JNUSU Election Result 2025: अदिति मिश्रा JNU की नई प्रेसिडेंट, चारों पदों पर लेफ्ट का दबदबा, ABVP को मिली करारी हार
JNU: प्रेसिडेंट के पद पर अदिति मिश्रा, वाइस प्रेसिडेंट के पद पर के. गोपिका बाबू, जनरल सेक्रेटरी के पद पर सुनील यादव और जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर दानिश अली ने जीत दर्ज की. कुल 9,043 छात्रों में से 67 प्रतिशत ने मतदान किया, और नतीजों ने साबित कर दिया कि जेएनयू का कैंपस अभी भी लेफ्ट की विचारधारा के साथ मजबूत जुड़ा हुआ है.
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JNU Election Result 2025: जेएनयू छात्र संघ के 2025-26 के चुनावों के नतीजों ने एक बार फिर पूरे कैंपस को लेफ्ट की सोच से रंग दिया है. इस बार लेफ्ट यूनिटी ने चारों अहम पदों पर कब्जा कर लिया. प्रेसिडेंट के पद पर अदिति मिश्रा, वाइस प्रेसिडेंट के पद पर के. गोपिका बाबू, जनरल सेक्रेटरी के पद पर सुनील यादव और जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर दानिश अली ने जीत दर्ज की. कुल 9,043 छात्रों में से 67 प्रतिशत ने मतदान किया, और नतीजों ने साबित कर दिया कि जेएनयू का कैंपस अभी भी लेफ्ट की विचारधारा के साथ मजबूत जुड़ा हुआ है.
अदिति मिश्रा: JNU की नई अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश के बनारस की रहने वाली अदिति मिश्रा ने इस चुनाव में इतिहास रचा. उन्होंने बिहार से स्कूली पढ़ाई पूरी की और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. वर्तमान में वह जेएनयू के सेंटर फॉर कंपेरेटिव पॉलिटिक्स एंड पॉलिटिकल थ्योरी (CCPPT) से पीएचडी कर रही हैं.
अदिति ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) से जुड़ी हैं और लेफ्ट यूनिटी पैनल की उम्मीदवार थीं. वह लंबे समय से कैंपस में जेंडर जस्टिस, प्रोग्रेसिव वैल्यूज़ और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए काम करती रही हैं. अदिति की जीत न केवल उनकी मेहनत की जीत है, बल्कि उस विचारधारा की भी जीत है जो समानता और सामाजिक न्याय पर विश्वास करती है.
के. गोपिका बाबू बनीं वाइस प्रेसिडेंट
केरल की रहने वाली के. गोपिका बाबू इस बार जेएनयू की नई वाइस प्रेसिडेंट बनी हैं. उन्होंने 2022 में जेएनयू से सामाजिक विज्ञान (MA Sociology) में मास्टर्स किया और अब सेंटर फॉर स्टडी ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (CSLG) से पीएचडी कर रही हैं.
गोपिका AISA और SFI से जुड़ी रही हैं और छात्र राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भूमिका की प्रबल समर्थक हैं. उनकी जीत ने यह साबित किया कि जेएनयू के छात्र संगठनात्मक काम और वैचारिक मजबूती दोनों को बराबर महत्व देते हैं.
सुनील यादव: जनरल सेक्रेटरी का नया चेहरा
जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के PhD स्कॉलर सुनील यादव इस बार जनरल सेक्रेटरी चुने गए हैं. छात्र राजनीति में उनकी पहचान ऐसे नेता के रूप में है, जो डेमोक्रेटिक कल्चर, हॉस्टल सुविधाओं में सुधार और सभी छात्रों के समान प्रतिनिधित्व के लिए काम करते हैं.
उनका नारा - “स्टूडेंट राइट्स, डेमोक्रेटिक वैल्यूज और इनक्लूसिव गवर्नेंस” - पूरे कैंपस में गूंजता रहा और इस चुनाव में भी यह उनकी जीत की ताकत बना.
दानिश अली: जॉइंट सेक्रेटरी का सफर
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के छोटे से गांव बान्दरबर्रू से आने वाली दानिश अली ने छात्र राजनीति में लंबा सफर तय किया है. उन्होंने 2019 में CAA विरोधी आंदोलन के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में नेतृत्व किया था. इसके बाद, 2022 में उन्होंने जेएनयू के सेंटर फॉर हिस्टॉरिकल स्टडीज (CHS) से MA किया और अब PhD कर रही हैं. दानिश AISA की सक्रिय सदस्य हैं और जॉइंट सेक्रेटरी पद पर चुनी गई हैं. उनकी जीत यह साबित करती है कि संकल्प, संघर्ष और आवाज उठाने का साहस हमेशा रंग लाता है.
लेफ्ट यूनिटी की वापसी का संदेश
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इन चारों की जीत ने यह साफ कर दिया कि जेएनयू अब भी लेफ्ट की विचारधारा और प्रगतिशील राजनीति का गढ़ बना हुआ है. ABVP और अन्य छात्र संगठनों ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन छात्रों ने इस बार लोकतांत्रिक मूल्यों और छात्र अधिकारों को प्राथमिकता दी.
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