Advertisement

CM योगी की जीरो टॉलरेंस-नो नॉनसेंस नीति का जबरदस्त असर, UP में महिला अपराध और दुष्कर्म के मामलों में भारी कमी

CM योगी के नेतृत्व में महिला सुरक्षा के मामलों को लेकर नो-नॉनसेंस नीति का असर दिखने लगा है. मिशन शक्ति के तहत किए गए उपाएं और विश्वास बहाली के का फायदा मिल रहा है. यूपी में महिला अपराधों में बड़ी गिरावट आई है और दुष्कर्म के मामलों में भी 34 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.

Author
20 Dec 2025
( Updated: 20 Dec 2025
01:34 PM )
CM योगी की जीरो टॉलरेंस-नो नॉनसेंस नीति का जबरदस्त असर, UP में महिला अपराध और दुष्कर्म के मामलों में भारी कमी

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के नेतृत्व में पूरी सरकार की लॉ एंड ऑर्डर खासकर महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकना टॉप प्रायोरिटी रही है. सीएम लगातार कहते रहे हैं कि अगर किसी ने बहन-बेटियों की इज्जत से छेड़छाड़ की और सुरक्षा से खिलवाड़ किया तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा, कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. अगर कोई ऐसा दुस्साहस करता है तो उसका अगले चौराहे तक जाते-जाते हिसाब कर दिया जाएगा.

आपको बता दें कि सीएम योगी की महिला अपराध और कानून व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का असर दिखने लगा है. वहीं उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शुरू किए गए मिशन शक्ति अभियान के सकारात्मक और ठोस नतीजे अब सामने आने लगे हैं. प्रदेश के सभी थानों में मिशन शक्ति केंद्रों की स्थापना के बाद महिला अपराधों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है. यूपी के डीजीपी यानी कि पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण की समीक्षा बैठक से जानकारी सामने आ रही है. 

UP में महिला दुष्कर्म के मामले में आई 34% की कमी!

डीजीपी मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मिशन शक्ति केंद्र बनने के बाद दुष्कर्म के मामलों में करीब 34 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं महिलाओं और बच्चियों के अपहरण के मामलों में 17 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है. दहेज हत्या के मामलों में भी लगभग 13 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि घरेलू हिंसा के मामलों में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.

दहेज हत्या और बच्चियों की किडनैपिंग में भी कमी!

आंकड़ों के अनुसार, दहेज हत्या के मामलों में सबसे अधिक 80 प्रतिशत की कमी बलरामपुर जिले में दर्ज की गई है. वहीं दुष्कर्म के मामलों में बाराबंकी जिले में करीब 77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट सामने आई है. महिलाओं और बच्चियों के अपहरण के मामलों में अमेठी जिले में 42 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई, जबकि घरेलू हिंसा के मामलों में श्रावस्ती जिले में करीब 36 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.

मिशन शक्ति केंद्र का दिख रहा असर!

यह आंकड़े मिशन शक्ति केंद्र स्थापित होने से पहले और बाद के तीन-तीन महीनों की तुलना के आधार पर तैयार किए गए हैं. समीक्षा के दौरान 16 जून से 15 सितंबर 2025 (केंद्र स्थापना से पहले) और 16 सितंबर से 15 दिसंबर 2025 (केंद्र स्थापना के बाद) के महिला संबंधी अपराधों का विश्लेषण किया गया.

डीजीपी राजीव कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्त, संयुक्त व अपर पुलिस आयुक्त, तथा सभी जिलों के मिशन शक्ति नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर फीडबैक लिया. उन्होंने मिशन शक्ति केंद्रों की सफलता के लिए पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की सराहना की और आगे बेहतर कार्य के लिए कई अहम निर्देश भी दिए.

क्या है मिशन शक्ति?

डीजीपी ने बताया कि मिशन शक्ति केंद्र अब केवल शिकायत दर्ज कराने का स्थान नहीं रह गए हैं, बल्कि यह महिलाओं के लिए एक सिंगल प्वाइंट ऑफ सपोर्ट के रूप में काम कर रहे हैं. यहां महिलाओं को शिकायत की शुरुआत से लेकर न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने तक मानसिक, सामाजिक, कानूनी और संस्थागत सहयोग दिया जा रहा है. बैठक में यह भी सामने आया कि मिशन शक्ति केंद्रों की वजह से कई मामलों में विवादों का समाधान आपसी बातचीत और काउंसलिंग से ही हो जा रहा है, जिससे मामलों की संख्या कम हुई है. 

महिलाओं में सुरक्षा का ऐसे बढ़ रहा भाव!

विभिन्न जिलों में महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए नए-नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं, जैसे गोपनीय शिकायत पेटी, महिला वॉलंटियर की नियुक्ति, स्कूल स्तर पर शिकायत व्यवस्था और सरकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल.

डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें पुलिस समन्वयक और लीड एजेंसी की भूमिका निभा रही है. उन्होंने कहा कि सही क्रियान्वयन के साथ मिशन शक्ति केंद्र प्रदेश की जमीनी पुलिसिंग में लंबे समय तक सकारात्मक बदलाव लाने वाला गेम-चेंजर साबित हो सकता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण के लिए मिशन शक्ति केंद्रों को और मजबूत किया जाएगा ताकि हर जरूरतमंद महिला तक समय पर मदद पहुंच सके.

मिशन शक्ति के तहत यूपी में 256+ दुर्दांत अपराधियों को किया गया ढेर!

2017 में यूपी की सत्ता में आने वाली योगी सरकार माफिया, अपराध, छेड़खानी और सांप्रदायिक दंगों के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश में तब्दील करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. जिस राज्य में दुर्दांत अपराधियों, माफियाओं और लूट-रंगदारी का बोलबाला था. वहां सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इन लोगों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसका नतीजा है कि आज प्रदेश की बुलडोजर और नो नॉनसेंस नीति के तहत अब तक 256 दुर्दांत अपराधियों को ढेर किया गया गया है. ये सब एक्शन मिशन शक्ति 5.0 के तहत लिए जा रहे हैं.

योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का दिख रहा असर!

योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में पिछले साढ़े आठ वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर में 256 दुर्दांत अपरधियों को मुठभेड़ में ढेर कर यमलोक पहुंचाया है. इस दौरान पुलिस ने कुल 15,726 मुठभेड़ की कार्रवाइयां कीं, जिनमें 31,960 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. 

एनकाउंटर की कार्रवाई में 10,324 अपराधी घायल हुए

वहीं अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गये जबकि 1,754 पुलिसकर्मी घायल हुए. प्रदेश में सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ ज़ोन में दर्ज की गईं, जहां पुलिस ने 4,453 कार्रवाई की. इस कार्रवाई में 8,312 अपराधी दबोचे गये जबकि 3,131 अपराधी घायल हुए. वहीं, 85 कुख्यात अपराधियों को मौके पर ही मार गिराया गया. 

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
देश के सबसे बड़े Doctor को Istanbul की लड़की ने फंसाया, फिर जो हुआ | Detective Sanjeev Deswal
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें