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डायबिटीज की दवा अब हार्ट अटैक और स्ट्रोक से भी बचाएगी

हाल ही में एफडीए द्वारा अनुमोदित टाइप 2 डायबिटीज की दवा सोटाग्लिफ्लोज़िन हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी 23% तक कम कर सकती है। यह दवा किडनी रोग और हृदय समस्याओं के इलाज में मददगार साबित हो रही है, जिससे इसकी उपयोगिता बढ़ रही है।

Created By: NMF News
16 Feb, 2025
( Updated: 03 Dec, 2025
04:03 PM )
डायबिटीज की दवा अब हार्ट अटैक और स्ट्रोक से भी बचाएगी
भारतीय मूल के वैज्ञानिक के नेतृत्व में एक शोध दल ने पाया है कि हाल ही में अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए मंजूर की गई एक दवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकती है। 

इस अंतरराष्ट्रीय शोध में 10,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इसमें यह सामने आया कि सोटाग्लिफ्लोज़िन नामक यह दवा, जिसे किडनी रोग के इलाज के लिए भी मंजूरी मिली है, हृदय संबंधी जोखिम को भी घटा सकती है।

नई दवा से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम

सोटाग्लिफ्लोज़िन एक खास दवा है जो एसजीएलटी अवरोधक के रूप में काम करती है। यह शरीर में मौजूद दो प्रोटीन, एसजीएलटी1 और एसजीएलटी2 की क्रिया को रोकती है, जो कोशिकाओं के भीतर ग्लूकोज और सोडियम के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायती है। अन्य एसजीएलटी2 अवरोधक दवाएं एसजीएलटी1 पर उतना प्रभाव नहीं डालतीं।

माउंट सिनाई फस्टर हार्ट हॉस्पिटल के निदेशक और अमेरिका की इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में कार्डियोवस्कुलर मेडिसिन के प्रोफेसर दीपक एल. भट्ट ने बताया, "ये परिणाम क्रिया के एक नए तंत्र को प्रदर्शित करते हैं। सोटाग्लिफ्लोज़िन का इस्तेमाल करके, गुर्दे, आंत, दिल और दिमाग में मौजूद एसजीएलटी1 रिसेप्टर्स और केवल गुर्दे में मौजूद एसजीएलटी2 रिसेप्टर्स दोनों को एक साथ रोकने से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।"

यह शोध द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ, जिसमें 10,584 मरीजों को शामिल किया गया था। ये सभी मरीज पुरानी किडनी बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग के अन्य जोखिम कारकों से ग्रस्त थे। उन्हें औसतन 16 महीने तक इस दवा का असर देखने के लिए ट्रायल में रखा गया।

परिणामों में पाया गया कि सोटाग्लिफ्लोज़िन लेने वाले लोगों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हृदय संबंधी कारणों से मौत का खतरा 23% तक कम हो गया।

डॉ. भट्ट ने बताया कि यह दवा पहले से ही हृदय रोग, हार्ट फेल्योर और टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में हृदय संबंधी समस्याओं से होने वाली मौतों के जोखिम को कम करने के लिए मंजूर थी। लेकिन नए आंकड़ों से पता चला कि यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकती है, जिससे इसका उपयोग और अधिक बढ़ सकता है।

Input : IANS

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