Advertisement

खून की कमी से लेकर जोड़ों के दर्द तक, मकोय का साग सर्दियों में कई बीमारियों से दिलाए राहत

मकोय का साग शरीर के दोषों को संतुलित करता है, खासकर वात और कफ दोष को शांत करता है. वहीं विज्ञान की नजर से देखें, तो मकोय में आयरन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन ए, सी और कई एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं.

खून की कमी से लेकर जोड़ों के दर्द तक, मकोय का साग सर्दियों में कई बीमारियों से दिलाए राहत

सर्दियों का मौसम जहां ठंड, सुस्ती और आलस लेकर आता है, वहीं यह मौसम शरीर को भीतर से मजबूत बनाने का भी सुनहरा मौका देता है. इस समय अगर खानपान सही न हो, तो कमजोरी, जोड़ों का दर्द, सर्दी-खांसी और खून की कमी जैसी समस्याएं जल्दी घेर लेती हैं. आयुर्वेद में सदियों से ऐसे कई देसी साग-सब्जियों का जिक्र मिलता है, जो सर्दियों में शरीर को गर्मी, ताकत और रोगों से लड़ने की ताकत देते हैं.

बेहद गुणकारी है मकोय का साग 

इन्हीं में से एक बेहद असरदार है मकोय का साग, जिसे गांवों में लोग पीढ़ियों से खाते आ रहे हैं. आयुर्वेद के अनुसार, मकोय का साग शरीर के दोषों को संतुलित करता है, खासकर वात और कफ दोष को शांत करता है. वहीं विज्ञान की नजर से देखें, तो मकोय में आयरन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन ए, सी और कई एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं.यह साग सर्दियों में शरीर को अंदर से ऊर्जा देता है और कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है. 

शरीर में खून की कमी को पूरा करे

यह शरीर में खून की कमी को पूरा करता है. मकोय के साग में मौजूद आयरन शरीर में नए खून के निर्माण में मदद करता है. विज्ञान भी मानता है कि आयरन हीमोग्लोबिन बढ़ाने का मुख्य तत्व है, जो शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाता है. नियमित रूप से मकोय का साग खाने से धीरे-धीरे शरीर में ताकत लौटने लगती है.

लिवर के लिए बेहद असरदार

लिवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग होता है, जो खून को साफ करता है और जहरीले तत्वों को निकालता है. आयुर्वेद के अनुसार, मकोय का साग लिवर को शुद्ध करता है और पाचन अग्नि को मजबूत बनाता है. विज्ञान की मानें तो मकोय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं. इससे लिवर बेहतर तरीके से काम करता है और शरीर में जमा गंदगी बाहर निकलती है. जिन लोगों को अपच, गैस या लिवर से जुड़ी परेशानी रहती है, उनके लिए यह साग बहुत लाभकारी है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए

सर्दियों में सर्दी, खांसी और जुकाम आम समस्या होती है. आयुर्वेद मानता है कि मकोय की तासीर हल्की गर्म होती है, जो शरीर में जमी ठंड को बाहर निकालती है. यह साग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. 

इम्यून सिस्टम को रखे मजबूत

विज्ञान भी कहता है कि विटामिन सी और फाइटोकेमिकल्स शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. नियमित सेवन से शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनता है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम होती है.

सूजन को करे कम

जोड़ों के दर्द और सूजन सर्दियों में खासतौर पर बढ़ जाते हैं. आयुर्वेद में मकोय को सूजन कम करने वाला माना गया है. इसमें मौजूद तत्व शरीर के भीतर जमा सूजन को धीरे-धीरे कम करते हैं.

जोड़ों के दर्द से दिलाए राहत

विज्ञान के अनुसार, मकोय में ऐसे प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो सूजन पैदा करने वाले तत्वों को शांत करते हैं. इससे घुटनों, कमर और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.

त्वचा रोगों में भी असरदार 

त्वचा रोगों में भी मकोय का साग बेहद असरदार है. आयुर्वेद कहता है कि जब खून साफ होता है, तो त्वचा अपने आप स्वस्थ हो जाती है. मकोय खून को साफ करता है, जिससे फोड़े-फुंसी, खुजली और दाग-धब्बों में सुधार आता है. विज्ञान भी मानता है कि इसके एंटीऑक्सीडेंट त्वचा कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और त्वचा को अंदर से चमक देते हैं.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
देश के सबसे बड़े Doctor को Istanbul की लड़की ने फंसाया, फिर जो हुआ | Detective Sanjeev Deswal
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें