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अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी केस में ईडी की बड़ी कार्रवाई, अमरप्रीत कौर के खिलाफ तीसरी शिकायत दर्ज

जांच के दौरान ईडी ने पाया कि अमरप्रीत कौर से जुड़ी अपराध की आय का इस्तेमाल करके कई अचल संपत्तियां खरीदी गई थीं. इन संपत्तियों में सीधे पीओसी का उपयोग किया गया था. इस आधार पर ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 18 जुलाई 2024 को कुल 9.68 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियों के लिए अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था.

Image Credits_IANS

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के एक बड़े मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है. देहरादून स्थित ईडी ने बुधवार को विशेष न्यायालय (पीएमएलए), देहरादून के समक्ष अमरप्रीत कौर (पत्नी बनमीत सिंह) के खिलाफ तीसरा अभियोजन शिकायत दायर किया है. यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी संगठन से जुड़ा है, जिसमें आरोपी अमरप्रीत कौर संगठन की सक्रिय सदस्य बताई जा रही हैं.

अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी केस में ईडी की बड़ी कार्रवाई

जांच के दौरान ईडी ने पाया कि अमरप्रीत कौर से जुड़ी अपराध की आय का इस्तेमाल करके कई अचल संपत्तियां खरीदी गई थीं. इन संपत्तियों में सीधे पीओसी का उपयोग किया गया था. इस आधार पर ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 18 जुलाई 2024 को कुल 9.68 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियों के लिए अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था. जांच अभी भी जारी है और आगे की संपत्तियां भी चिह्नित की जा सकती हैं.

यह पूरा मामला अमेरिकी अधिकारियों के आपसी कानूनी सहायता (एमएलए) अनुरोध पर शुरू हुआ था. ईडी ने पीएमएलए की धारा 2(आरए) का उपयोग किया, जो सीमा पार प्रभाव वाले अपराध को कवर करता है. मुख्य अनुसूचित अपराध एनडीपीएस अधिनियम (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज एक्ट) से संबंधित हैं.

ड्रग आय से खरीदी गईं अचल संपत्तियां जब्त

जांच से पता चला कि बनमीत सिंह और उसके भाई परविंदर सिंह अन्य लोगों के साथ मिलकर सिंह डीटीओ (ड्रग ट्रैफिकिंग ऑर्गेनाइजेशन) नामक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी समूह चला रहे थे. यह संगठन यूएसए, यूके और अन्य यूरोपीय देशों में ड्रग्स की बिक्री करता था. वे डार्क वेब पर वेंडर मार्केटिंग साइट्स, क्लियर वेब वेबसाइटों पर मुफ्त विज्ञापन और नशीले पदार्थों के वितरकों के नेटवर्क का इस्तेमाल करते थे.

संगठन ने डार्क वेब बाजारों से ड्रग बिक्री के माध्यम से बड़ी आय अर्जित की, जिसे क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग किया जाता था. दोनों भाई विभिन्न डार्क वेब मार्केट्स जैसे सिल्क रोड 1, अल्फा बे और हंसा पर 'लिस्टन' उपनाम का इस्तेमाल करते थे. ईडी ने पहले की तलाशी में परविंदर सिंह की जानकारी के आधार पर 268.22 बिटकॉइन (लगभग 130 करोड़ रुपए मूल्य) जब्त किए थे. बनमीत सिंह और परविंदर सिंह को ईडी ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं.

इससे पहले ईडी ने मुख्य आरोपी परविंदर सिंह और बनमीत सिंह के खिलाफ 24 जून 2024 और 26 जुलाई 2024 को दो प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दायर की थीं. विशेष न्यायालय ने इन पर क्रमशः 2 जुलाई 2024 और 27 जुलाई 2024 को संज्ञान लिया था. कोर्ट ने 22 मार्च 2025 के आदेश में बनमीत सिंह के खिलाफ पहले ही आरोप तय कर दिए थे.

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