घर में लगाएं ये पौधा, दूर होंगी कई बीमारियां! हरसिंगार के औषधीय गुण करेंगे आपको हैरान
आयुष मंत्रालय के अनुसार, पारिजात या हरसिंगार आयुर्वेद का अमूल्य खजाना है, जो सर्दी-जुकाम से लेकर दर्द और सूजन तक हर समस्या से छुटकारा दिलाता है, और पारिजात के औषधीय गुण सेहत को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं. इसके पत्तों, फूलों और फलों का उपयोग पाउडर, लेप या काढ़े के रूप में किया जाता है. हरसिंगार के पत्ते ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं को दूर करने में कारगर हैं. यह वात दोष को संतुलित कर जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है. इसके पत्तों का पाउडर हर्बल उपचार के रूप में प्रभावी है.

रात के अंधेरे में अपनी भीनी-भीनी खुशबू से पूरे वातावरण को महकाने वाला हरसिंगार (Nyctanthes arbor-tristis), जिसे पारिजात या रात की रानी के नाम से भी जाना जाता है, सिर्फ एक सुंदर फूल वाला पौधा नहीं है. आयुर्वेद में इसे 'राहत का दूसरा नाम' कहा गया है, क्योंकि इसके फूल, पत्ते, छाल और जड़ें, सभी अनेक औषधीय गुणों से भरपूर हैं. यह एक-दो नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं की छुट्टी करने में सक्षम है. आइए जानते हैं हरसिंगार के उन अद्भुत फायदों के बारे में जो इसे वास्तव में एक चमत्कारी पौधा बनाते हैं.
हरसिंगार है आयुर्वेद का अमूल्य खजाना
आयुष मंत्रालय के अनुसार, पारिजात या हरसिंगार आयुर्वेद का अमूल्य खजाना है, जो सर्दी-जुकाम से लेकर दर्द और सूजन तक हर समस्या से छुटकारा दिलाता है, और पारिजात के औषधीय गुण सेहत को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं.
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इसके पत्तों, फूलों और फलों का उपयोग पाउडर, लेप या काढ़े के रूप में किया जाता है. हरसिंगार के पत्ते ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं को दूर करने में कारगर हैं. यह वात दोष को संतुलित कर जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है. इसके पत्तों का पाउडर हर्बल उपचार के रूप में प्रभावी है.
हरसिंगार में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सूजन को कम करते हैं और बीमारियों के जोखिम को घटाते हैं. हरसिंगार एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर एजिंग प्रक्रिया को धीमा करता है और कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है. हरसिंगार अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की समस्याओं में राहत देता है.
हरसिंगार का पेस्ट एग्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा समस्याओं के इलाज में प्रभावी
औषधीय गुणों से भरपूर पारिजात, हरसिंगार या शेफालिका को आयुर्वेद में स्वास्थ्य का खजाना माना जाता है. आयुर्वेदाचार्य भी बताते हैं कि माइग्रेन का स्थायी इलाज नहीं है, मगर इसके पत्तों से बने काढ़े को पीकर राहत मिल सकती है.
पारिजात में न केवल माइग्रेन, हड्डियों के दर्द से निजात दिलाने का गुण होता है बल्कि सर्दी-जुकाम, बुखार के लिए भी यह रामबाण माना जाता है. चिकित्सकों के मुताबिक, आयुर्वेद में पारिजात का महत्वपूर्ण स्थान है. इसके पत्ते, फूल, छाल औषधि के रूप में उपयोग किए जाते हैं.
इस फूल के पत्तों से बना काढ़ा सर्दी-जुकाम के इलाज में रामबाण माना जाता है और यह एलर्जी से मुक्ति भी दिलाता है. जोड़ों के दर्द, त्वचा रोग और अनिद्रा में भी लाभकारी है. पारिजात के पत्तों से बनी चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है. अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए पारिजात काफी लाभदायक रहा है.
हरसिंगार वाकई एक अद्भुत पौधा है जो प्रकृति का एक अनमोल उपहार है. इसके बहुमुखी औषधीय गुण इसे जोड़ों के दर्द से लेकर बुखार और पाचन समस्याओं तक, कई बीमारियों के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक समाधान बनाते हैं. अपने घर के आँगन में या गमले में हरसिंगार का पौधा लगाकर आप न केवल इसकी सुंदरता और खुशबू का आनंद ले सकते हैं, बल्कि एक शक्तिशाली प्राकृतिक औषधि का स्रोत भी प्राप्त कर सकते हैं.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.