Advertisement

13 साल की उम्र में नास्तिक बने Honey Singh के साथ ऐसा क्या हुआ कि भोलेनाथ के भक्त बन गये ?

शैतानी ताकतों के पीछे भागने वाले पॉप स्टार हनी सिंह कैसे बन गये भोलेनाथ के भक्त, एक नास्तिक से भोलेनाथ के भक्त तक का हनी सिंह का ये सफर जानकर दंग रह जाएंगे।

04 Sep, 2024
( Updated: 04 Sep, 2024
02:13 AM )
13 साल की उम्र में नास्तिक बने Honey Singh के साथ ऐसा क्या हुआ कि भोलेनाथ के भक्त बन गये ?

लू आइज़… वन बॉटल डाउन… चार बोतल वोदका दारू मेरा रोज का जैसे सुपरहिट गानों से तहलका मचाने वाले पॉप स्टार हनी सिंह (Honey Singh) की जिंदगी भी कम दिलचस्प नहीं है। एक समय ऐसा आया जब सिख धर्म से आने वाले हनी सिंह महज तेरह साल की उम्र में स्कूल की एक घटना की वजह से नास्तिक बन गए थे। लेकिन अब ऐसा क्या हुआ कि वही हनी सिंह सच्चे सनातनी बन गए हैं।दरअसल, एक से बढ़कर एक सुपरहिट गानों के लिए मशहूर यो यो हनी सिंह जितने अपने गानों के लिए प्रसिद्ध हैं, उससे कहीं ज्यादा विवादों में भी रहते हैं। कभी शराब पर गाए गानों की वजह से, तो कभी फूहड़ गानों की वजह से।

सच्चे सनातनी कैसे बन गये हनी सिंह ?

अब वही हनी सिंह अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों की वजह से चर्चा में हैं। जिस हनी सिंह को कभी नास्तिक कहा जाता था, वही अब भोलेनाथ के भक्त हो गए हैं। यह सफर उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने लल्लन टॉप को दिए एक इंटरव्यू में अपने बचपन का जिक्र करते हुए बताया कि - 

"मैं स्कूल में तबला बजाता था, ये कहानी किसी को नहीं पता। मैं बचपन में केश रखता था जिससे मेरे बालों में जटाएं बनने लगी थीं। मैं हफ्ते में तीन दिन केश स्नान करता था फिर भी डेडलॉक्स बनते थे। मम्मी जटाएं काट देती थीं जिससे मेरी जूड़ी छोटी होती गई। छठी क्लास में लोग मेरी छोटी जूड़ी का मजाक उड़ाते थे, तो मैंने मम्मी से कहा कि केश काट दो और मम्मी ने केश काट दिए। उस समय पापा घर पर नहीं थे। अगले दिन असेंबली में सिर पर रुमाल बांधकर तबले पर खड़ा हुआ तो प्रिंसिपल ने निकाल दिया। मैं उस वक्त 12 या 13 साल का था। मैंने तबला और दीन-धर्म छोड़ दिया और 13 साल की उम्र में नास्तिक बन गया।"

बचपन में हुई इसी घटना की वजह से हनी सिंह एकदम से नास्तिक हो गए थे। सभी धर्मों से उनका विश्वास उठ गया था। लेकिन अब वही हनी सिंह सनातन धर्म को मानने लगे हैं। इसके बारे में उन्होंने कहा - 

"म्यूजिक गुरु अभिनवाचार्य जी ने मुझे हिंदुत्व और सनातन धर्म से परिचित कराया। घर से सिख धर्म के बारे में जाना, मैंने सोचा कि किसी धर्म को नहीं मानूंगा, ज्ञान लेता रहूंगा। लेकिन जब 2011-12 में मेरा वक्त आया, तो मुझे ईश्वर का शुकराना करना चाहिए था, लेकिन मैं शैतानी शक्तियों का यशगान करने लगा। वहां से मेरा दिमाग और मेरी जिंदगी खराब हो गई। नास्तिक से धार्मिक बना 2018 में बीमारी के वक्त। जबसे भोलेनाथ मिले हैं, तबसे जिंदगी बहुत बढ़िया हो गई है। भोलेनाथ के मिलने के पीछे भी एक कहानी है। 2018 में जब मैं बीमार था तो कई डॉक्टर ने कहा कि अब सारी जिंदगी दवाई खाएगा, रोटी खाएगा और सोएगा, लेकिन महादेव ने बचा लिया।"

हनी सिंह आज भले ही भोलेनाथ को मानने लगे हों, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वे शैतानी ताकतों को बढ़ावा देते थे। और ये बात खुद हनी सिंह मानते हैं। उनका सुपरहिट गाना "चार बोतल वोदका" भी शैतानी ताकतों को ग्लोरिफाई करने वाला था। इन गानों में शैतानी साउंड थे जिनमें एक शैतान सुनाई देता था। हालांकि ऐसे गानों के लिए उन्हें कोई अफसोस नहीं है। हनी सिंह मानते हैं कि गलती इंसान करता है। हमारी किस्मत में पहले से ही लिखा होता है कि ये इंसान ये गलतियां करेगा। लेकिन जब चीजें अच्छी होती हैं, तो ऊपर वाला हमें अहसास दिलाता है कि हमने ये गलतियां की थीं।

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
Diljit Dosanjh से लेकर खालिस्तानियों तक… Modi के लिए सबसे भिड़ गया ‘जिंदा शहीद’ MS Bitta
Advertisement
Advertisement