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पाताल लोक से जुड़ी किस शक्ति धाम से योगी बाबा को आज भी मिलती हैं सिद्धियां?

अष्ट सिद्धियों का केंद्र हैं देवीपाटन मंदिर योगपीठ और शक्तिपीठ है देवीपाटन मंदिर. पाताल लोक का द्वार है देवीपाटन मंदिरयही से सीएम योगी को मिलती है सिद्धियाँ.

25 May, 2025
( Updated: 25 May, 2025
09:23 AM )
पाताल लोक से जुड़ी किस शक्ति धाम से योगी बाबा को आज भी मिलती हैं सिद्धियां?
हनुमान चालिसा कहती है..अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस वर दीन जानकी माता. आठ सिद्धियों और नौ निधियों में से जिस किसी को एक भी मिल जाए, दुनिया बदलने की शक्ति आ जाए. नौ नाथ और 84 नाथ सिद्धियों की परंपरा से जुड़े गोरखनाथ मंदिर के महंत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. मुख्यमंत्री का कार्यभार सँभालने के साथ-साथ नाथ संप्रदाय से जुड़ी प्रत्येक  परंपरा को निभाते आए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं. अपने गुरु गोरखनाथ की तरह योगी को चमत्कारी सिद्धियाँ कहां से मिलती हैं ? पाताल गमन से जुड़ा शक्ति को समर्पित देवीपाटन मंदिर का नाथ संप्रदाय से क्या कनेक्शन है? आईये आपको बताते हैं. 

सृष्टि के संहारक, भगवान शिव के अवतार, आदिगुरु गोरखनाथ एक ऐसे सिद्ध योगी हुए, जिन्होंने हठयोग परंपरा का आरंभ किया. नाथ और दसनामी संप्रदाय की नींव रखी और चौरासी सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त कर इस जगत का कल्याण किया. .लेकिन क्या आप जानते हैं..इस सृष्टि को जहां से शक्ति मिलती है, वहीं से बाबा गोरखनाथ को सिद्धियाँ मिली. ये है तुलसीपुर में स्थित देवीपाटन मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित इसी शक्तिपीठ में आदिगुरु गोरखनाथ ने अनेकों सिद्धियाँ प्राप्त की और आज अपने गुरु के नक़्शे कदमों पर चलकर योगी आदित्यनाथ. शक्ति के इसी दिव्य धाम के दर्शन करने आते हैं. देवीपाटन मंदिर का उल्लेख, स्कन्दतालिका से लेकर देवी भागवत, शिव चरित और महापुराणों में मिलता है, मंदिर से जुड़ी मान्यता कहती है.

इसी जगह खण्डित मां सती का बाया स्कन्द यानी कंधा पाटम्बर समेत आ गिरा था. उसी समय से इस पवित्र स्थान का नाम मां पाटेश्वरी देवीपाटन मंदिर पड़ गया है. त्रेतायुग में मां सीता का पाताल गमन भी देवीपाटन से ही हुआ था. उस समय की सुरंग यहां आज भी गर्भगृह में स्थित है।त्रेतायुग से यहां जल रही अखंड ज्योति में मां दुर्गा की शक्तियों का वास बताया जाता है. इस गर्भगृह में कोई प्रतिमा नहीं है बल्कि इसके शीर्ष पर कई महंगे रत्न से जड़ित छतरी और ताम्रपत्र पर दुर्गा सप्तशती अंकित हैं.

जो कि शक्ति के देवीपाटन स्थल पर आदिगुरु गोरखनाथ ने वर्षों तक तपस्या की और शक्ति के आशीर्वाद से सिद्धियों का ज्ञान यही से मिला. जिस कारण बतौर महंत योगी आदित्यनाथ देवीपाटन में शक्ति के दरबार में हाज़िरी लगाने हमेशा आते हैं. स्थानीय लोगों की मानें, तो गुरु की तरह शिष्य को भी शक्ति के इसी दिव्य धाम से सिद्धियाँ हासिल होती हैं. इसी के चलते शक्ति के इस धाम आकर योगी बाबा साधना में लीन नज़र आते हैं.

आपको याद होगा पिछले साल योगी बाबा नवरात्र काल में शक्ति के इस धाम में पहुँचे थे.  नवरात्र के प्रथम दिन देवीपाटन मंदिर में  योगी आदित्यनाथ ने माँ दुर्गा की विधिवत पूर्व पूजा की थी. फिर रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन लखनऊ के लिए निकल गये थे।शक्ति की भक्ति से सराबोर सीएम योगी देवीपाटन मंदिर में कई दफ़ा पूजा करते नज़र हैं. यूँ तो मंदिर से जुड़ी अनेकों परंपरा है, लेकिन जिस परंपरा की चर्चा चहु दिशाओं में है. उसके बारे में आप ये जान लें कि..यहाँ भक्तों से पहले पशु-पक्षियों को मंदिर में चढ़ाया गया प्रसाद वितरित करने की परंपरा है. मां भगवती को भोग लगाने के बाद सभी तरह के पशु-पक्षियों को बड़ी श्रद्धा से परंपरागत रूप से भोजन कराया जाता है. बहरहाल माँ पाटेश्वरी के इस धाम को लेकर योगी बाबा का खुद क्या कुछ कहना, इसी के साथ आपको छोड़े जाते हैं.

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