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Mokshada Ekadashi Date 2025: इस दिन व्रत रखने और दान करने का क्या है महत्व जान लें, बस ये गलती मत कर देना

धार्मिक ग्रंथों में उत्पन्ना एकादशी के लिए कुछ उपायों के बारे में बताया गया है. इस तिथि पर व्रत विधिपूर्वक करना चाहिए. विधि-विधान से व्रत करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें.

30 Nov, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
09:58 AM )
Mokshada Ekadashi Date 2025: इस दिन व्रत रखने और दान करने का क्या है महत्व जान लें, बस ये गलती मत कर देना

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी तिथि सोमवार को पड़ रही है. मान्यता है कि इस एकादशी पर तुलसी मैया के पास दीपक जरूर जलाना चाहिए. साथ ही 7 बार परिक्रमा भी करनी चाहिए.

 जानें अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल का समय 

द्रिक पंचांग के अनुसार, सोमवार के दिन इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा रात 11 बजकर 18 मिनट तक मीन राशि में रहेंगे. इसके बाद मीन राशि में गोचर करेंगे. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय सुबह 8 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 9 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.

इस दिन पूजा करने से पापों का नाश होता है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्री हरि ने अर्जुन को गीत का उपदेश दिया था, जिस वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस दिन उपवास, पूजा और दान करने से पापों का नाश होता है और कई गुना फल मिलता है.  यह एकादशी व्यक्ति को सांसारिक बंधनों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है.

इस तिथि पर व्रत विधिपूर्वक करना चाहिए

धार्मिक ग्रंथों में उत्पन्ना एकादशी के लिए कुछ उपायों के बारे में बताया गया है. इस तिथि पर व्रत विधिपूर्वक करना चाहिए. विधि-विधान से व्रत करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें. फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें. एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें. विष्णु भगवान की प्रतिमा स्थापित करें और अब भगवान को धूप, दीप, अक्षत और पीले फूल चढ़ाएं. व्रत कथा सुनें और भगवान विष्णु की आरती करें. उसके बाद आरती का आचमन करें.

मंत्र जप और ग्रंथों का पाठ करें 

इसके बाद दिनभर निराहार रहें और भगवान का ध्यान करें. मंत्र जप और ग्रंथों का पाठ करें और शाम को तुलसी मैया पर दीपक जलाना न भूलें. 

दान-पुण्य करें

जो जातक एकादशी पर व्रत नहीं रख सकते हैं, वे विष्णु जी की पूजा करें. दान-पुण्य करें, मंत्र जप और ग्रंथों का पाठ करें.  

इस दिन ना करें चावल का सेवन 

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बीमार, गर्भवती और बच्चों के लिए व्रत करना जरूरी नहीं होता है. ये लोग पूजा-पाठ करके भी एकादशी व्रत के समान पुण्य कमा सकते हैं, लेकिन इस दिन चावल का सेवन भी न करें. 

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