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'बापू के नाम पर भ्रष्टाचार, खा-खाकर मोटे हो गए कांग्रेसी', निशिकांत दुबे ने विपक्ष को VB-राम जी बिल पर घेरा

संसद में मनरेगा का नाम बदलकर वीबी-जी राम जी रखने को लेकर आए बिल पर जबरदस्त बवाल मचा हुआ है. इस मुद्दे पर बात करते हुए बीजेपी के फायरब्रांड सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला और कहा कि कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार कर मोटे हो गए हैं, इन्हें जवाबदेह बनाया जाना चाहिए.

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18 Dec 2025
( Updated: 18 Dec 2025
11:34 AM )
'बापू के नाम पर भ्रष्टाचार, खा-खाकर मोटे हो गए कांग्रेसी', निशिकांत दुबे ने विपक्ष को VB-राम जी बिल पर घेरा
Nishikant Dubey in Parliament

देश में इन दिनों मनरेगा का नाम बदलने को लेकर बवाल मचा हुआ है. केंद्र की मोदी सरकार इसका नाम बदलकर वीबी-जी राम जी रखने को लेकर एक बिल लाई है, जिस पर पक्ष और विपक्ष में जोरदार वार-पलटवार का दौर जारी है. संसद में भी इस पर बहस जारी है. वहीं बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने दो टूक कहा कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपिता जैसे पदों और पदवियों के नाम पर राजनीति या योजनाएं नहीं होनी चाहिए. इतना ही नहीं, दुबे ने आगे कहा कि जिस तरह राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के नाम पर कोई योजनाएं नहीं चलाई जाती हैं, उसी तरह राष्ट्रपिता के नाम पर भी कोई योजना नहीं होनी चाहिए.

लोकसभा में मनरेगा से जुड़े बिल पर देर रात तक चर्चा के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि मनरेगा से जुड़े बिल पर रात एक बजे भी चर्चा हो रही है, इससे सरकार की सोच स्पष्ट होती है. दुबे ने यह आरोप लगाया कि जब भी वह सदन में बोलने के लिए खड़े होते हैं, कांग्रेसी सांसद हो-हल्ला करने लगते हैं और संविधान के नाम पर देश को गुमराह करते हैं.

संविधान का हवाला देकर कांग्रेस पर निशाना

बीजेपी के फायरब्रांड सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में संविधान के अनुच्छेदों और प्रावधानों का हवाला देकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा संविधान की दुहाई तो देती है, लेकिन खुद ही उसकी मूल भावना के खिलाफ अर्जियां करती है और उसकी सोच को नहीं समझती है. दुबे ने आर्टिकल 51A और आर्टिकल 49 का हवाला देते हुए आगे कहा कि संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर किसी भी सरकारी योजना का नामकरण हो ही नहीं सकता. इतना ही नहीं, उन्होंने इस दौरान यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने केवल भ्रष्टाचार और अपना हित साधने के लिए महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल किया और उनके नाम का राजनीतिकरण किया है.

'कांग्रेसी खा-खाकर मोटे हो गए हैं'

गोड्डा से बीजेपी सांसद ने इस दौरान सदन में दावा किया कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा में 50 प्रतिशत तक कमीशनखोरी होती थी. उन्होंने यह आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता जो भ्रष्टाचार करके ‘मोटे हो गए हैं’, उन्हें नए कानून में किए गए लोकपाल की व्यवस्था और प्रावधानों के तहत जवाबदेह बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब मिट्टी की माप तीन दिन के भीतर होगी और नियमों का पालन न होने पर भुगतान नहीं किया जाएगा.

'संविधान तो हम बचा रहे हैं'

निशिकांत दुबे ने इस दौरान कहा कि मोदी सरकार असल मायने में संविधान को बचाने का काम कर रही है, जबकि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर और मीसा कानून लागू कर संविधान का गला घोंटा था. उन्होंने महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा महात्मा गांधी के नाम को भ्रष्टाचार से बदनाम होने से बचा रही है.

