रेल मंत्री का ऐलान - जल्द पटरी पर दौड़ेगी भारत की पहली बुलेट ट्रेन, मुंबई से अहमदाबाद सफर अब केवल 2 घंटे का
भारत की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा अपडेट दिया है. 320 किमी/घंटा की स्पीड से चलने वाली मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का पहला हिस्सा सूरत से बिलिमोरा के बीच दिसंबर 2027 तक शुरू होगा, जबकि पूरा रूट 2029 तक चालू हो जाएगा.
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा है कि भारत की पहली हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, मुंबई से अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, 2029 तक पूरी तरह कार्यात्मक हो जाएगी. उनका यह भी कहना है कि शुरुआती 50-किमी का सेक्शन सूरत-बिलिमोरा के बीच दिसंबर 2027 तक खुल जाएगा.
रूट और स्पीड
- ये ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर चलेगी.
- बीच में 12 स्टेशन होंगे – 8 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में.
- इसकी स्पीड होगी 320 किलोमीटर प्रति घंटा.
- मुंबई से अहमदाबाद का सफर अब सिर्फ 2 घंटे 7 मिनट में पूरा हो जाएगा.
कब से शुरू होगी सर्विस
- दिसंबर 2027: पहला हिस्सा सूरत से बिलिमोरा के बीच चलेगा.
- 2028: रूट ठाणे तक पहुँचेगा.
- 2029: पूरा कॉरिडोर मुंबई से अहमदाबाद तक शुरू कर दिया जाएगा.
अभी तक का काम
- करीब 300 किलोमीटर viaduct का काम हो चुका है.
- 21 किलोमीटर की टनलिंग में पहला ब्रेकथ्रू हो चुका है.
- ठाणे खाड़ी के नीचे बनने वाली 7 किलोमीटर की अंडरसी टनल पर काम चल रहा है.
- सूरत समेत 8 स्टेशन लगभग तैयार हो चुके हैं.
फीचर्स और किराया
- बुलेट ट्रेन में 6 एयरबैग, 360 डिग्री कैमरा और एडवांस सेफ्टी सिस्टम होंगे.
- ट्रेन हर 20-30 मिनट पर मिलेगी, खासकर पीक टाइम में.
- किराया आम लोगों की पहुंच में रखा जाएगा, बहुत महंगा नहीं होगा.
- इसमें जापान की टेक्नोलॉजी (Shinkansen) इस्तेमाल होगी.
दिक्कतें और देरी
- महाराष्ट्र वाले हिस्से में जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण क्लियरेंस में देरी हुई.
- अंडरसी टनल और ठाणे क्रिक वाला हिस्सा सबसे मुश्किल और टाइम लेने वाला है.
- इतना बड़ा प्रोजेक्ट होने की वजह से बजट और रिसोर्स मैनेजमेंट भी चुनौती रहा.
क्या फायदा होगा
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- अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और मुंबई जैसे शहरों के बीच कनेक्टिविटी तेज होगी.
- बिज़नेस और इंडस्ट्री को सीधा फायदा मिलेगा.
- लोकल लोगों को काम और रोजगार मिलेगा.
- सफर आरामदायक, तेज और टाइम बचाने वाला होगा.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भारत के इन्फ्रा-संरचना के इतिहास में एक मील का पत्थर है. 320 कि॰मी॰/घंटा की रफ्तार, सिर्फ 2 घंटे 7 मिनट में यात्रा, शुरुआत में सूरत-बिलिमोरा सेक्शन 2027 में और पूरा कॉरिडोर 2029 तक संभावित रूप से पूरा हो जाने का लक्ष्य है. यदि समय पर सभी हिस्सों का निर्माण और अनुमति मिल जाए, तो यह प्रोजेक्ट भारत को हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विश्व में एक बड़े दर्जे पर ला खड़ा करेगा.
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