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अमेरिका और रू ने भारत भेज दिए ख़तरनाक फाइटर जेट, चीन - पाकिस्तान भी हैरान !

अमेरिका का F-35 या रूस का सुखोई SU-57 लेकिन इसी बहस के बीच इन दोनों विमानों को जब भारत की ज़मीन पर एक साथ देखा गया तो भारत के दुश्मनों के पैरों के नीचे से ज़मीन ही खिसक गई…दरअसल, कर्नाटक के बेंगलुरु में ‘एयरो इंडिया’ के 15वें संस्करण का भव्य आयोजन किया जा रहा इसे एशिया का सबसे बड़ा एयर शो माना जाता है
अमेरिका और रू ने भारत भेज दिए ख़तरनाक फाइटर जेट, चीन - पाकिस्तान भी हैरान !
डिफ़ेंस की दुनिया में इस समय हलचल है। बहस छिड़ी हुई है कि आख़िर 5th Gen के दो लड़ाकू विमानों में से कौन से विमान सबसे ख़तरनाक और उन्नत हैं।अमेरिका का F-35 या रूस का सुखोई SU-57 लेकिन इसी बहस के बीच इन दोनों विमानों को जब भारत की ज़मीन पर एक साथ देखा गया तो भारत के दुश्मनों के पैरों के नीचे से ज़मीन ही खिसक गई। दरअसल, कर्नाटक के बेंगलुरु में ‘एयरो इंडिया’ के 15वें संस्करण का भव्य आयोजन किया जा रहा इसे एशिया का सबसे बड़ा एयर शो माना जाता है। आज से यानी 10 फ़रवरी से शुरू हुए इस एयर शो का आयोजन 14 फ़रवरी तक चलने वाला है।अब ये पहली बार है जब एयरो इंडिया में रूसी और अमेरिकी 5th जेनरेशन के स्टील्थ लड़ाकू विमान एक साथ मौजूद हैं। इस ऐतिहासिक पल की तस्वीरें जब सामने आईं। तब से ही कई देशों के होश उड़े हुए हैं।ये दोनों विमान यहां शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैं। हालांकि कई दिनों पहले ही ये जंगी विमान भारत आ गया था। इस जंगी विमान के नाम से हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में खलबली मची है। इस बीच भारत में भी चर्चा शुरू हो गई है कि अमेरिकी F-35 और रूसी SU-35 में बेस्ट कौन सा है ?

हालांकि जियो-पॉलिटिक्स में सभी देश अपने हितों को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन ट्रंप जैसे नेता धमकी को एक बड़े हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। अगर भारत रूसी Su-57 खरीदने का फैसला करता है तो ट्रंप प्रतिबंध लगाने की धमकी दे सकते हैं।जैसे कि उन्होंने BRICS को नई करेंसी का सिर्फ़ सोचने पर ही दे दी।अब दोनों फाइटर जेट में कौनसा बेहतर है ये हमें सिर्फ़ टेक्नोलॉजी के आधार पर ही देखना चाहिए। क्योंकि डिप्लोमेसी में तो हमारी सरकार वैसे भी माहिर है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इतिहास में पहली बार एरो इंडिया 2025 में Su57 और F-35 अपना जलवा बिखेरेंगे। यह वैश्विक स्तर पर रक्षा सहयोग और तकनीकी विकास में मील का पत्थर साबित होगा। वैसे तो दोनों ही देश अपने लड़ाकू विमानों पर भरोसा करती है और उन्हें सबसे शक्तिशाली मानती है। और यही दावा करते हुए दोनों देश भारत को अपना अपना विमान बेचने की कोशिश में हैं। अब इन दोनों देशों में से अगर देखा जाए तो दुनिया के कई देश अमेरिका के F-35 का इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि रूस का SU-57 के बारे में ज़्यादा लोग जानते नहीं हैं। ऐसे में ये भारत के लिए ये जानना ज़रूरी हो जाता है कि भारत किसपर भरोसा करता है।वहीं दोनों की ख़ासियत की बात करें तो ।

स्पीड


रूस का Su-57 इस मामले में अमेरिकी फाइटर जेट से कहीं आगे हैं. ये 2600 km/hr की स्पीड से उड़ान भरता है।जबकि F-35 की अधिकतम गति 1900 किलोमीटर ही है।

हथियार

Su-57 और F-35 दोनों में ही 12-12 हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी छह अंदर और छह बाहर। दोनों कई तरह के हथियार ले जा सकते हैं। लेकिन रूसी फाइटर जेट इस मामले में भी एफ-35 से आगे है। इसमें कई शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग रेंज के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें , गाइडेड एरियल बम लग सकते हैं। जबकि एफ-35 में सीमित हवा से हवा वाली मिसाइलें या बम लग सकते हैं।

लंबी दूरी पर हमला करने की ताकत।

Su-57 में लगने वाली R-37M मिसाइल रूस की कटिंग एज टेक्नोलॉजी वाला हथियार है। ये हथियार F-35 की रेंज से दोगुना दूरी तक जाकर हमला करता है इसका इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन की जंग में बेशुमार किया है।

स्टेल्थ और परफॉर्मेंस।

सू-57 का स्टेल्थ सिस्टम बिना स्पीड कम किए और मैन्यूवरिबिलिटी को नुकसान पहुंचाए काम करता है। इससे कॉम्बैट में और बचकर निकलने में फायदा मिलता है F-35 का फोकस ऐसे स्टेल्थ तकनीक पर है जो सिर्फ ग्राउंट अटैक में इस्तेमाल होता है। हवा में जंग करने के मामले में इसकी ताकत सीमित हो जाती है।  

रेंज

Su-57 की कॉम्बैट रेंज 1250 किलोमीटर है और ये 66 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है वहीं F-35 की कॉम्बैट रेंज 1239 किलोमीटर है। ये ज़्यादातर 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।

जंग में क़ौन कर सकता है कमाल

रूसी फाइटर जेट मल्टी-रोल फाइटर जेट है। यह कई तरह के ऑपरेशन कर सकता है। एयर सुपीरियरिटी से लेकर स्ट्राइक मिशन तक इसी के साथ F-35 को असल में ग्राउंड स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है।यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस जैसे मिशन को भी पूरा कर सकता है। 

आने वाले वक्त में भारत अमेरिका या रूस से अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए फाइटर जेट ख़रीद सकता है।दोनों ही विमानों की अपनी अपनी ख़ासियतें हैं। दोनों देश ये ही चाहते हैं कि भारत उनके साथ आए डील करे लेकिन भारत क्या सोचता है और क्या करेगा ये देखने वाली बात होगी। वहीं सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने तेजस लड़ाकू विमान में एयरो इंडिया एयर शो से पहले उड़ान भरी इस दौरान उन्होंने क्या कुछ रहा सुनिए।
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