मोदी कैबिनेट ने लिए अहम फैसले, आपातकाल के खिलाफ प्रस्ताव पारित, पुणे मेट्रो के दूसरे फेज को मंजूरी, आगरा में बनेगा अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 1975 में लगाए गए आपातकाल की कड़ी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया है. कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को भी मंजूरी दी.

देश में आपातकाल लगाए जाने की 50वीं बरसी के मौके पर बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई, जिसमें आपातकाल के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. इस प्रस्ताव में 1975 में लगे आपातकाल को 'लोकतंत्र और संविधान की हत्या' करार दिया गया और इसकी कड़ी निंदा की गई. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल से लड़ने वाले अनगिनत लोगों के बलिदानों का स्मरण करने का संकल्प लिया. मंत्रिमंडल ने संविधान की हत्या के प्रयास को असफल करने वाले इन योद्धाओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया. इस दौरान बैठक में आपातकाल की ज्यादतियों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि के देने के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट मीटिंग में पारित प्रस्तावों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2025 संविधान हत्या दिवस की 50वीं वर्षगांठ है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1975 में लगाए गए आपातकाल की कड़ी निंदा करते हुए प्रस्ताव पास किए हैं. प्रस्ताव में कहा गया है कि आपातकाल के दौरान देशभर में लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हुआ और आम आदमी के संवैधानिक अधिकार छीने गए थे.
युवाओं से सीख लेने का आह्वान
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ युवाओं को भी इन लोकतंत्र सेनानियों से सीखने का आह्वान किया. इन वीरों ने तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध किया और हमारे संविधान एवं लोकतांत्रिक भावना की दृढ़ता से रक्षा की. लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत, संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण, सुरक्षा और रक्षा का मूर्तरूप है. आइए, एक राष्ट्र के रूप में हम अपने संविधान और उसकी लोकतांत्रिक व संघीय भावना को बनाए रखने के संकल्प को और मजबूत करें.
कैबिनेट में कुल तीन प्रस्ताव पारित किए गए
कैबिनेट में कुल 3 प्रस्ताव पारित किए गए. एक अन्य प्रस्ताव में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य लोगों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उनके एक्सिओम-4 मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत किया. शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार होकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर निकले हैं, जिसे स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं.
पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है. वनज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी), जो कि पहले चरण के तहत मौजूदा वनज-रामवाड़ी कॉरिडोर का विस्तार है. ये दोनों एलिवेटेड कॉरिडोर 12.75 किलोमीटर तक फैले होंगे और इनमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे. इस परियोजना को चार साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है. इस परियोजना की अनुमानित लागत 3626.24 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी द्विपक्षीय/बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा समान रूप से साझा किया जाएगा.
संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मिली मंजूरी
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट समिति ने झरिया कोलफील्ड में आग, भूमि धंसाव और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है.
संशोधित योजना के कार्यान्वयन के लिए कुल वित्तीय परिव्यय 5,940.47 करोड़ रुपये है।. चरणबद्ध दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगा कि आग और धंसाव से निपटने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को सबसे अधिक संवेदनशील स्थलों से प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा.
अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना को मिली मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आगरा, उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (CSARC) की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है.