हफ्ते में 90 घंटे काम कराने की बात करने वाले SN Subrahmanyan को Anand Mahindra ने दिया जवाब !
लार्सन एंड टूब्रो जैसी दिग्गज कंपनी के चेयरमैन और एमडी की जिम्मेदारी निभा रहे एसएन सुब्रह्मण्यम ने बयान दिया कि कर्मचारियों को हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए तो वहीं आनंद महिंद्रा ने सुनिये क्या जवाब दिया !

संडे को भी ऑफिस आओ और एक हफ्ते में 90 घंटे तक काम करो। किसी कंपनी का मालिक अगर आपसे ये बातें कहे तो। आप क्या कहेंगे। पहली बार में तो आपका माथा ही ठनक जाएगा। कि यहां तो 9 घंटे के हिसाब से हफ्ते में 54 घंटे काम करना भी मुश्किल हो रहा है।और यहां एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने की बात की जा रही है।और ये बात भी पता है कौन कर रहा है।इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के चेयरमैन और एमडी एसएन सुब्रह्मण्यम कर रहे हैं।जो खुद 51 करोड़ रुपये सैलरी उठाते हैं।उन्हें लगता है कि नौकरी करने वाले इंसान नहीं गधा हैं।इसीलिये उन्हें हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए। ऐसी सोच रखने वाले एसएन सुब्रह्मण्यम को अब दिग्गज उद्योगपति और महिंद्रा ग्रुप के मालिक आनंद महिंद्रा ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।
कहते हैं जितना जरूरी काम करना होता है।उतना ही जरूरी सेहत का ख्याल रखना भी होता है। इसीलिये सरकारी हो या प्राइवेट।हर सेक्टर में कर्मचारियों से हफ्ते में 6 दिन ही काम लिया जाता है।और एक दिन आराम के लिए छुट्टी दी जाती है। कहीं कहीं तो पांच दिन ही काम लिया जाता है और दो दिन की छुट्टी दी जाती है।लेकिन लगता है लार्सन एंड टूब्रो जैसी दिग्गज कंपनी के चेयरमैन और एमडी की जिम्मेदारी निभा रहे एसएन सुब्रह्मण्यम को अब ये भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसीलिये उन्होंने बयान दिया कि। "मुझे इस बात का खेद है कि मैं आपको रविवार के दिन ऑफिस नहीं बुला पा रहा हूं, सच कहूं तो अगर आप रविवार के दिन भी काम करेंगे तो आप ज्यादा खुश रहेंगे, आप घर पर बैठ कर क्या करेंगे, कब तक आप अपनी पत्नी का चेहरा देखेंगे, कब तक आपकी पत्नी आपका चेहरा देखेगी, ऑफिस आओ और काम करो"
अरे रुको जरा। ठहरो जरा। बात यहीं खत्म नहीं हुई। एक और बयान में सुब्रह्मण्यम साहब ने चीन का हवाला देते हुए कहा कि। 'मैं हाल ही में एक चीनी व्यक्ति से मिला, उसने मुझसे कहा कि हम अमेरिका को कभी भी हरा सकते हैं क्योंकि अमरीकी लोग हफ्ते में 50 घंटे काम करते हैं और हम 90 घंटे काम करते हैं, मैं उसके जवाब से हिल गया, मेरा भी आपसे यही जवाब है, अगर आपको दुनिया में बड़ा बनना है तो आपको भी इतना ही काम करना होगा"
लार्सन एंड टूब्रो जैसी बड़ी कंपनी के चेयरमैन सुब्रह्मण्यम ने हफ्ते 90 घंटे काम करने की सलाह देकर देश में एक नई बहस छेड़ दी है। जिसका जमकर विरोध हो रहा है।क्योंकि उनका ये तर्क किसी को भी पसंद नहीं आ रहा है। यहां तक कि महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी इस मामले में अपनी बात रखते हुए कहा कि।"मैं नारायण मूर्ति और अन्य लोगों का बहुत सम्मान करता हूं इसलिये मुझे गलत मत समझिये लेकिन मुझे कुछ कहना है, मुझे लगता है ये बहस गलत दिशा में है, मेरा कहना है कि हमें काम की क्वालिटी पर ध्यान देना होगा, काम की क्वांटिटी पर नहीं, तो यह 48 घंटे, 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे के बारे में नहीं है, चाहे आप 10 घंटे ही काम क्यों न करें, आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं"
इतना ही नहीं सोशल मीडिया मीडिया में अक्सर एक्टिव रहने वाले आनंद महिंद्रा ने इस मामले में भी जवाब देते हुए कहा कि।" मैं एक्स या सोशल मीडिया पर इसलिए नहीं हूं क्योंकि मैं अकेला हूं, मेरी पत्नी बहुत अच्छी हैं, मुझे उन्हें निहारते रहना अच्छा लगता है"
"मुझसे अक्सर पूछा जाता है कि मैं सोशल मीडिया पर कितना समय बिताता हूं, मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं एक्स या सोशल मीडिया पर इसलिए नहीं हूं क्योंकि मैं अकेला हूं, मेरी पत्नी बहुत अच्छी हैं, मुझे उन्हें निहारते रहना अच्छा लगता है, इसलिए, मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आया हूं, मैं यहां इसलिए हूं क्योंकि सोशल मीडिया एक अद्भुत बिजनेस टूल है"
एक तरफ लार्सन टूब्रो जैसी बड़ी कंपनी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्ममण्यम हैं जो युवाओं को हफ्ते में नब्बे घंटे यानि एक दिन में कम से कम 14 घंटे काम करने की नसीहत दे रहे हैं। दूसरी तरफ आनंद महिंद्रा जैसे उद्योगपति हैं जो कहते हैं दस घंटे काम करके भी आप दुनिया बदल सकते हैं।क्योंकि काम करने के लिए क्वांटिटी नहीं क्वालिटी जरूरी होती है।एक तरफ एस एन सुब्रह्मण्यम स्वामी हैं जो कर्मचारियों से कह रहे हैं कि संडे को भी ऑफिस आओ घर पर बैठ कर कब तक पत्नी को निहारोगे। तो वहीं दूसरी तरफ आनंद महिंद्रा कहते हैं। मेरी पत्नी बहुत अच्छी हैं, मुझे उन्हें निहारते रहना अच्छा लगता है।अब आप बताइये आपके लिए एक आदर्श उद्योगपति कौन है।जिनकी राह पर आप चलना चाहते हैं। आनंद महिंद्रा या फिर एस एन सुब्रह्मण्यम।