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पुरानी गाड़ियों में बीएस6 मानक इंजन लगवाना बन सकता है प्रदूषण का समाधान : ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन

ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने शनिवार को कहा कि पुरानी गाड़ियों के इंजन को लेकर धुंआ परेशानी बनता है. ऐसे में अगर सब्सिडी देकर बीएस6 मानक इंजन लगवा दिए जाएं तो बाकी की आधी राशि ट्रांसपोर्टर खुद ही भरने को तैयार हो जाएगा.

13 Jul, 2025
( Updated: 13 Jul, 2025
02:31 PM )
पुरानी गाड़ियों में बीएस6 मानक इंजन लगवाना बन सकता है प्रदूषण का समाधान : ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन

दिल्ली के वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत भारत स्टेज 4 (बीएस4) वाहनों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने शनिवार को कहा कि पुरानी गाड़ियों के इंजन को लेकर धुंआ परेशानी बनता है. ऐसे में अगर सब्सिडी देकर बीएस6 मानक इंजन लगवा दिए जाएं तो बाकी की आधी राशि ट्रांसपोर्टर खुद ही भरने को तैयार हो जाएगा. 

AIMGTA  के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए राजेंद्र कपूर ने कहा, "गाड़ियों की लाइफ 15 साल तक की है और जब रजिस्ट्रेशन के टाइम पर उस पर 15 साल लिखा होता है तो उसे 15 साल तक चलने दिया जाना चाहिए. यह हो सकता है कि जिस दिनों में दिल्ली के अंदर प्रदूषण होता है और मानक कहता है की गाड़ियों से प्रदूषण हो रहा है तो उसे उसी समय पर बंद कर देना चाहिए."

1 नवंबर से बीएस4 वाली गाड़ियां दिल्ली में बंद 
राजेंद्र कपूर ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि “1 नवंबर से दिल्ली सरकार बीएस4 वाली गाड़ियों को दिल्ली में बंद कर रही है. गाड़ी को 7 वर्ष इस्तेमाल करने के बाद आदमी सोचता है कि उसमें से कुछ कमाई कर ले हालांकि जब गाड़ी थोड़ी पुरानी होती है तो उसमें लागत भी लगती है ऐसे में ट्रांसपोर्टर के लिए कुछ नहीं बचता है. दिल्ली में 15 वर्ष की जगह गाड़ियों की उम्र 10 वर्ष करना ठीक नहीं है जबकि बाकी राज्यों में गाड़ी की उम्र 15 वर्ष है.” 

‘दिल्ली का व्यापार ठप पड़ सकता है’
कपूर ने उदाहरण देते हुए समझाया, "अगर एक गाड़ी आज केरल से सामान लेकर दिल्ली आती है तो दिल्ली में एंट्री नहीं कर पाएगी क्योंकि देश के दूसरे राज्यों में चलने वाली गाड़ी पर दिल्ली में पाबंदी होगी, इससे लागत बढ़ जाएगी दिल्ली का व्यापार ठप हो सकता है."

बीएस6 इंजन कम प्रदूषण करते हैं
बीएस4 वाहनों के लिए एक उत्सर्जन मानक है. यह मानक 1 अप्रैल, 2017 से भारत में लागू किया गया था, जिसका मतलब है कि 1 अप्रैल, 2017 और उसके बाद निर्मित वाहनों को बीएस4 मानकों का पालन करना था. बीएस4 और बीएस6 के बीच अंतर यह है कि बीएस6 इंजन बीएस4 की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं.

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