गिरफ्तार होने से पहले FB लाइव आया भारत का कट्टर दुश्मन मौलाना, जमात-ए-इस्लामी, NCP के आतंकी कांड की खोली पोल
बांग्लादेश में भारत-विरोधी और हिंदू-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकी मौलाना अताउर रहमान बिक्रमपुरी को बांग्लादेश में पुलिस ने गिरफ्तार किया है. रहमान ने अपनी गिरफ्तारी से पहले फेसबुक लाइव के माध्यम से बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी और NCP की पोल खोल दी है और उसके आतंकी इतिहास का खुलासा कर दिया है.
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बांग्लादेश में बीते साल हुई कथित स्टूडेंट क्रांति उर्फ ढाका क्रांति की पोल अब खुलनी शुरू हो गई है. दरअसल, शेख हसीना को सत्ता से उखाड़ने को लेकर हुए आंदोलन पर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. यह खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि एक कट्टरपंथी मौलाना ने अपनी गिरफ्तारी से ठीक पहले किया है. फेसबुक लाइव आकर देश के चर्चित मौलाना अताउर रहमान बिक्रमपुरी ने नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के उन नेताओं की पोल खोल दी, जो खुद को इस कथित क्रांति का चेहरा बताते आ रहे हैं. बिक्रमपुरी ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि NCP के कई नेता आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े रहे हैं और देश में अस्थिरता फैलाने का काम कर रहे हैं.
मौलाना ने बांग्लादेश की क्रांति की खोली पोल!
यह सिर्फ एक मौलाना का बयान भर नहीं है, बल्कि बांग्लादेश की तथाकथित क्रांति की असलियत को उजागर करने वाला दावा है. अताउर रहमान बिक्रमपुरी ने NCP के साथ-साथ जमात के नेताओं के आतंकी कनेक्शन का भी खुलासा किया. उनका कहना था कि NCP और जमात के कुछ चेहरे मिलकर साजिश के तहत हाल की गड़बड़ियों को हवा दे रहे हैं और खासकर NCP से जुड़े छात्र नेताओं की इसमें अहम भूमिका रही है. रहमान के इस आरोप वाला वीडियो पुलिस कार्रवाई से महज कुछ घंटे पहले सामने आए.
आतंकी गतिविधियों में रहा है जमात के लोगों का हाथ: अताउर रहमान बिक्रमपुरी
अताउर रहमान बिक्रमपुरी ने बांग्लादेश के जमात नेताओं के आतंकी कनेक्शन का भी पर्दाफाश किया है. बिक्रमपुरी ने यह भी कहा है कि NCP और जमात के नेताओं का आतंकी गतिविधियों में हाथ रहा है और यही लोग बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाने के भी जिम्मेदार हैं. उन्होंने NCP से जुड़े छात्र नेताओं पर देश में हाल की गड़बड़ियों की साज़िश रचने का आरोप लगाया. आपको बता दें कि ये तमाम दावे पुलिस कार्रवाई से कुछ घंटे पहले सामने आए थे.
#BREAKING: Before being arrested, radical preacher Ataur Rahman Bikrampuri went live and exposed the Bangladesh NCP and Jamaat's involvement in all terrorist activities. pic.twitter.com/lQjuG43IxF
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 26, 2025
23 दिसंबर को गिरफ्तार हुआ था अताउर रहमान बिक्रमपुरी?
आपको बता दें कि बीते 23 दिसंबर को अताउर रहमान बिक्रमपुरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया. रहमान का सोशल मीडिया प्रोफाइल खुद को “प्रिज़नर्स राइट्स मूवमेंट” से जुड़ा बताता आ रहा है. वह कई बार “तौहीदी जनता” के बैनर तले विरोध प्रदर्शन आयोजित करता दिखा है और “एंटी-शतिम मूवमेंट” नाम से एक फेसबुक पेज भी चलाता रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि गिरफ्तारी के बाद उसे कासिमपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया, जहां उस पर भड़काऊ भाषण देने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
रहमान के समर्थकों ने दावा किया है कि गिरफ्तारी के वक्त वह बस से मंगलवार रात नरसिंगदी से भैरब जा रहा था. इस दौरान उसे रास्ते में रोककर गिरफ्तार किया गया. समर्थक जो भी दावे करें, लेकिन यह भी सच है कि अताउर रहमान पर लंबे समय से कट्टरपंथ फैलाने के आरोप लगते रहे हैं. वह लोकतांत्रिक सोच रखने वाले मुसलमानों को खुलेआम “काफिर” कहता रहा है और नास्तिकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप भी उस पर लगे हैं. उसने इस्लामिक स्टेट (IS) को तो खारिज किया, लेकिन सार्वजनिक मंचों से अल-कायदा और तालिबान को वैध बताना भी उसका कट्टर सोच को उजागर करता है. यही नहीं, 2021 में उसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े होने के आरोप में भी गिरफ्तार किया जा चुका है.
क्या हैं भारत विरोधी मौलाना अताउर रहमान बिक्रमपुरी पर आरोप?
आपको बता दें कि बांग्लादेश में भारत विरोधी मौलाना अताउर रहमान बिक्रमपुरी पर हिंदुओं को निशाना बनाकर देशव्यापी हिंसा और हत्या की साजिश रचने का आरोप है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह भारतीय उच्चायोग और बांग्लादेश में स्थित भारतीय प्रतिष्ठानों पर आत्मघाती हमले की भी योजना बना रहा था. हालांकि इसकी स्वंतत्र पुष्टि नहीं हो पाई है.
रहमान को ISI से मिलते रहें हैं पैसे?
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सूत्र ये भी बताते हैं कि मुफ़्ती हारुन इज़हार हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम, जिसे लश्कर-ए-तैबा के बराबर संगठन माना जाता है, उसके करीबी सहयोगी बिक्रमपुरी को खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी ISI के ढाका सेल से हर महीने सैलरी मिलती थी. उस पर आरोप है कि उसने अपने अन्य सहयोगियों और दूसरी समान विचारधारा वाले लोगों के साथ मिलकर पिछले साल के जिहादी तख्तापलट के बाद दर्जनों कुख्यात जिहादियों को जेल से भगा दिया और जेल से हथियार और गोला-बारूद लूटने में अपराधियों की मदद की थी. इतना ही नहीं बिक्रमपुरी धर्मनिरपेक्ष व्यक्तियों को भारत का एजेंट बताकर उनके खिलाफ एक खतरनाक अभियान भी चला रहा था.
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