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भारत के इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 3.1 प्रतिशत की हुई वृद्धि, इन चीजों के दामों ने छुए आसमान

Index of Industrial Production: मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट, जिसकी आईआईपी में तीन-चौथाई प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इसमें सितंबर में सालाना आधार पर 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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Index of Industrial Production: भारत के इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) में सितंबर में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अगस्त में इसमें 0.1 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई थी। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए डेटा में यह जानकारी दी गई थी। मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट, जिसकी आईआईपी में तीन-चौथाई प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इसमें सितंबर में सालाना आधार पर 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ........

संशोधित वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत थी

यह सेक्टर देश में इंजीनियरिंग संस्थाओं और विश्वविद्यालयों से पास होने वाले युवा छात्रों को क्वालिटी जॉब मुहैया कराता है। सरकार द्वारा आधिकारिक बयान में कहा गया कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सितंबर 2024 के महीने के लिए शीर्ष तीन सकारात्मक योगदानकर्ता - 5.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, 2.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बुनियादी धातु और 18.7 प्रतिशत की तेजी के साथ इलेक्ट्रिकल उपकरण हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान बिजली का उत्पादन 0.5 प्रतिशत और माइनिंग गतिविधियां 0.2 प्रतिशत बढ़ी हैं। अप्रैल-सितंबर अवधि में इंडस्ट्रियल उत्पादन में वृद्धि दर 4 प्रतिशत रही है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में संशोधित वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत थी।

इन चीजों के दामों में हुई वृद्धि 

उपयोगकर्ता वर्गीकरण पर आधारित आंकड़े बताते हैं कि पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन, जिसमें कारखानों में इस्तेमाल होने वाली मशीनें शामिल हैं, 2.8 प्रतिशत बढ़ गया है। यह खंड अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है, जिसका आगे चलकर नौकरियों और आय के सृजन पर कई गुना प्रभाव पड़ता है। सितंबर के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में भी 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की उच्च उपभोक्ता मांग को दर्शाता है। साबुन और सौंदर्य प्रसाधन जैसे उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में महीने के दौरान मामूली 2.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि सितंबर के दौरान मध्यवर्ती वस्तुओं के उत्पादन में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में बुनियादी ढांचे/निर्माण वस्तुओं में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 

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