Advertisement

भारत से घातक मिसाइल चाहता है ग्रीस, तुर्किए की बढ़ी चिंता, बड़े पैमाने पर तबाही मचाने में है सक्षम

तुर्किए का दुश्मन ग्रीस, भारत से एक ऐसी मिसाइल चाहता है जो कि बड़े पैमाने पर तबाही मचाने में सक्षम है. तुर्किए के लिए यह खबर टेंशन बढ़ाने वाली है. तो चलिए जानते है कि क्या है इस मिसाइल में खास

08 Jul, 2025
( Updated: 08 Jul, 2025
05:20 PM )
भारत से घातक मिसाइल चाहता है ग्रीस, तुर्किए की बढ़ी चिंता, बड़े पैमाने पर तबाही मचाने में है सक्षम

भारत के सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए पर आरोप लगे थे कि उसने पाकिस्तान की सैन्य सहायता करने की कोशिश की थी. अब तुर्किए के लिए चिंता बढ़ाने वाली एक नई रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, तुर्किए के कट्टर प्रतिद्वंद्वी ग्रीस ने भारत से एक अत्याधुनिक और बेहद घातक मिसाइल की मांग की है. यह मिसाइल इतनी शक्तिशाली है कि दुश्मन के किसी भी ठिकाने को चंद सेकंड में तबाह करने की क्षमता रखती है.

'द वीक' की रिपोर्ट में खुलासा: ग्रीस भारत से चाहता है LR-LACM मिसाइल, रणनीतिक संतुलन बदलने की तैयारी!
'द वीक' की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीस भारत से अत्याधुनिक लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LR-LACM) हासिल करना चाहता है. यदि यह सौदा होता है तो यह न केवल भारत और ग्रीस के बीच रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई देगा, बल्कि क्षेत्रीय रणनीतिक संतुलन पर भी गहरा असर डालेगा.
यह मिसाइल भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई है. यह एक सबसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे खासतौर पर उच्च-मूल्य वाले सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. LR-LACM हवाई अड्डों, रडार स्टेशनों, कमांड सेंटर्स जैसे दुश्मन के प्रमुख ठिकानों को सटीकता से नष्ट करने में सक्षम है.

LR-LACM मिसाइल की खूबी
LR-LACM को जमीन और समंदर से लॉन्च किया जा सकता है.
समंदर में नौसेना के जहाज से ही लॉन्च करने में सक्षम होगी. 
जमीन से लॉन्च करने पर इसकी रेंज 1500 किलोमीटर तक होगी.
नौसेना के जहाज से लॉन्च होने पर 1000 की रेंज होगी.
LR-LACM तुर्किए के अधिकतर हिस्सों को कवर कर सकती है.
यह 864 किलोमीटर प्रतिघंटे से 1111 प्रतिघंटे की रफ्तार से टारगेट तक पहुंच सकती है.

रडार को चकमा देने में माहिर है LR-LACM मिसाइल

LR-LACM मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मन की नज़र से बचकर वार करने में सक्षम है. यह मिसाइल ज़मीन के बेहद करीब उड़ान भरती है, जिससे इसे रडार की पकड़ में लाना बेहद मुश्किल हो जाता है.
इस श्रेणी की मिसाइलें ‘लो-ऑल्टिट्यूड फ्लाइट प्रोफाइल’ अपनाती हैं, जो दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदने के लिए रणनीतिक रूप से बेहद कारगर होती हैं.
अमेरिका की टॉमहॉक और रूस की कैलिबर मिसाइलें भी इसी तकनीक पर आधारित हैं और अब भारत की LR-LACM भी उन्हीं के बराबर खड़ी हो चुकी है.

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
जब Modi सत्ता में आए तो अरब देशों से भारत के रिश्ते बिगड़ने का डर था ? Lalit Mishra
Advertisement
Advertisement