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UP: योगी सरकार का तोहफा, सात शहरों में बिछेगा 850 किमी मेट्रो नेटवर्क, लखनऊ-कानपुर-आगरा में होगा बड़ा विस्तार!

उत्तर प्रदेश सरकार का यह विजन केवल परिवहन का विस्तार नहीं है, बल्कि यह शहरी विकास, रोजगार, व्यापार और पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक बड़ा कदम है. जब यह 850 किलोमीटर का विशाल मेट्रो नेटवर्क तैयार होगा, तो यह न केवल सफर को आसान बनाएगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार देगा.

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10 Nov 2025
( Updated: 11 Dec 2025
05:03 AM )
UP: योगी सरकार का तोहफा, सात शहरों में बिछेगा 850 किमी मेट्रो नेटवर्क, लखनऊ-कानपुर-आगरा में होगा बड़ा विस्तार!
Image Source: Social Media

UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने आने वाले समय के लिए एक बहुत ही बड़ा लक्ष्य तय किया है. सरकार के विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार वर्ष 2047 तक प्रदेश के सात बड़े शहरों में लगभग 850 किलोमीटर लंबा मेट्रो नेटवर्क बनाया जाएगा. इसमें सबसे ज़्यादा काम लखनऊ, कानपुर और आगरा जैसे प्रमुख शहरों में होगा, जहाँ अकेले ही 350 किलोमीटर से अधिक मेट्रो रूट तैयार करने की योजना है.

गुरुग्राम में पेश हुआ विजन डॉक्यूमेंट

यह विजन डॉक्यूमेंट हरियाणा के गुरुग्राम में चल रहे अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस एंड एक्सपो के समापन अवसर पर रविवार को प्रस्तुत किया गया. इस दौरान मेट्रो प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने विस्तार से जानकारी दी. कॉन्फ्रेंस के आखिरी दिन “गैर-किराया राजस्व के लिए रणनीति (Strategy for Non-Fare Revenue)” विषय पर एक खास सत्र भी हुआ, जिसमें बताया गया कि मेट्रो सिर्फ सफर का जरिया ही नहीं बल्कि शहरों की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन सकती है.

मेट्रो स्टेशन बनेंगे व्यापार और समाज के केंद्र

सरकार का लक्ष्य है कि मेट्रो स्टेशन सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक और सामाजिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में भी विकसित किए जाएँ. यानी यात्रियों को तो सुरक्षित और आरामदायक सफर मिलेगा ही, साथ ही स्टेशनों पर दुकानों, स्टॉल, कार्यक्रमों और सामाजिक गतिविधियों के ज़रिए लोगों के लिए रोजगार और व्यापार के अवसर भी बढ़ेंगे.

बढ़ेगा नॉन-फेयर रेवेन्यू, मेट्रो होगी आत्मनिर्भर

सुशील कुमार ने बताया कि मेट्रो अब सिर्फ टिकटों से ही नहीं, बल्कि कई और तरीकों से भी कमाई कर रही है. इसमें प्रॉपर्टी डेवलपमेंट, विज्ञापन, स्टेशन परिसरों में स्टॉल, बुक फेयर, और एनजीओ व स्वयं सहायता समूहों के लिए जगह उपलब्ध कराना शामिल है. इन उपायों से मेट्रो के नॉन-फेयर बॉक्स रेवेन्यू (Non-Fare Box Revenue) यानी गैर-किराया आय में लगातार वृद्धि हो रही है. इससे मेट्रो को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी.

अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस: विचार और नवाचार का मंच

अर्बन मोबिलिटी इंडिया (यूएमआई) कॉन्फ्रेंस एंड एक्सपो देश के शहरी परिवहन क्षेत्र में विचार-विमर्श, नीति-निर्माण और नए नवाचारों पर चर्चा का सबसे बड़ा मंच माना जाता है. इस कॉन्फ्रेंस में देशभर के विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और तकनीकी जानकार शामिल होते हैं ताकि शहरों में बेहतर, टिकाऊ और आधुनिक परिवहन व्यवस्था विकसित की जा सके.

मेट्रो से बदलेगा यूपी का चेहरा

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उत्तर प्रदेश सरकार का यह विजन केवल परिवहन का विस्तार नहीं है, बल्कि यह शहरी विकास, रोजगार, व्यापार और पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक बड़ा कदम है. जब यह 850 किलोमीटर का विशाल मेट्रो नेटवर्क तैयार होगा, तो यह न केवल सफर को आसान बनाएगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार देगा.

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