यूपी में कम होंगी डीज़ल गाड़ियाँ, योगी सरकार तैयार कर रही बड़ा प्लान
CM Yogi: सरकार का मानना है कि अगर इलेक्ट्रिक वाहनों का विस्तार इसी तरह होता रहा तो आने वाले कुछ सालों में यूपी पहले से ज्यादा साफ, सुरक्षित और सुविधाजनक यातायात वाला राज्य बन जाएगा.
Follow Us:
Diesel Vehicles Ban in UP: उत्तर प्रदेश सरकार अब सार्वजनिक यातायात को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर ले जाने की तैयारी कर रही है. अभी तक शहरों में चलने वाली ज्यादातर बसें और अन्य सार्वजनिक वाहन डीज़ल पर चलते हैं, जिसकी वजह से हवा में प्रदूषण बढ़ता है और ईंधन पर खर्च भी ज्यादा होता है. इन समस्याओं को कम करने के लिए सरकार ने योजना बनाई है कि आने वाले समय में डीज़ल वाहनों की संख्या घटाई जाएगी और उनकी जगह इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जाएंगे. सरकार का लक्ष्य है कि विकसित उत्तर प्रदेश के सपने को पूरा करने के लिए पूरे प्रदेश के सार्वजनिक यातायात को धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक मोड में बदला जाए.
इलेक्ट्रिक बसों का बढ़ता बेड़ा
फिलहाल प्रदेश में करीब 800 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं. ये बसें मुख्य रूप से शहरों में चलाई जा रही हैं और लोग इससे काफी संतुष्ट भी हैं क्योंकि ये शोर कम करती हैं, प्रदूषण नहीं फैलातीं और यात्रा आरामदायक होती है. सरकार अब केंद्र सरकार के सहयोग से इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को काफी बढ़ाना चाहती है। इसके लिए यूपी सरकार फेम (FAME) योजना और पीएम ई-बस सेवा जैसी योजनाओं के तहत नई बसों की मांग केंद्र को भेजेगी। सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2030 तक यूपी में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाकर 8 हजार तक करने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें से लगभग 2700 बसें केंद्र की पीएम ई-बस सेवा योजना से मिल सकती हैं.
मेट्रो सेवाओं का भी विस्तार
केवल सड़क यातायात ही नहीं, बल्कि यूपी में मेट्रो सेवाओं का भी विस्तार किया जाएगा. मेट्रो एक तेज, आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा का साधन है। अगर मेट्रो नेटवर्क बढ़ेगा तो लोगों को शहरों में आने-जाने में काफी आसानी होगी. इससे ट्रैफिक जाम कम होंगे और प्रदूषण भी घटेगा. मेट्रो और इलेक्ट्रिक बसों से यात्रा करने पर लोगों का समय और पैसा दोनों बचेंगे. इसके अलावा, सरकार को भी सार्वजनिक यातायात संचालित करने में कम खर्च आएगा.
निजी वाहनों में भी बढ़ावा
सरकार सिर्फ सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक नहीं बना रही, बल्कि निजी वाहनों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार कई तरह की सब्सिडी दे रही है. दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर लोगों को 5,000 रुपये तक की मदद दी जाती है, जबकि चार पहिया इलेक्ट्रिक गाड़ी पर एक लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है. इसके अलावा रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क पर भी बड़ी छूट दी जा रही है. बसों और बड़े वाहनों के लिए सरकार लगभग 20 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने की योजना बना रही है, ताकि ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहन अपनाएं.
इलेक्ट्रिक वाहनों से होने वाले फायदे
यह भी पढ़ें
इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने से सबसे बड़ा फायदा है प्रदूषण में कमी. शहरों में बढ़ते धुएँ और खराब हवा की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ेगा. इसके साथ ही ईंधन पर होने वाला खर्च कम होगा क्योंकि बिजली पर चलने वाले वाहन डीज़ल और पेट्रोल की तुलना में बहुत सस्ते पड़ते हैं. लोगों को शांत, आरामदायक और झटकों से मुक्त यात्रा मिलती है. सरकार का मानना है कि अगर इलेक्ट्रिक वाहनों का विस्तार इसी तरह होता रहा तो आने वाले कुछ सालों में यूपी पहले से ज्यादा साफ, सुरक्षित और सुविधाजनक यातायात वाला राज्य बन जाएगा.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें