अब भविष्य की फिक्र नहीं! सिर्फ ₹55 के योगदान पर पाएं ₹3000 की गारंटीड पेंशन
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना एक ऐसा मौका है, जो असंगठित क्षेत्र के कामगारों को आत्मनिर्भर बना सकता है. यह योजना इस सोच पर आधारित है कि हर मजदूर का बुढ़ापा सम्मानजनक और सुरक्षित होना चाहिए. अगर आज थोड़ा-थोड़ा करके बचत की जाए, तो कल एक स्थायी पेंशन के रूप में बड़ा सहारा बन सकता है.
Follow Us:
देश के करोड़ों मजदूर जिनका जीवन रोज़ की मजदूरी पर चलता है, जिनके पास न कोई पेंशन योजना है और न ही भविष्य की कोई आर्थिक सुरक्षा उनके लिए केंद्र सरकार ने एक बहुत ही सराहनीय योजना शुरू की है, जिसका नाम है प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना. यह योजना उन असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए है, जो अक्सर रिटायरमेंट के बाद आर्थिक तंगी का सामना करते हैं. इस स्कीम के तहत अगर कोई व्यक्ति हर महीने केवल ₹55 का छोटा-सा योगदान करता है, तो उसे 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद हर महीने ₹3000 की निश्चित पेंशन मिलती है.
योजना का उद्देश्य और लाभ
इस योजना का मकसद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे लोगों को पेंशन सुरक्षा देना है, जिनकी मासिक आय ₹15,000 या उससे कम है. इनमें घरेलू नौकर, रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले, ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर, धोबी, मोची, फेरीवाले, चमड़ा उद्योग से जुड़े लोग और दूसरे ऐसे श्रमिक शामिल हैं जो न तो किसी सरकारी पेंशन योजना में आते हैं और न ही उनकी नियमित बचत हो पाती है. इस योजना के तहत, जो भी कर्मचारी हर महीने एक तय राशि का योगदान करता है, सरकार भी उतनी ही राशि उसमें जोड़ती है.
उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति हर महीने ₹100 जमा करता है, तो सरकार भी ₹100 उसके खाते में पेंशन फंड के रूप में डालती है. यानी यह एक साझा प्रयास होता है, जिसमें सरकार और कर्मचारी दोनों मिलकर उसके भविष्य को सुरक्षित करते हैं.
कब और कैसे जुड़ सकते हैं इस योजना से?
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से जुड़ने के लिए व्यक्ति की आयु कम से कम 18 साल और अधिकतम 40 साल होनी चाहिए. जितनी जल्दी आप इस योजना से जुड़ते हैं, उतना ही कम योगदान हर महीने देना होता है. उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में योजना में शामिल होता है, तो उसे सिर्फ ₹55 प्रति माह का योगदान करना होगा. लेकिन अगर कोई व्यक्ति 29 साल की उम्र में इसमें जुड़ता है, तो उसका मासिक योगदान ₹100 तक हो सकता है.
यह योजना 2019 में शुरू की गई थी, और इसका उद्देश्य यही है कि कोई भी मजदूर अपने बुज़ुर्ग होने पर बेसहारा न हो. 60 साल की उम्र पूरी होने पर योजना में रजिस्टर्ड व्यक्ति को ₹3000 प्रतिमाह पेंशन मिलती है, जो सीधा उसके बैंक खाते में ट्रांसफर होता है.
आसान प्रक्रिया, भरोसेमंद योजना
इस योजना का एक और बड़ा फायदा यह है कि इसमें जुड़ने की प्रक्रिया बहुत आसान है. कोई भी पात्र व्यक्ति अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर योजना में रजिस्ट्रेशन करा सकता है. इसके लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खाता नंबर की जरूरत होती है. योजना पूरी तरह से सरकारी गारंटी के तहत चल रही है, इसलिए इसमें धोखाधड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है.इस योजना के तहत मजदूरों को न केवल पेंशन की सुविधा मिलती है, बल्कि उन्हें यह भी भरोसा होता है कि बुज़ुर्ग होने पर उन्हें किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा. यह योजना उन सभी के लिए एक सुरक्षित भविष्य का रास्ता है, जिनके पास आज कम कमाई है, लेकिन कल की चिंता है.
यह भी पढ़ें
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना एक ऐसा मौका है, जो असंगठित क्षेत्र के कामगारों को आत्मनिर्भर बना सकता है. यह योजना इस सोच पर आधारित है कि हर मजदूर का बुढ़ापा सम्मानजनक और सुरक्षित होना चाहिए. अगर आज थोड़ा-थोड़ा करके बचत की जाए, तो कल एक स्थायी पेंशन के रूप में बड़ा सहारा बन सकता है.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें