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दोस्त खास तो सिक्योरिटी-सुविधा भी वर्ल्ड क्लास...पुतिन का भारत दौरा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट, क्या कुछ खास है?

भारत और पीएम मोदी के करीबी दोस्त पुतिन 4 दिसंबर से अपने दो दिवसीय भारत दौरे की शुरुआत कर रहे हैं. उनकी सुरक्षा और मौजूदा वैश्विक हालात और पुतिन की शख्सियत को देखते हुए भारत ने उनकी सुरक्षा को लेकर ऐतिहासिक इंतजाम किए हैं. उनकी सुरक्षा, रहन-सहन सब गुप्त होगी, मूवमेंट भी खुफिया रखा जाएगा यानी कि सेक्योरिटी ऐसी कि परिदा भी पर न मार पाए.

Created By: केशव झा
03 Dec, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
10:34 AM )
दोस्त खास तो सिक्योरिटी-सुविधा भी वर्ल्ड क्लास...पुतिन का भारत दौरा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट, क्या कुछ खास है?

रुसी राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा कोई साधारण सुरक्षा नहीं है, हज़ारों फौजी, गुप्त एजेंट तैनात रहते हैं. पुतिन की सुरक्षा एक दीवार नहीं, सात समंदर पार की चट्टान है, जिसे पार पाना दुश्मनों के बस की बात नहीं. वैश्विक हालात और ट्रंप की टैरिफ दादागिरी के बीच हो रहे उनके भारत दौरे पर उन्हें खरोंच तक भी नहीं आने दी सकती है. भारत ने इसके लिए हाई प्रोफाइल इंतजाम भी किए हैं. उनके इस दौरे पर ऐसे-ऐसे समझौते और बातचीत होने वाले हैं जिससे अमेरिका-चीन पक्का चिढ़ जाएंगे.

आपको बताएं कि रुसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की सुरक्षा कोई साधारण सुरक्षा नहीं है, ये है रूस की FSO, पचास हज़ार फौजी, हज़ारों गुप्त एजेंट, जिन्हें देखा नहीं जाता, सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है. पुतिन की सुरक्षा कोई दीवार नहीं बल्कि सात समंदर पार की चट्टान है, जिसमें चार परतें हैं:

पहली परत: सबसे करीबी और सटीक अंगरक्षक, जो पुतिन से ज़्यादा फिट हैं, मार्शल आर्ट चैंपियन, जिनकी आंखें कैमरे से तेज होती है, हाथ बिजली से भी तेज, कोई भी आफ़त आए उससे पहले ही ये ढाल बन जाते हैं

दूसरी परत: स्नाइपर्स की नज़रें, ड्रोन की आंखें और वो एजेंट जो भीड़ में भी अकेले खड़े होते हैं.

तीसरी परत: ऐसे ट्रेंड गार्ड्स जो अंदर के जवानों का बाहरी कवच हैं, अनहोनी की आहट पर ये पूरी फौज टूट पड़ती है.

चौथी परत: सबसे ख़तरनाक और सबसे अदृश्य, पुतिन का खाना चखने वाला. उनकी व्यवस्था का ध्यान रखने वाले, उनका बिस्तर चेक करने वाले, पुतिन तक कोई दुश्मन पहुंचे, उससे पहले ही ये काम तमाम कर देते हैं.

रुसी राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा रूस की संघीय सुरक्षा सेवा यानी कि FSO-Federal Protective Service करती है, जो KGB की ही उत्तराधिकारी है. FSO बेहद ही गोपनीय एजेंसी है, जो राष्ट्रपति की सुरक्षा के साथ-साथ क्रेमलिन की रक्षा भी करती है, इसमें कई हजार सादे कपड़ों वाले एजेंट शामिल होते हैं. ऐसे में भारत आ रहे पुतिन की सुरक्षा इन्हीं सबकी ज़िम्मेदारी है.

FSO की कुल संख्या: 
लभग 50,000 सैन्यकर्मी और हजारों सादे कपड़ों वाले एजेंट, इसमें SBP सहित सभी सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं।

SBP की संख्या
बेहद गोपनीय होने की वजह से सटीक आंकड़े पता नहीं चलता. अनुमान और कुछ रिपोर्ट के अनुसार हज़ारों जवान इसमें शामिल होते हैं.

इसी कड़ी में भारत आ रहे पुतिन की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. भारत में भी उनकी सिक्योरिटी ज़बरदस्त होगी. पुतिन के दौरे को लेकर सेंट्रल फोर्सेज और दिल्ली पुलिस की 5 लेयर सिक्योरिटी मुस्तैद रहेगी. पुतिन का दौरा सीक्रेट कवर रहेगा. उनकी सुरक्षा को 5-7 लेयर में बांटा जाएगा. उनके स्पेशल विमान के लैंड करते ही बाहरी लेयर की सुरक्षा एनएसजी कमांडो संभालेंगे, SPG, NSG, RAW, IB, दिल्ली पुलिस अपनी-अपनी सुरक्षा लेयर पर तैनात रहेंगी, साथ ही ड्रोन, जैमर, AI मॉनिटरिंग, रूट सैनिटाइजेशन और एंटी-स्नाइपर यूनिट भी तैनात की जाएगी 

भारत में कैसे होगी पुतिन की सिक्योरिटी?

  • राष्ट्रपति भवन, विज्ञान भवन, होटल और रुट पर दिल्ली पुलिस के जवान सुरक्षा संभालेंगे, 5 किमी के दायरे में ट्रैफिक फ्रीज कर दिया जाएगा.
  • पुतिन की सुरक्षा के लिए हवाई क्षेत्र की भी निगरानी होगी, ड्रोन जैमर, सैकड़ों जवान और स्निफर डॉग्स भी तैनात किए जाएंगे.
  • बाहरी खतरे को देखते हुए, RAW, IB वाले ज़िम्मेदारी संभालेंगे, MEA के प्रोटोकॉल के तहत तैनाती होगी.
  • पुतिन के यात्रा रुट पर Quick Response Teams और पैरामिलिट्री के जवान होंगे, भारतीय सेना और पुलिस जवान जिम्मेदारी संभालेंगे.

कुल मिलाकर पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पुतिन के दौरे को लेकर उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर रूसी राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकार निकोलाई पेत्रुशेव से बातचीत की, जिसमें सुरक्षा के हर पहलू पर चर्चा हुई. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉस्को में सर्गेई लावरोव से प्री-समिट मीटिंग की थी, जहां पर ये फ़ाइनल हो गया था कि पुतिन सीक्रेट कवर में आएंगे. उनकी यात्रा का रूट और समय सार्वजनिक नहीं होगा

कैसा होगा पुतिन का होटल?

पुतिन जिस होटल में ठहरेंगे वो कुछ-कुछ देर में सेनेटाइज किया जाएगा. 24 घंटे सुरक्षा तैनात रहेगी, रूस की सुरक्षा टीम का अलग सिस्टम सेट रहेगा. पुतिन के आगमन से पहले 50 अफसर भारत पहले ही पहुंच चुके हैं. ये उन सभी जगहों की सुरक्षा ड्रिल कर रहे हैं, जहां पुतिन का जाना तय या फिर संभावित है. भारत की टॉप सुरक्षा ऐजेंसियां और दिल्ली पुलिस के चुनिंदा अफसर ही रूसी राष्ट्रपति के होटल सिक्योरिटी कोर टीम के संपर्क में हैं.

पुतिन की लैब और रसोई साथ आएगी!

पुतिन जहां भी जाते हैं, वहां उनकी एक सेना पहले से तो तैनात रहती ही है, यहां तक कि एक पोर्टेबल लैब भी उनके साथ रहता है, जिसका पुतिन के खाने-पीने की चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. खाने में जहर की जांच भी की जाती है. लैब की OK रिपोर्ट के बाद ही पुतिन खाना खाते हैं. इसके साथ ही पोर्टेबल टॉयलेट भी साथ होता है.

