'इस्लामी सोच खतरा...', तेजी से पैर पसार रहे कट्टरपंथी, ट्रंप की खास तुलसी गबार्ड ने चेताया, एक्शन के संकेत!
अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गबार्ड के एक बयान ने नई चर्चा छेड़ दी है. एरिजोना में अमेरिका फेस्ट को संबोधित करते हुए उन्होंने इस्लाम की विचारधारा को अमेरिका की आजादी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया.
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अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (DNI) तुलसी गबार्ड के एक ऐसा बयान दिया है जिसकी पूरे हर तरफ चर्चा हो रही है. उन्होंने इस्लाम की विचारधारा को अमेरिका की आजादी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है. तुलसी गबार्ड का कहना है कि यह कोई धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि एक राजनीतिक विचारधारा है, जिसका उद्देश्य शरीयत कानून के तहत वैश्विक खिलाफत स्थापित करना है. उनके मुताबिक यह विचारधारा व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पश्चिमी लोकतांत्रिक मूल्यों के बिल्कुल खिलाफ है.
अमेरिका को इस्लामवादी सोच से संभलना होगा
दरअसल, तुलसी गबार्ड एरिजोना में आयोजित टर्निंग पॉइंट यूएसए के अमेरिका फेस्ट को संबोधित कर रही थी. इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में हनुक्का उत्सव में शामिल लोगों पर हुए दुखद इस्लामी आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह खतरा अब केवल विदेशों तक सीमित नहीं रह गया है. उन्होंने दावा किया कि यह विचारधारा अमेरिका के भीतर भी अपनी जड़ें जमा चुकी है. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक एजेंडा है, जिसका मकसद वैश्विक खिलाफत और शरीयत आधारित शासन को आगे बढ़ाना है. तुलसी के अनुसार, अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो इसका असर सीधे अमेरिकी समाज और लोकतंत्र पर पड़ेगा.
अमेरिका में ना बन जाए यूरोप जैसी स्थिति
तुलसी गबार्ड ने यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसी स्थिति की चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ने इस विचारधारा को उसके असली रूप में पहचान कर चुनौती नहीं दी, तो देश को वही हालात देखने पड़ सकते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जर्मनी में कई जगहों पर क्रिसमस मार्केट्स रद्द किए जा रहे हैं. वहीं ब्रिटेन में सड़क किनारे चुपचाप प्रार्थना करने पर भी लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. तुलसी का कहना है कि यह सब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ते प्रतिबंधों का संकेत है.
The tragic Islamist terror attack against those at a Hanukkah celebration in Australia sadly should not come as a surprise to anyone. This is the direct result of the massive influx of Islamists to Australia. Their goal is not only the Islamization of Australia but the entire…
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) December 16, 2025
कट्टरपंथियों से बचे और कार्रवाई करें
अपने बयान में तुलसी गबार्ड ने अमेरिका के भीतर कट्टरपंथ बढ़ने के आरोप भी लगाए. उन्होंने दावा किया कि कुछ शहरों में कट्टर इस्लाम की मौलवी खुलेआम युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं. उनके अनुसार मिशिगन के डियरबॉर्न और मिनेसोटा के मिनियापोलिस जैसे इलाकों में इस तरह की गतिविधियां देखी जा रही हैं. इसके अलावा उन्होंने न्यू जर्सी के पैटरसन और टेक्सास के ह्यूस्टन का भी जिक्र किया, जहां इस विचारधारा के प्रचार के आरोप लगाए गए हैं. तुलसी गबार्ड ने यह भी कहा कि इस विचारधारा से जुड़े लोग असहमति की आवाजों को दबाने के लिए सिर्फ सेंसरशिप तक सीमित नहीं रहते. उन्होंने आरोप लगाया कि कई मामलों में हिंसा और धमकी का सहारा भी लिया जाता है. उनके अनुसार सोशल मीडिया पर पोस्ट करने भर से लोगों को धमकियां मिलने लगती हैं. तुलसी ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया.
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बता दें कि अपने भाषण के अंत में तुलसी गबार्ड ने सरकार और समाज से अपील की कि कट्टरपंथी विचारधाराओं के खिलाफ सख्त और स्पष्ट कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि समय रहते कार्रवाई करना जरूरी है, ताकि अमेरिका की आजादी, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की जा सके.
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