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Protocols For Civilians At War Period: युद्ध के समय आम नागरिकों को कौन से नियम फॉलो करने चाहिए? जानिए अब तक की सबसे अहम गाइडलाइन

युद्ध की परिस्थिति में आम नागरिकों की भूमिका केवल सतर्क रहने तक सीमित नहीं होती, बल्कि उन्हें जिम्मेदारी से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है.
Protocols For Civilians At War Period: युद्ध के समय आम नागरिकों को कौन से नियम फॉलो करने चाहिए? जानिए अब तक की सबसे अहम गाइडलाइन
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Protocols For Civilians At War Period: युद्ध जैसी गंभीर परिस्थितियों में आम नागरिकों की सुरक्षा सबसे जरुरी होती है. इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों और विभिन्न सरकारी निर्देशों के अनुसार कुछ प्रोटोकॉल बनाए गए हैं, जिन्हें नागरिकों को युद्ध के दौरान पालन करना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं कि युद्ध की स्थिति में आम लोगों के लिए क्या प्रोटोकॉल होते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून और नागरिकों की सुरक्षा

युद्ध की स्थिति में सबसे पहले जो बात ध्यान में रखी जाती है, वह है नागरिकों की सुरक्षा.अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (International Humanitarian Law – IHL) स्पष्ट रूप से यह नियम बनाता है कि युद्ध में नागरिकों को किसी प्रकार कि कोई हानि न हो.अस्पतालों, एम्बुलेंस, डॉक्टरों और राहत कार्यों में लगे लोगों को भी सुरक्षित रखा जाना चाहिए. यह कानून इस बात की भी गारंटी देता है कि नागरिकों को यदि किसी सुरक्षित क्षेत्र में रखना पड़े, तो उन्हें सुरक्षित रास्ता और सहायता मिलनी चाहिए।

सतर्क रहें और स्थिति की निगरानी करें

युद्ध जैसी परिस्थिति में सबसे जरूरी होता है सतर्क रहना. आम नागरिकों को चाहिए कि वे समाचार माध्यमों, रेडियो, या सरकारी अधिसूचनाओं के माध्यम से ताजा जानकारी लेते रहें. आस-पास हो रही हलचलों पर नजर रखें और अगर प्रशासन की ओर से कोई चेतावनी या निर्देश मिले तो उसे तत्काल मानें.

सुरक्षित रास्तों की पहले से जानकारी रखें

यदि स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है और युद्ध आपके क्षेत्र को प्रभावित करता है, तो आपको तुरंत अपने और अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ सकता है.ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि आपके इलाके से बाहर निकलने के कौन-कौन से सुरक्षित रास्ते हैं. इन रास्तों की पहले से पहचान कर लेना और इनसे जुड़ी जानकारी जैसे नजदीकी शरण स्थल, राहत शिविर या मेडिकल सेंटर जान लेना बहुत मददगार साबित हो सकता है.

जरूरी सामान हमेशा तैयार रखें

युद्ध के समय हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं. ऐसे में आपके पास एक इमरजेंसी किट होनी चाहिए जिसमें निम्नलिखित चीजें शामिल हों:

1.सूखा भोजन और पीने का साफ पानी

2. ज़रूरी दवाइयाँ और प्राथमिक चिकित्सा किट

3. टॉर्च और अतिरिक्त बैटरियाँ

4. महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की कॉपी (आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक डिटेल्स आदि)

5. मोबाइल फोन और पावर बैंक

6. कुछ नकद राशि

7. जहां तक हो, घर में ही रहें

अगर युद्ध क्षेत्र के आस-पास हैं और प्रशासन की ओर से कोई स्थानांतरण निर्देश नहीं आया है, तो घर के अंदर ही रहना ज्यादा सुरक्षित होता है. खिड़कियां और दरवाज़े बंद रखें, और अगर संभव हो तो किसी सुरक्षित कमरे या बंकर में रहें. बाहर निकलना तब तक टालें जब तक कि बिल्कुल जरूरी न हो या सरकार की ओर से निर्देश न मिले.

सरकारी आदेशों और दिशा-निर्देशों का पालन करें

सरकार और सेना की ओर से युद्धकाल में जो भी निर्देश दिए जाएं, उनका पालन करना नागरिकों की जिम्मेदारी होती है. अफवाहों से दूर रहें और किसी भी सूचना की पुष्टि केवल आधिकारिक स्रोतों से करें.

मानसिक स्थिति का ध्यान रखें

युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति में मानसिक तनाव होना स्वाभाविक है. ऐसे में एक-दूसरे को भावनात्मक समर्थन देना और सामूहिक रूप से स्थिति का सामना करना अत्यंत आवश्यक होता ह.  परिवार के सभी सदस्यों को मानसिक रूप से तैयार रखें और बच्चों को सही जानकारी देते हुए उन्हें सुरक्षित महसूस कराएं.

युद्ध की परिस्थिति में आम नागरिकों की भूमिका केवल सतर्क रहने तक सीमित नहीं होती, बल्कि उन्हें जिम्मेदारी से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है. अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करते हुए, सरकारी निर्देशों पर अमल करना और खुद को मानसिक व भौतिक रूप से तैयार रखना ही एक नागरिक का सबसे बड़ा योगदान होता है.

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