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स्टूडेंट्स की सेहत के लिए CBSE ने उठाया बड़ा कदम, सभी स्कूलों में लगाए जाएंगे 'ऑयल बोर्ड', जानें आखिर क्या है यह नया नियम

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की तरफ से अब स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों के सेहत का खास ख्याल रखा जाएगा. इसके लिए सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने अनुसार स्कूल में 'ऑयल बोर्ड' लगाएं, ताकि बच्चों को अपने खान-पान में तेल के सही मात्रा के प्रति जागरूक किया जा सके.

16 Jul, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
04:25 AM )
स्टूडेंट्स की सेहत के लिए CBSE ने उठाया बड़ा कदम, सभी स्कूलों में लगाए जाएंगे 'ऑयल बोर्ड', जानें आखिर क्या है यह नया नियम

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE ) अब स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के सेहत का खास ख्याल रखने के लिए एक नई गाइडलाइंस लेकर आई है. इसके तहत बच्चों के खान-पान से लेकर उनकी फिटनेस पर भी ध्यान दिया जाएगा. खासतौर से बच्चों के मोटापे को लेकर बोर्ड ने इस नियम को लागू करने का बड़ा फैसला किया है. लगातार बदलती लाइफस्टाइल और हेल्दी फास्ट फूड के चलते अधिकतर बच्चे मोटापे से ग्रसित होते जा रहे हैं, जो कम उम्र में ही चलने-फिरने या दौड़ने के दौरान कुछ ही मिनट के अंदर थकान सा महसूस करने लगते हैं. यही वजह है कि बोर्ड द्वारा यह फैसला लिया गया है. इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को शिक्षा जितनी ही प्राथमिकता देना है, ताकि एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा मिल सके. 

CBSE बोर्ड के स्कूलों में लगाए जाएंगे 'ऑयल बोर्ड'

CBSE बोर्ड के तहत आने वाले सभी स्कूलों के लिए एक नई गाइडलाइंस जारी की गई है. इसमें बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखते हुए सभी स्कूलों में 'ऑयल बोर्ड' लगाए जाएंगे, ताकि छात्रों में खाने में तेल की मात्रा के प्रति जागरूकता बढ़ाया जा सके. बोर्ड के अनुसार सभी स्कूलों को अपनी सुविधा और रचनात्मकता के अनुसार बोर्ड्स का डिजाइन खुद से चुनने का अधिकार दिया गया है. मतलब स्कूल अपने बच्चों को खाने-पीने को लेकर इस नियम को जितनी आसानी से समझा सकते हैं. वह उसी हिसाब से बोर्ड को डिजाइन करवा सकते हैं. 

'ऑयल बोर्ड' के दिशा-निर्देश 

1 - सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में लगाए जाने वाले 'ऑयल बोर्ड' के जरिए बच्चों को यह संदेश दिया जाएगा कि वह अपने खाने में तेल की मात्रा को कितना चुने, ताकि सेहत पर किसी तरह का कोई प्रभाव न पड़े. यह बोर्ड बच्चों की जागरूकता के लिए रहेगा. 

2 - इस बोर्ड में आधिकारिक दस्तावेजों के साथ मोटापे से बचाव के जुड़े संदेश छपे रहेंगे. मार्केट में बिकने वाली जंक फूड की जगह पर पौष्टिक भोजन को तय मात्रा में खाने और नियमित व्यायाम को भी बढ़ावा देने की एक पहल होगी. 

3 - अधिकतर बच्चे अपार्टमेंट में या जिस भी जगह पर रहते हैं, अगर वहां लिफ्ट की सुविधा रहती है, तो नजदीकी 1 या 2 फ्लोर चलने में भी वह सीढ़ी के बजाए लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में बच्चों को सीढ़ियों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाएगा. 

समोसे, जलेबी और लड्डू के लिए सरकार ने जारी की गाइडलाइंस

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इससे पहले सोमवार को केंद्र सरकार ने समोसे, जलेबी और लड्डू के खाने को लेकर एडवाइजरी जारी की थी. सरकार ने कहा था कि लोग हेल्दी खाना खाएं और शुगर-ऑयल से बचें. वहीं, आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है. सिर्फ भारतीय पकवानों को टारगेट करने की बात गलत है. इस वायरल खबर को लेकर स्वास्थ्य सचिव की तरफ से जारी लेटर में कहा गया कि सरकार सिर्फ इतना चाहती है कि लोग हेल्दी खाना खाएं, क्योंकि मोटापा बड़ी समस्या बन रहा है. खासकर शहरों में लोग मोटापे से अधिक ग्रसित हो रहे हैं. 

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