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क्या वाकई हेल्दी है आपका कुकिंग ऑयल? कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के नए शोध से जानें

हाल ही में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन में खाना पकाने वाले तेलों को लेकर कई बड़े राज़ खुले हैं, जो हमारे दैनिक आहार और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालते हैं. यह अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि कौन सा तेल हमारे लिए सचमुच फायदेमंद है और कौन सा नुकसानदेह.

29 May, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
04:30 PM )
क्या वाकई हेल्दी है आपका कुकिंग ऑयल? कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के नए शोध से जानें
भारतीय रसोई में तेल का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. दाल में तड़का हो या सब्ज़ी बनाना, तेल के बिना खाने की कल्पना करना मुश्किल है. हम अक्सर अपनी पसंद या उपलब्धता के आधार पर अलग-अलग तरह के तेल का इस्तेमाल करते हैं, जैसे सरसों का तेल, रिफाइंड तेल, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल, या आजकल जैतून का तेल जिसे olive oil कहा जाता है और नारियल तेल भी. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप जो 'तेल' खा रहे हैं, क्या वह वाकई हेल्दी है? 

हाल ही में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन में खाना पकाने वाले तेलों को लेकर कई बड़े राज़ खुले हैं, जो हमारे दैनिक आहार और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालते हैं. यह अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि कौन सा तेल हमारे लिए सचमुच फायदेमंद है और कौन सा नुकसानदेह.

खाना पकाने वाले तेलों की सच्चाई को लेकर क्या कहती है स्टडी?


कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के इस अध्ययन ने खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न तेलों के स्वास्थ्य प्रभावों का गहराई से विश्लेषण किया है. यह विशेष रूप से तेलों में मौजूद फैटी एसिड की संरचना और उनके शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है.

तेल में दो तरह का फैट पाया जाता है - सैचुरेटेड फैट और अनसैचुरेटेड फैट. सैचुरेटेड फैट से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है इसीलिए इसे ज्यादातर नुकसानदेह माना जाता है, लेकिन रिसर्च में पता चला कि हर सैचुरेटेड फैट एक जैसा नहीं होता. कुछ सैचुरेटेड फैट, जिनकी बनावट थोड़ी अलग होती है, वे हमारे लिए नुकसानदायक नहीं होते, बल्कि ये डायबिटीज और दिल की बीमारी से बचाव में मदद कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर, कुछ और सैचुरेटेड फैट्स से इन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. 

ऑलिव ऑयल, नारियल का तेल और मक्खन का लोगों पर क्या असर होता है?


वैज्ञानिकों ने 96 लोगों पर एक टेस्ट किया. उन्होंने सबको 4 हफ्ते तक रोज एक तय मात्रा में अलग-अलग तेल खाने को दिया. किसी को ऑलिव ऑयल, किसी को नारियल का तेल और किसी को मक्खन. फिर उन्होंने इन लोगों का ब्लड टेस्ट किया और देखा कि इन तेलों ने शरीर में किस तरह का बदलाव किया. 

  • नारियल तेल से एक खास तरह का फैट (medium-chain saturated fat) काफी बढ़ गया 
  • मक्खन खाने वालों में 15 और 17 कार्बन वाले फैटी एसिड बढ़े, जो सेहत के लिए कुछ हद तक ठीक माने जाते हैं
  • ऑलिव ऑयल ने ओलिक एसिड नाम की फैट को सबसे ज्यादा बढ़ाया, जो ऑलिव में खूब पाया जाता है

इन बदलावों से सेहत पर पड़ा क्या असर?


ऐसा करने से खून में फैटी एसिड का स्तर बदल गया. इसके अलावा -

  • जिन लोगों के शरीर में ओलिक एसिड ज्यादा हुआ, उनमें गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) में थोड़ी कमी देखी गई
  • मक्खन खाने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़े, जो दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं

इससे हमें यह पता चलता है की अपने आहार में सही तेल का चुनाव करना महत्वपूर्ण है. हर तेल का शरीर पर अलग असर होता है और सभी फैट एक जैसे नहीं होते. इसलिए कोई भी तेल इस्तेमाल करने से पहले यह देखना जरूरी है कि उसमें कौन-कौन से फैट्स हैं और वे आपकी सेहत पर कैसे असर डाल सकते हैं. 

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