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230 बार पृथ्वी की परिक्रमा कर अब घर लौटेंगे शुभांशु शुक्ला, NASA ने तय की वापसी की तारीख

भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और Axiom-4 मिशन के अन्य तीन सदस्य 14 जुलाई को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती पर लौटेंगे. NASA ने पुष्टि की है कि मिशन की अनडॉकिंग की प्रक्रिया इसी दिन पूरी की जाएगी. NASA के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम मैनेजर स्टीव स्टिच ने बताया कि मिशन की प्रगति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.

11 Jul, 2025
( Updated: 11 Jul, 2025
04:17 PM )
230 बार पृथ्वी की परिक्रमा कर अब घर लौटेंगे शुभांशु शुक्ला, NASA ने तय की वापसी की तारीख

अंतरिक्ष की अनंत दुनिया में भारत की पहचान और गहरी होती जा रही है. भारत के ग़्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यात्रा कर न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाया है, बल्कि Axiom-4 मिशन के तहत उन्होंने एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष सफर भी तय किया है. NASA ने जानकारी दी है कि शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री 14 जुलाई को धरती पर वापसी करेंगे. उनकी वापसी को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं और वैज्ञानिकों की नजर मिशन की हर गतिविधि पर बनी हुई है.

25 जून को रवाना हुए थे कैनेडी स्पेस सेंटर से
शुभांशु शुक्ला 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुए थे. अगले ही दिन यानी 26 जून को वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचे थे. इस मिशन के तहत वह तीन अन्य अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ISS पर पहुंचे थे. पेगी व्हिटसन, स्लावोस उजनान्स्की-विस्निवस्की और तिबोर कपु. मिशन का नेतृत्व Axiom Space ने किया, जो अंतरिक्ष यात्रियों के व्यावसायिक मिशनों का संचालन करता है. NASA के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम मैनेजर स्टीव स्टिच के मुताबिक, “Axiom-4 मिशन की गतिविधियों पर बारीकी से निगरानी की जा रही है और 14 जुलाई को ‘अनडॉकिंग’ की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.”

क्या होता है ‘हाई बीटा पीरियड’?
Axiom-4 मिशन की वापसी में थोड़ी देरी इसलिए हुई क्योंकि अंतरिक्ष स्टेशन इस समय 'हाई बीटा पीरियड' में था. यह वह अवधि होती है जब अंतरिक्ष स्टेशन और सूर्य के बीच का कोण इस प्रकार होता है कि स्टेशन को लगातार सूर्य की रोशनी मिलती है. इससे तापमान नियंत्रण एक चुनौती बन जाता है. ऐसे में वैज्ञानिक मिशन की ‘अनडॉकिंग’ यानी पृथ्वी वापसी की प्रक्रिया को थोड़े समय के लिए स्थगित कर देते हैं ताकि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

230 बार लगाया पृथ्वी का चक्कर 
Axiom-4 मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला और उनके दल ने करीब 230 बार पृथ्वी की परिक्रमा की. इस दौरान उन्होंने कुल 96.5 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की. यह आंकड़ा खुद में एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि है. ISS पर रहते हुए शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद किया, ISRO के वैज्ञानिकों से बात की और स्कूली छात्रों के साथ एक प्रेरणादायक लाइव सेशन भी किया. उन्होंने HAM रेडियो के जरिए ISRO के विभिन्न केंद्रों से भी संपर्क साधा. अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच उन्होंने पृथ्वी की कई तस्वीरें लीं, वीडियो बनाए और परिवार से भी संपर्क में रहे.

60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग
Axiom-4 मिशन महज एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं था, बल्कि एक ऐसा वैज्ञानिक अभियान था जिसमें 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए गए. इन प्रयोगों में बायोमेडिकल साइंस, न्यूरोसाइंस, स्पेस टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर और मटेरियल साइंस शामिल रहे. Axiom Space ने स्पष्ट किया कि इन प्रयोगों का उद्देश्य सिर्फ अंतरिक्ष में जीवन को आसान बनाना नहीं है, बल्कि धरती पर बीमारियों के इलाज, स्वास्थ्य निगरानी और वैज्ञानिक शोध को नई दिशा देना भी है. मिशन से जुड़ा हर डेटा बिंदु हमारे अंतरिक्ष अभियानों को बेहतर बनाने में मदद करेगा.

भारत के लिए गौरव का क्षण
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है. उन्होंने यह दिखाया कि भारतीय मूल के वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री अब वैश्विक स्तर पर भी नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. उनके योगदान से न केवल विज्ञान को नई दिशा मिलेगी, बल्कि भारत के लाखों युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी कि सपने यदि सच्चे समर्पण और मेहनत से देखे जाएं तो वे जरूर पूरे हो सकते हैं.

अब वापसी की घड़ी नजदीक
14 जुलाई को Axiom-4 मिशन की टीम धरती पर वापसी करेगी. स्पेस स्टेशन से 'अनडॉक' करने के बाद वे विशेष कैप्सूल में समुद्र के जरिए सुरक्षित रूप से अमेरिका के तट पर लौटेंगे. इस मिशन को भविष्य की अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है. शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान विज्ञान, तकनीक और भारतीय प्रतिभा का वह संगम है, जो आने वाले समय में और भी ऊंचे मुकाम छूने को तैयार है.

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