महिंद्रा ने एसयूवी और कमर्शियल वाहनों की कीमतों में की बढ़ोतरी, 1 अप्रैल से होगा असर
कंपनी ने बताया कि नई कीमतें अप्रैल 2025 से लागू होंगी। इसकी वजह इनपुट लागत और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी होना है। एमएंडएम की ओर से कहा गया कि बढ़ी हुई लागत को काफी हद तक वहन करने की कोशिश की गई, लेकिन अब इसके एक हिस्से को ग्राहकों को पास करना जरूरी हो गया था।
Follow Us:
Maruti: देश की दिग्गज ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने शुक्रवार को अपनी एसयूवी और कमर्शियल वाहनों की पूरी रेंज की कीमतें 3 प्रतिशत तक बढ़ाने का ऐलान किया। कंपनी ने बताया कि नई कीमतें अप्रैल 2025 से लागू होंगी। इसकी वजह इनपुट लागत और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी होना है। एमएंडएम की ओर से कहा गया कि बढ़ी हुई लागत को काफी हद तक वहन करने की कोशिश की गई, लेकिन अब इसके एक हिस्से को ग्राहकों को पास करना जरूरी हो गया था।
वाणिज्यिक वाहनों की घरेलू बिक्री 23,826 यूनिट्स रही
कंपनी ने आधिकारिक बयान में कहा कि कीमतों में वृद्धि एसयूवी और कमर्शियल वाहनों के अलग-अलग मॉडल पर आधारित है। कंपनी ने हाल ही में ऐलान किया था कि फरवरी महीने में उसकी कुल ऑटो बिक्री निर्यात सहित 83,702 यूनिट्स रही है। 'यूटिलिटी व्हीकल्स' सेगमेंट में, महिंद्रा ने घरेलू बाजार में 50,420 एसयूवी बेचीं और निर्यात सहित कुल 52,386 वाहन बेचे। वाणिज्यिक वाहनों की घरेलू बिक्री 23,826 यूनिट्स रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा के ट्रैक्टर की बिक्री में भी फरवरी में उछाल देखा गया।
लग्जरी कार ब्रांड्स जैसे बीएसडब्ल्यू भी अगले महीने से कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रहे हैं
फरवरी 2025 में घरेलू स्तर पर ट्रैक्टर की बिक्री 23,880 यूनिट्स रही, जो कि फरवरी 2024 में हुई 20,121 यूनिट्स की बिक्री से अधिक थी। कंपनी ने फरवरी 2025 में 1,647 ट्रैक्टर का निर्यात किया है, जिसके कारण कुल ट्रैक्टर बिक्री 25,527 यूनिट्स रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 21,672 यूनिट्स थी। महिंद्रा एंड महिंद्रा से पहले देश की अन्य दिग्गज ऑटो कंपनियां भी कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान कर चुकी हैं। इसमें मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर इंडिया, किआ, होंडा और टाटा मोटर्स शामिल हैं। लग्जरी कार ब्रांड्स जैसे बीएसडब्ल्यू भी अगले महीने से कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को कच्चे माल की बढ़ती कीमतें और अधिक लॉजिस्टिक खर्च का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ रही है।
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement