अंतरिक्ष में भारत का कमाल… ISRO के बाहुबली रॉकेट ने भरी उड़ान, CMS-03 की लॉन्चिंग से कांपेंगे दुश्मन!
यह लॉन्चिंग सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि भारत की टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता की नई छलांग है. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारत के सबसे भारी रॉकेट LVM3–M5 ने उड़ान भरी.
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भारत के अंतरिक्ष इतिहास का एक और सुनहरा अध्याय लिखा गया. जब आकाश में भारत के सबसे भारी और पावरफुल रॉकेट LVM-3 ने उड़ान भरी. अतंरिक्ष एक बार फिर मेड इन इंडिया की ताकत का गवाह बना. 2 नंवबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारत के सबसे भारी रॉकेट LVM3–M5 ने उड़ान भरी.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बाहुबली रॉकेट की उड़ान ने इतिहास रच दिया. LVM3–M5 संचार उपग्रह CMS-03 को लेकर अंतरिक्ष की ओर रवाना हुआ. यह लॉन्चिंग सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि भारत की टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता की नई छलांग है.
Kudos Team #ISRO!
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) November 2, 2025
India’s #Bahubali scales the skies, with the successful launch of #LVM3M5 Mission!
“Bahubali” as it is being popularly referred, LVM3-M5 rocket is carrying the CMS-03 communication satellite, the heaviest ever to be launched from the Indian soil into a… pic.twitter.com/ccyIPUxpIX
भारत की तकनीकी ने ऐसे किया कमाल
सबसे पहले दोनों S200 सॉलिड बूस्टर और पेलोड फेयरिंग को रॉकेट ने सफलतापूर्वक अलग किया. इसके बाद L110 लिक्विड स्टेज में पहुंचाया गया. इसके बाद L110 चरण बंद (shutoff) होते ही रॉकेट ने अपने अंतिम और सबसे उन्नत चरण, C25 क्रायोजेनिक स्टेज में एंट्री ली.
- LVM-3 तीन तरह के इंजन इस्तेमाल करता है- सॉलिड, लिक्विड और क्रायोजेनिक फ्यूल बेस्ड
- यह रॉकेट लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में करीब 8,000 किलोग्राम
- जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट (करीब 36,000 किमी ऊंचाई) में 4,000 किलोग्राम तक का वजन ले जा सकता है
ISRO का यह ‘मॉन्स्टर रॉकेट’ है LVM-3
LVM3–M5 वही रॉकेट है जिसने चंद्रमा पर भारत का सपना पहुंचाया. दोनों को यही रॉकेट लेकर गया था. ISRO का यह ‘मॉन्स्टर रॉकेट” अपने अब तक के सातों मिशनों में 100% सफलता हासिल कर चुका है. इसके अलावा इसी से GSAT-19 और GSAT-29 जैसे संचार उपग्रहों को भी लॉन्च किया गया था.
साल 2022 में जब रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान वैश्विक लॉन्च विकल्प सीमित हो गए थे, तब ISRO ने इसी LVM-3 रॉकेट से ब्रिटेन की कंपनी के 72 सैटेलाइट्स को दो बार लॉन्च किया था. इस मिशन के बाद इस रॉकेट का नाम LVM-3 रखा गया था.
भारत को नई ऊंचाई देगा CMS-03 सैटेलाइट
CMS-03 सैटेलाइट देश के कोने-कोने तक इंटरनेट, टेलीविज़न और आपातकालीन संचार सेवाएं मुहैया कराने में बड़ा रोल अदा करेगा. यह सैटेलाइट भारत के सुदूर इलाकों में भी दूरसंचार सेवाओं को मजबूत करेगा. यह लॉन्च सिर्फ़ तकनीकी उपलब्धि नहीं बल्कि उस भारत की कहानी है जो अब किसी पर निर्भर नहीं है. आने वाले वर्षों में भारत की टेलीकॉम, इंटरनेट और ब्रॉडकास्ट सेवाओं को यह सैटेलाइट एक नई रफ्तार देगा.
Experience #LVM3M5’s mission milestones. Watch the liftoff video and the onboard camera video capturing its ascent from launch to orbit. pic.twitter.com/1jp2G9TyYV
— ISRO (@isro) November 2, 2025
PM मोदी ने दी बधाई
अतंरिक्ष में भारत की गौरवशाली उड़ान पर PM मोदी ने बेहद खुशी जताई. उन्होंने देशवासियों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें निरंतर गौरवान्वित करता है, भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह, CMS-03 के सफल प्रक्षेपण पर ISRO को बधाई.
Our space sector continues to make us proud!
— Narendra Modi (@narendramodi) November 2, 2025
Congratulations ISRO on the successful launch of India’s heaviest communication satellite, CMS-03.
Powered by our space scientists, it is commendable how our space sector has become synonymous with excellence and innovation. Their…
हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की बदौलत, यह सराहनीय है कि हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र उत्कृष्टता और नवाचार का पर्याय बन गया है. उनकी सफलताओं ने राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाया है और अनगिनत लोगों को सशक्त बनाया है. सबसे खास बात ये है कि ये भारत का अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है.इसमें कई देसी तकनीक वाले पार्ट्स लगे हैं. जो नौसेना की जरूरतों को पूरा करेंगे और देश के सुरक्षा पहरे को और मजबूती देंगे.
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