पासपोर्ट प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, DigiLocker से तुरंत वेरिफिकेशन, जानें कैसे करें इस्तेमाल
देश में डिजिटल सेवाएं तेजी से बढ़ी हैं और अब पासपोर्ट वेरिफिकेशन भी आसान हो गया है. पहले लोगों को पुलिस वेरिफिकेशन और दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब डिजिलॉकर पर वेरिफिकेशन रिकॉर्ड सीधे देखा और डाउनलोड किया जा सकता है.
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देश में डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है. पहले जहां केवल महानगरों में लोग डिजिटल सुविधाओं का उपयोग करते थे, वहीं अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है. नया भारत हर क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है. गांव-गांव में लोग डिजिटल सेवाओं को अपनाने लगे हैं और इनके प्रति जागरूकता भी बढ़ी है. बदलते दौर में अब कई सरकारी काम पहले की तुलना में बेहद आसान हो चुके हैं. इसी बदलाव के बीच एक और महत्वपूर्ण सुविधा जुड़ गई है. अब पासपोर्ट वेरिफिकेशन की परेशानी काफी हद तक कम हो गई है, क्योंकि डिजिलॉकर (DigiLocker) पर पासपोर्ट वेरिफिकेशन रिकॉर्ड देखना और डाउनलोड करना शुरू हो चुका है.
पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया हुई सरल
पहले पासपोर्ट प्रक्रिया के लिए लोगों को पुलिस वेरिफिकेशन सेंटर और विभिन्न सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे. लेकिन अब यह पूरी प्रक्रिया काफी सरल हो गई है. घर बैठे ही संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती है. यदि आप नया पासपोर्ट बनवाने की तैयारी कर रहे हैं या जल्द ही कोई अपडेट कराने वाले हैं, तो यह सुविधा आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी. इस फीचर के आने से समय की बचत तो होगी ही, साथ ही अनावश्यक भागदौड़ से भी राहत मिलेगी. सरकार का मानना है कि इससे पासपोर्ट सेवाओं की पारदर्शिता और गति, दोनों में सुधार होगा.
जनता की सुविधा के लिए सरकार ने शुरू किया नया फ़ीचर
सरकार ने पासपोर्ट प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए एक नया डिजिटल फीचर शुरू किया है. पासपोर्ट जैसे अहम दस्तावेज के लिए पहले लोगों को कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब नई तकनीक के साथ यह परेशानी काफी कम होने वाली है. इस सुविधा को विदेश मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. इसका उद्देश्य पासपोर्ट से जुड़े कामों को तेज, सुरक्षित और पूरी तरह पेपरलेस बनाना है. पहले वेरिफिकेशन रिकॉर्ड की हार्ड कॉपी संभालकर रखना और हर जगह अटेस्टेशन कराना आवश्यक होता था, लेकिन अब यह रिकॉर्ड सीधे डिजिलॉकर में उपलब्ध कराया जाएगा. इससे फर्जीवाड़े की आशंका भी काफी हद तक समाप्त हो जाएगी. सरकार चाहती है कि पासपोर्ट जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ पूरी तरह डिजिटल हों, ताकि आम लोगों को सुविधा मिले और प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़े. इसके साथ ही, अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से पासपोर्ट सेवा केंद्रों पर भीड़ कम होगी और कामकाज में तेजी आएगी.
पासपोर्ट वेरिफिकेशन रिकॉर्ड कैसे मिलेगा?
डिजिलॉकर के जरिए पासपोर्ट वेरिफिकेशन रिकॉर्ड प्राप्त करना अब बेहद आसान हो गया है. डिजिलॉकर पर उपलब्ध ये रिकॉर्ड पूरी तरह डिजिटल होते हैं और किसी भी संस्था या अधिकारी के साथ सुरक्षित रूप से साझा किए जा सकते हैं, क्योंकि इन्हें सीधे सरकार द्वारा प्रमाणित किया जाता है. जैसे ही आपके पासपोर्ट का वेरिफिकेशन पूरा होता है, इसकी जानकारी ऑटोमेटि आपके डिजिलॉकर खाते में अपलोड हो जाती है. इसके बाद आपको बस ऐप खोलकर ‘डॉक्यूमेंट’ सेक्शन में जाना है, जहाँ से आप रिकॉर्ड को देख भी सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं. इस प्रक्रिया के बाद न तो आपको किसी वेरिफिकेशन ऑफिस जाने की आवश्यकता रह जाती है और न ही कागजों की फिजिकल कॉपी संभालकर रखने की.
यूजर्स को मिलेगा कैसा फायदा
इस नई डिजिटल सुविधा से पासपोर्ट से जुड़ी प्रक्रियाओं में उल्लेखनीय तेजी आने की उम्मीद है. फिजिकल दस्तावेज़ इकट्ठा करने और जमा करने की परेशानी खत्म होने के बाद पासपोर्ट जारी करने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा. सबसे बड़ी सुविधा यह है कि उपयोगकर्ता अपने मोबाइल या कंप्यूटर से कभी भी PVR यानी पासपोर्ट वेरिफिकेशन रिकॉर्ड को एक्सेस कर सकते हैं. चाहे अचानक वीज़ा आवेदन के लिए किसी दस्तावेज़ की जरूरत हो या नौकरी के दौरान वेरिफिकेशन फॉर्म भरना हो, कुछ ही सेकंड में आवश्यक रिकॉर्ड डाउनलोड करके इस्तेमाल किया जा सकेगा. यह फीचर न केवल समय बचाएगा बल्कि काम की विश्वसनीयता और सहजता भी बढ़ाएगा.
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बताते चलें कि डिजिलॉकर में पासपोर्ट वेरिफिकेशन रिकॉर्ड उपलब्ध होने से सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और गति दोनों बढ़ी हैं. यह सुविधा न केवल लोगों की भागदौड़ कम करेगी, बल्कि पासपोर्ट से जुड़े कामों को पहले से कहीं अधिक आसान और भरोसेमंद बना देगी.
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