Advertisement

भारत ने सीरिया में सभी पक्षों से राष्ट्र की एकता और अखंडता को प्राथमिकता देने की अपील की

Syria: बयान में 'सीरियाई समाज के सभी वर्गों के हितों और आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए एक शांतिपूर्ण और समावेशी सीरियाई नेतृत्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया' की वकालत की गई।

09 Dec, 2024
( Updated: 09 Dec, 2024
05:10 PM )
भारत ने सीरिया में सभी पक्षों से राष्ट्र की एकता और अखंडता को प्राथमिकता देने की अपील की
Google

Syria: भारत ने सोमवार को सीरिया में सभी पक्षों से अल-असद शासन के पतन के बाद राष्ट्र की एकता और अखंडता को प्राथमिकता देने की अपील की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर मध्य पूर्वी देश में बढ़ती अशांति के बीच शांतिपूर्ण समाधान की जरुरत पर जोर दिया। मंत्रालय ने कहा, "हम सीरिया में चल रहे घटनाक्रमों के मद्देनजर वहां के हालात पर नजर रख रहे हैं। हम इस बात पर जोर देते हैं कि सभी पक्षों को सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए।" बयान में 'सीरियाई समाज के सभी वर्गों के हितों और आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए एक शांतिपूर्ण और समावेशी सीरियाई नेतृत्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया' की वकालत की गई।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ...

रविवार को विद्रोही गुटों ने सीरिया की राजधानी दमिश्न पर कब्जा कर लिया

विदेश मंत्रालय ने सीरिया में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का भी जिक्र किया और आश्वासन दिया कि दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुदाय के साथ संपर्क में बना रहेगा। बता दें रविवार को विद्रोही गुटों ने सीरिया की राजधानी दमिश्न पर कब्जा कर लिया। वहीं राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़ कर भाग गए। विद्रोही लड़ाकों ने सरकारी टेलीविजन पर असद शासन की समाप्ति की घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट्स में रूसी अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है कि अल-असद ने अपने परिवार के साथ सीरिया से भागकर मॉस्को पहुंच गए हैं।

अल असद 1971 से देश का शासन संभाल रहे थे

सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने विद्रोहियों द्वारा दमिश्क में प्रवेश करने के दावे के तुरंत बाद फेसबुक पर पब्लिश एक वीडियो में कहा कि वह लोगों द्वारा चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ 'सहयोग' करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने नागरिकों से सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ न करने की अपील की। 59 वर्षीय बशर अल-असद ने अपने पिता हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद 2000 में सत्ता संभाली थी। अल असद 1971 से देश का शासन संभाल रहे थे। साल 2011 उनके शासन काल के लिए सबसे अहम साल रहा जब लोकतंत्र की मांग को लेकर हजारों सीरियाई नागरिक सड़कों पर उतर आए थे, लेकिन उन्हें भारी सरकारी दमन का सामना करना पड़ा। हालांकि सरकार के विरोध में विभिन्न सशस्त्र विद्रोही समूहों का गठन हो गया और सरकार का विरोध 2012 के मध्य तक, विद्रोह एक पूर्ण गृह युद्ध में बदल गया। 

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
Modi बोलता हुआ कोहिनूर हैं, असल खेल तो अब शुरु होने वाला हैं ! Waqf Bill | Maulana Kaukab Mujtaba
Advertisement
Advertisement