क्या है 'विकसित भारत-जी राम जी बिल'?

आपको बता दें कि केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में विकसित भारत–जी राम जी (विकसित भारत–रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) के लिए गारंटी): विकसित भारत–जी राम जी विधेयक-2025 पेश किया. इसके तहत हर वर्ष 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान की जाएगी.

वीबी-जी राम जी योजना में खर्च होगी 95 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि!

संसद में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारा संकल्प है गरीबों का कल्याण और उसी संकल्प को पूरा करने का हमने प्रयास किया है. न केवल गरीबों का कल्याण, बल्कि गांवों का संपूर्ण विकास, जो महात्मा गांधी भी कहते थे—एक संपूर्ण गांव, एक स्वावलंबी गांव, एक विकसित गांव का निर्माण. इसका प्रावधान इसमें किया गया है और केवल प्रावधान ही नहीं, केंद्र सरकार इस पर 95 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च करने का काम करेगी, यह हमने तय किया है.

शिवराज सिंह चौहान ने नाम बदलने को लेकर कांग्रेस को घेरा

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इससे पहले रोजगार की कई योजनाएं आईं. एक योजना का नाम जवाहर रोजगार योजना था. बाद में कांग्रेस ने ही जवाहर रोजगार योजना का नाम बदल दिया, तो क्या पंडित जवाहरलाल नेहरू का अपमान हो गया? शिवराज सिंह ने कहा कि गरीबों के कल्याण के लिए कई बार बजट का असमान वितरण होता है और कई पंचायतें विकास में पीछे रह जाती हैं, इसलिए इसमें पंचायत का ग्रेडेशन करके जो अविकसित और कम विकसित पंचायतें हैं, उन्हें ज्यादा काम देने का प्रावधान भी किया गया है.

शिवराज सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी हमारे दिलों में बसते हैं और महात्मा गांधी तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय का यह संकल्प था कि जो सबसे पीछे हैं, जो सबसे नीचे हैं, उनका कल्याण सबसे पहले किया जाए. हम महात्मा गांधी की भी मानते हैं और उन्हीं के विचारों पर आधारित, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर आधारित गरीब कल्याण की कई योजनाएं यह सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चला रही है.

मनरेगा की राशि पर भी केंद्रीय मंत्री का जवाब

केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि जहां तक मनरेगा का सवाल है, कांग्रेस और यूपीए तो केवल मनरेगा लेकर आई थीं. यूपीए सरकार ने मनरेगा पर 2 लाख 13 हजार 220 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि हमने 8 लाख 53 हजार 810 करोड़ रुपये गरीब कल्याण पर खर्च किए और इस योजना को और मजबूत करने की कोशिश की है.

'बापू दिल में, राम रोम-रोम में'

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नया बिल गांवों का संपूर्ण विकास करेगा. उन्होंने कहा कि शरद पवार जब केंद्रीय कृषि मंत्री थे, तब उन्होंने ही कहा था कि कृषि कार्यों के लिए मजदूर नहीं मिलते. हमने उनकी उस चिंता का भी समाधान करने का प्रयास किया है. शिवराज सिंह ने कहा कि बापू हमारे दिलों में बसते हैं, उनका हम पूरा सम्मान करते हैं, और बापू ही कहते थे राम राज्य. राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं और राम हमारी हर सांस में बसे हैं. बिना राम के यह देश नहीं जाना जाता.

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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर गरीब को भरपूर रोजगार मिले, उसकी गरिमा का सम्मान हो, दिव्यांग, बुजुर्ग, महिलाएं तथा अनुसूचित जाति-जनजाति को सुरक्षा और संरक्षण दिया जाए, इसके लिए यह बिल लेकर आए हैं. गांवों का संपूर्ण विकास करेंगे और कृषि व मजदूरी दोनों में संतुलन स्थापित करने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि यह पूरा बिल गांधी जी की भावनाओं के अनुरूप है और राम राज्य की स्थापना की दिशा में एक कदम है

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