बेहद चमत्कारी है ये पौधा, बवासीर से लेकर पाचन तक, जाने कृष्ण सारिवा के अद्भुत लाभ
कृष्ण सारिवा का उपयोग पारंपरिक रूप से त्वचा रोगों, दस्त, उपदंश, अपच, बुखार, और गठिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है.
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कृष्ण सारिवा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे आम भाषा में 'अनंतमूल' भी कहते हैं. इसका एक और नाम भारतीय 'सारसपैरिला' भी है. यह एक जड़ होती है, जिसके पौधे का वैज्ञानिक नाम 'इचनोकार्पस फ्रूटेसेंस' है. कृष्ण सारिवा का उपयोग पारंपरिक रूप से त्वचा रोगों, दस्त, उपदंश, अपच, बुखार, और गठिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है.
इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
यह पौधा 'एपोसाइनेसी परिवार' से संबंधित है. चरक संहिता में इसका उल्लेख 'अनन्ता' के रूप में किया गया है; इसे वात-पित्त शामक, रक्तशोधक और ज्वरहर गुणों से युक्त माना गया है. इसका काढ़ा पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, साथ ही बार-बार होने वाले बुखार (जैसे मलेरिया और टाइफाइड) कम होते हैं.
पाचन शक्ति को बेहतर बनाने में कारगार
यह अपच, पेट की गड़बड़ी और दस्त जैसी समस्याओं को ठीक करने में सहायक है. यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, साथ ही इसकी जड़ को पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जाता है, जिसका उपयोग बुखार और रक्त शोधन के लिए किया जाता है.
त्वचा के इंफ्लेमेशन को कम करने में मददगार है
सुश्रुत संहिता के अनुसार, यह ज्वर (बुखार), जलन, और विष-विकारों के उपचार में उपयोगी माना गया है, साथ ही यह त्वचा संबंधी समस्याओं, जैसे दाद, खुजली, कुष्ठ रोग और अन्य चर्म रोगों के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह त्वचा के इंफ्लेमेशन को कम करने में मददगार है। आप इसका चूर्ण बनाकर लेप भी लगा सकते हैं. इसकी सूखी जड़ का चूर्ण बनाकर त्रिफला के साथ या शहद के साथ लिया जा सकता है, खासकर त्वचा रोगों के लिए.
बवासीर से लड़ने में भी मददगार
बवासीर से लड़ने में भी कृष्ण सारिवा आपके काम आ सकता है. इसकी जड़ से बना चूर्ण आप दही या छाछ के साथ सेवन करें ऐसा करने से बवासीर में लाभ मिल सकता है. हालांकि, इसका उपयोग करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
गले की सूजन में कारगार
इसके अलावा, यह मूत्र संबंधी समस्याओं, गले की सूजन, आंखों के रोगों और श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) जैसी बीमारियों में भी लाभ पहुंचाता है. हालांकि कृष्ण सारिवा के कई फायदे हैं, लेकिन इसका उपयोग हमेशा सीमित मात्रा में या किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ही करना चाहिए. खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए.
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