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भुखमरी और कंगाली से बदहाल पाकिस्तान ने IMF से फिर भीख मांगी... 7 अरब डॉलर के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाया

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आर्थिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. खबर है कि, पाकिस्तान ने IMF के प्रतिनिधिमंडल के साथ 7 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर बातचीत की है.

भुखमरी और कंगाली से बदहाल पाकिस्तान ने IMF से फिर भीख मांगी... 7 अरब डॉलर के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाया

भुखमरी और कंगाली की हालत में जी रहा पाकिस्तान अब फिर से IMF से भीख मांगने की तैयारी कर रहा है. खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते उसने फिर से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से भीख मांगने की तैयारी शुरू कर दी है. इसको लेकर IMF मिशन ने पाकिस्तान की आर्थिक प्रतिनिधि मंडल के साथ एक औपचारिक बैठक की है.

कंगाल पाकिस्तान फिर से भीख मांगने को तैयार 

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आर्थिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. खबर है कि IMF के प्रतिनिधिमंडल के साथ 7 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम और 1.1 अरब डॉलर की रेजिलिएंट सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (RSF) के कार्यान्वयन की समीक्षा हुई है. इस बात का खुलासा पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' में हुआ है. अखबार ने बताया है कि यह बैठक ऐसे समय पर हुई, जब जून 2025 के अंत तक कार्यकम का प्रदर्शन मिला-जुला रहा था. 

IMF के प्रमुख दल ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री से की मुलाकात 

सोमवार को IMF की मिशन प्रमुख ईवा पेत्रोवा के नेतृत्व में एक दल पाक वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब के नेतृत्व वाले पाकिस्तानी दल से मुलाकात की है. इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर, वित्त सचिव और फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू यानी (FBR) के चेयरमैन समेत प्रमुख आर्थिक हितधारक शामिल हुए.

IMF प्रतिनिधि मंडल 2 सप्ताह तक पाकिस्तान में रहेगा

खबरों के अनुसार, IMF प्रतिनिधिमंडल अगले 2 सप्ताह तक पाकिस्तान में रहेगा और 7 अरब डॉलर की एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) और 1.1 अरब डॉलर की RSF की प्रगति का मूल्यांकन करेगा. उसके बाद दोनों पक्ष दिसंबर 2025 तक समाप्त होने वाले द्विवार्षिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सुधारात्मक कदमों पर चर्चा करेंगे. 

पाकिस्तान कर्ज का पैसा कहां करेगा इस्तेमाल? 

जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान लंबे समय से अटकी हुई ब्राउनफील्ड पेट्रोलियम रिफाइनरी नीति को तेजी से लागू करने के तैयारी में है. इसको लेकर वह IMF से समर्थन की मांग कर रहा है. खबरों के मुताबिक, अपग्रेडेशन में देरी के कारण रिफाइनरियों के लिए करीब 6 अरब डॉलर का नया निवेश रुका पड़ा है.

अधिकारियों का क्या कहना है?

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इस मामले पर अधिकारियों का कहना है कि 'यह कदम RSF के उद्देश्यों से मेल खाता है, क्योंकि अपग्रेड से कम कार्बन और सल्फर उत्सर्जन वाले पेट्रोलियम उत्पाद बनेंगे, जो यूरोपीय मानकों पर खरे उतरेंगे.' वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक, IMF मिशन बाकी लक्ष्यों के शीघ्र क्रियान्वयन पर अधिकारियों के साथ सकारात्मक बातचीत भी करेगा.

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