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यूक्रेन का मॉस्को पर अब तक का सबसे बड़ा हमला, दागे 84 ड्रोन, रूस-यूक्रेन संघर्ष में बढ़ा तनाव

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले किए हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने मॉस्को और उसके आस-पास के क्षेत्रों में 84 यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट कर दिया, जिससे राजधानी में उड़ानों को डाइवर्ट करना पड़ा। वहीं, यूक्रेन की वायु सेना ने दावा किया कि रूस ने शनिवार की रात देशभर में 145 ड्रोन छोड़े, जिनमें से अधिकांश को रोक दिया गया।

यूक्रेन का मॉस्को पर अब तक का सबसे बड़ा हमला, दागे 84 ड्रोन, रूस-यूक्रेन संघर्ष में बढ़ा तनाव

यूक्रेन-रूस युद्ध में ड्रोन हमलों का अब तक का सबसे बड़ा दौर देखने को मिला है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर भारी संख्या में ड्रोन हमले किए हैं, जिनमें रूस की राजधानी मॉस्को के पास के कई इलाके और यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र शामिल हैं। इन हमलों से जनता में भय का माहौल और तनाव बढ़ता जा रहा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने मॉस्को और उसके आस-पास के क्षेत्रों में 84 यूक्रेनी ड्रोन को इंटरसेप्ट किया, जबकि यूक्रेन की वायु सेना ने दावा किया कि रूस ने भी पूरे देश पर 145 ड्रोन दागे, जिनमें से अधिकांश को गिरा दिया गया।

मॉस्को के रमेन्स्कोए, कोलोम्ना और डोमोदेदोवो जिलों में ड्रोन हमलों का सबसे अधिक प्रभाव देखा गया। मॉस्को के इन इलाकों में गिरने वाले ड्रोन मलबे से चार घरों में आग लग गई और पांच लोग घायल हो गए। यह हमला यूक्रेन का अब तक का मॉस्को पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, जो राजधानी क्षेत्र को काफी प्रभावित कर रहा है। मॉस्को में नागरिक हवाई यातायात भी इस हमले से प्रभावित हुआ, और कई फ्लाइट्स को डाइवर्ट करना पड़ा।

इससे पहले भी मॉस्को और उसके आसपास ड्रोन हमले हुए थे। मई 2022 में क्रेमलिन के पास दो ड्रोन हमलों को रोका गया था और पिछले सितंबर में रमेन्स्कोए में एक महिला की मौत हो गई थी। मॉस्को सिटी बिजनेस डिस्ट्रिक्ट भी कई बार ड्रोन हमलों का शिकार हुआ है। इन घटनाओं ने मॉस्को के लोगों को सतर्क कर दिया है और वहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

यूक्रेन में भारी नुकसान और ड्रोन आक्रमण

दूसरी तरफ, यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र में रूसी ड्रोन हमले से दो लोग घायल हुए और कुछ इमारतें बुरी तरह जल गईं। यूक्रेन ने दावा किया कि उन्होंने 62 रूसी ड्रोन मार गिराए और बाकी 67 अपने रास्ते में खत्म हो गए। यूक्रेन ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए इन ड्रोन हमलों को रोकने का प्रयास किया। यूक्रेन की वायु सेना के अनुसार, कुछ ड्रोन मोल्दोवा और बेलारूस के रास्ते वापस रूस चले गए।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद शांति की उम्मीद?

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने के बाद युद्ध पर उनके संभावित प्रभाव को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। चुनाव प्रचार के दौरान, ट्रंप ने कहा था कि वे इस युद्ध को एक दिन में समाप्त कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने इसका कोई विशेष तरीका साझा नहीं किया। उनके पूर्व सलाहकार ब्रायन लांजा का कहना है कि ट्रंप का उद्देश्य शांति स्थापित करना होगा, न कि यूक्रेन को अपनी खोई हुई जमीन वापस दिलाना। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से चुनाव जीतने के बाद बात भी की। ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका की मदद के बिना यूक्रेन इस युद्ध को नहीं जीत सकता।

यूके के सेना प्रमुख सर टोनी रेडाकिन के अनुसार, रूस को पिछले एक महीने में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। अक्टूबर के दौरान रूसी सेनाओं को औसतन हर दिन लगभग 1500 सैनिकों की हानि हुई है, जो युद्ध के शुरुआत के बाद से सबसे भयानक आंकड़ा है।

वैसे आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच ड्रोन का उपयोग अब इस संघर्ष का एक अहम हिस्सा बन गया है। यूक्रेन और रूस दोनों ने ही अपनी ड्रोन क्षमताओं को काफी मजबूत किया है, जिससे हमले और रक्षा, दोनों का संतुलन बना रहे। ट्रंप के शांति के संभावित प्रयासों के बावजूद, यह स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। मॉस्को में बड़े ड्रोन हमले और ओडेसा में रूस के हमले ने दिखा दिया है कि यह युद्ध अभी थमने वाला नहीं है। जनता के लिए यह संघर्ष और असहनीय होता जा रहा है, और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए आने वाले समय में कई चुनौतियाँ हैं।

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