पुतिन की भारत यात्रा क्यों खास है?

पुतिन के सिक्योरिटी और व्यवस्था से इतर रुसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा बेहद खास है. जब दुनिया जंग के दौर में है, ट्रंप अपनी मनमानी पर उतारु हैं, उस बीच पुतिन के भारत दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है. यहां पीएम मोदी के साथ पुतिन द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा करेंगे. इतना ही नही वैश्विक मुद्दों जैसे यूक्रेन, इंडो-पैसिफिक स्थिरता पर विचार-विमर्श करेंगे, साथ की भारत के साथ तमाम समझौते करेंगे.

भारत-रुस के बीच कौन से रक्षा समझौते हो सकते हैं?

  • उनके इस दौरे के दौरान S-400 डिलीवरी को तेज करने पर बात होगी, 2020-2024 में भारत का कुल रक्षा आयात का 36% रूस से था, ऑपरेशन सिंदूर में S-400 की सफलता के बाद इसकी मांग बढ़ाई गई है.
  • RELOS समझौता यानी Reciprocal Exchange of Logistics Agreement को बढ़ाया जाएगा. फरवरी 2025 से इसपर बात हो रही है. इस समझौते के तहत संयुक्त सैन्य अभ्यास, आपदा राहत को सरल बनाना, भारतीय नौसेना जैसे INS विक्रमादित्य रूसी ठिकानों का इस्तेमाल कर सकेगी और रूसी नौसेना हिंद-प्रशांत में भारतीय सुविधाओं का इस्तेमाल कर पाएगी.
  • SU-57 फाइटर जेट्स की खरीद, S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर बात, ब्रह्मोस मिसाइल अपग्रेड, संयुक्त हथियार उत्पादन पर भी चर्चा होने की संभावना है.

व्यापार और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा

  • भारत-रुस के बीच वर्तमान में 65-70 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है.
  • दोनों देश एक दूसरे की करेंसी में ही व्यापार करेंगे, रूस भारतीय कृषि उत्पादों जैसे कि चावल, दवाएं के आयात के लिए गैर-शुल्क बाधाएं कम करेगा.
  • ऊर्जा, निवेश और व्यापार क्षेत्रों में बात होगी. रूस भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत रूस का दूसरा.

ऊर्जा और परमाणु सहयोग पर बात

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  • अमेरिकी के 50% टैरिफ़ के के बावजूद, भारत रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदता है, ट्रंप की टैरिफ मनमानी से भी निपटने पर चर्चा होगी.
  • नए परमाणु रिएक्टरों के लिए समझौते, जिसमें ऊर्जा और AI तकनीक शामिल हैं, उसपर भी बात होगी.
  • रूस भारत को उत्तरी समुद्री ठिकानों और हवाई अड्डों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकता है.

कुल मिलाकर पुतिन का ये दौरा बेहद ख़ास होगा, उनकी सिक्योरिटी चप्पे-चप्पे पर होगी, ऐसे में पुतिन को खरोंच भी नहीं आने दी जा सकती है. पुतिन के इस दौरे से भारत और रुस के रिश्ते और ज़्यादा मज़बूत होंगे, जब ट्रंप की वजह से दुनिया परेशान है, ट्रंप को रुस-भारत की दोस्ती चुभ रही है, उस दौरान ये चर्चा और समझौते होना अमेरिका को टेंशन जरुर देगा, साथ ही रुस-यूक्रेन युद्ध को भी लेकर बात हो सकती है. पीएम मोदी पहले भी इस जंग को रोकने की बात करते आए हैं, ऐसे में इस दौरे पर भी इस मुद्दे पर बात होगी, हालांकि इससे पहले भी पीएम मोदी पुतिन से जंग रोकने की बात कह चुके हैं, लेकिन अमेरिकी मनमानी की वजह से पुतिन पीछे नहीं हटना चाहते.

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