी 80वीं वर्षगांठ पर हम इसकी शुरुआत कर सकते हैं.
अमेरिकी दूतावास का ट्वीट
अमेरिकी दूतावास की तरफ से किए गए ट्वीट में भारत के साथ व्यापारिक साझेदारी की दुहाई दी गई है. इस ट्वीट में लिखा गया है कि "संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है, जो 21वीं सदी का एक निर्णायक रिश्ता है. इस महीने हम उन लोगों, प्रगति और संभावनाओं पर प्रकाश डाल रहे हैं, जो हमें आगे बढ़ा रहे हैं. नवाचार और उद्यमिता से लेकर रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों तक यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच की स्थायी मित्रता ही है, जो इस यात्रा को ऊर्जा प्रदान करती है.'
बिना नाम लिए चीनी राष्ट्रपति ने साधा निशाना
वहीं SCO सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बिना अमेरिका का नाम लिए अपने संबोधन में कहा कि "हमें विश्व के एक समान और व्यवस्थित बहुध्रुवीय स्वरूप तथा सभी के लिए लाभकारी और समावेशी आर्थिक वैश्वीकरण की वकालत करनी चाहिए और वैश्विक शासन प्रणाली को अधिक न्यायसंगत और समतापूर्ण बनाना चाहिए.'
शी जिनपिंग की भावनाओं पर पुतिन ने जताई सहमति
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भावनाओं से सहमति जताते हुए रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भी SCO से यूरोप और एशिया में सुरक्षा की एक "नई प्रणाली" बनाने का आह्वान किया. उन्होंने इसे पश्चिमी नेतृत्व वाले गठबंधनों के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया, जिसका वह लंबे समय से विरोध करते रहे हैं.
छठी बार चीन के दौरे पर गए पीएम मोदी
पीएम मोदी की बतौर प्रधानमंत्री चीन की यह छठी यात्रा है. उनकी आखिरी चीनी यात्रा साल 2018 में हुई थी. अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने चीन का एक भी बार दौरा नहीं किया. पहले कार्यकाल में भारत और चीन के रिश्ते काफी अच्छे थे, जिसकी वजह से उन्होंने 2015 से लेकर 18 तक कुल 5 यात्रा की थी, लेकिन 2020 में गलवान घाटी झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव उत्पन्न हुआ, ऐसे में करीब 7 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी चीन के दौरे पर गए हैं.
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