ट्रंप-जेलेंस्की बैठक से पहले रूस का बड़ा हमला, कीव पर मिसाइल-ड्रोन अटैक से बढ़ा युद्ध का तनाव; यूक्रेन ने जारी किया अलर्ट
रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों के बीच तनाव फिर बढ़ गया है. ट्रंप-जेलेंस्की की प्रस्तावित बैठक से पहले रूस ने कीव समेत कई इलाकों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. शनिवार सुबह धमाकों के बाद वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय हुई और राजधानी में रेड अलर्ट लागू किया गया.
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रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों के बीच हालात एक बार फिर ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की प्रस्तावित अहम बैठक से ठीक पहले रूस ने कीव समेत यूक्रेन के कई इलाकों पर मिसाइलों और ड्रोन से बड़े पैमाने पर हमला कर दिया. इन हमलों ने यह साफ कर दिया है कि युद्धविराम की राह अभी भी बेहद कठिन और जोखिमों से भरी हुई है.
शनिवार सुबह राजधानी कीव में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनाई दीं. हमले के साथ ही यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय हो गई और आसमान में रूसी मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने की कोशिश शुरू हुई. यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, रूस ने न सिर्फ कीव बल्कि देश के उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी इलाकों को भी निशाना बनाया. सुबह 8 बजे तक हमले जारी रहे और राजधानी में एयर रेड अलर्ट लागू रहा.
यूक्रेन सरकार ने जारी किया अलर्ट
कीव प्रशासन ने जानकारी दी है कि इन हमलों में कम से कम आठ लोग घायल हुए हैं. इससे एक दिन पहले भी रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे और दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र पर हमले तेज कर दिए थे. लगातार हो रहे हमलों से आम नागरिकों में डर का माहौल है और बिजली व अन्य जरूरी सेवाओं पर भी असर पड़ा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति की बैठक के पहले रूस की कड़ी प्रतिक्रिया
इन हमलों का समय बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि रविवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फ्लोरिडा में मुलाकात प्रस्तावित है. जेलेंस्की के अनुसार, इस बैठक में युद्ध रुकने के बाद किन इलाकों पर किसका नियंत्रण होगा, यही सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा. उन्होंने बताया कि अमेरिका की अगुवाई में तैयार किए जा रहे 20 बिंदुओं वाले शांति प्रस्ताव का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा तैयार हो चुका है.
ज़मीन छोड़ने को तैयार नहीं जेलेंस्की
हालांकि शांति समझौते के रास्ते में कई बड़ी अड़चनें अब भी बनी हुई हैं. जेलेंस्की ने कहा कि जमीन का बंटवारा सबसे बड़ा विवाद है. रूस चाहता है कि यूक्रेन पूर्वी डोनबास क्षेत्र से पीछे हटे, जबकि कीव मौजूदा मोर्चों पर ही युद्धविराम की मांग कर रहा है. इसके अलावा सुरक्षा गारंटी भी एक गंभीर मुद्दा है. अमेरिका ने 15 साल की सुरक्षा गारंटी का प्रस्ताव दिया है, लेकिन यूक्रेन इससे ज्यादा मजबूत और कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता चाहता है, ताकि भविष्य में रूस दोबारा हमला न कर सके.
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बताते चलें कि शांति की कोशिशों के बीच बढ़ते हमले यह संकेत दे रहे हैं कि यूक्रेन युद्ध का अंत अभी दूर है और आने वाले दिन वैश्विक राजनीति के लिए बेहद निर्णायक साबित हो सकते हैं.
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