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E-PASSPORT के युग में भारत की एंट्री, अब सफर होगा और भी सुरक्षित

RFID तकनीक और बायोमेट्रिक डाटा से युक्त यह नया पासपोर्ट, सुरक्षा, सुविधा और विश्वसनीयता को बढ़ावा देता है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारतीय नागरिकों की यात्रा और भी अधिक सहज और सुरक्षित हो जाएगी।

13 May, 2025
( Updated: 13 May, 2025
10:28 PM )
E-PASSPORT के युग में भारत की एंट्री, अब सफर होगा और भी सुरक्षित
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E - Passport: भारत ने आधिकारिक रूप से चिप-आधारित ई-पासपोर्ट (e-Passport) को लॉन्च कर दिया है, जो देश की पासपोर्ट सेवा को एक नई डिजिटल दिशा में ले जाता है. यह पहल न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है, बल्कि यह भारत सरकार की डिजिटल इंडिया और पेपरलेस गवर्नेंस की व्यापक रणनीति का हिस्सा भी है. RFID तकनीक और बायोमेट्रिक डाटा से युक्त यह नया पासपोर्ट, सुरक्षा, सुविधा और विश्वसनीयता को बढ़ावा देता है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारतीय नागरिकों की यात्रा और भी अधिक सहज और सुरक्षित हो जाएगी.

क्यों है ई-पासपोर्ट चर्चा में?

1 अप्रैल 2024 से भारत सरकार ने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम संस्करण 2.0 के अंतर्गत देशव्यापी ई-पासपोर्ट का चरणबद्ध रोलआउट शुरू किया. इस पहल का मुख्य उद्देश्य यात्रा दस्तावेजों की सुरक्षा को बढ़ाना, प्रक्रियाओं को सरल बनाना और नागरिकों को छेड़छाड़-रोधी डिजिटल समाधान उपलब्ध कराना है. यह लॉन्च भारत को उन देशों की कतार में खड़ा करता है जिन्होंने पहले ही ई-पासपोर्ट को सफलतापूर्वक लागू किया है, जैसे कि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान.

ई-पासपोर्ट की प्रमुख विशेषताएं

RFID चिप और एंटीना से लैस डिज़ाइन

प्रत्येक ई-पासपोर्ट में एक माइक्रोचिप और एंटीना होता है जो व्यक्तिगत जानकारी और बायोमेट्रिक डाटा जैसे कि नाम, जन्मतिथि, पासपोर्ट नंबर, और चेहरे की स्कैन की गई छवि को सुरक्षित रूप से संग्रहित करता है.

उन्नत सुरक्षा तकनीक

इस पासपोर्ट को कॉपी या क्लोन करना लगभग असंभव है। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित डिजिटल सिग्नेचर और एन्क्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे जालसाज़ी की संभावनाएं न्यूनतम हो जाती हैं.

स्कैनेबल बारकोड और डिजिटल पता जानकारी

पासपोर्ट में एक विशेष बारकोड होता है, जिसे इमीग्रेशन अधिकारी तुरंत स्कैन कर सकते हैं। इसके माध्यम से यात्रियों की डिजिटल एड्रेस जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिससे जांच प्रक्रिया तेज और सटीक होती है.

उद्देश्य और लाभ

1. अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप पासपोर्ट प्रणाली विकसित करना

2. आप्रवासन प्रक्रिया को सरल और तेज बनाना

3. फ्रॉड, डुप्लिकेशन और पहचान की चोरी जैसी घटनाओं को रोकना

4. डिजिटल इंडिया मिशन के तहत सरकारी प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी और पेपरलेस बनाना

कार्यान्वयन और रोलआउट की प्रक्रिया

पायलट लॉन्च:

ई-पासपोर्ट सेवा का पायलट लॉन्च 1 अप्रैल 2024 को किया गया .

चयनित शहरों में रोलआउट:

प्रारंभिक चरण में ई-पासपोर्ट निम्नलिखित शहरों के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (RPO) से जारी किए जा रहे हैं: चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, नागपुर, अमृतसर, गोवा, रायपुर, सूरत, रांची, भुवनेश्वर, जम्मू और शिमला. 

जारी करने वाले केंद्र:

इन शहरों के चयनित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों में आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना के बाद पासपोर्ट जारी किए जा रहे हैं। भविष्य में इसे पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा.

2025 के नए पासपोर्ट नियम 

 जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य

1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए पासपोर्ट बनवाने हेतु जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है.

डिजिटल पता जानकारी

1. नए पासपोर्ट में पता अब अंतिम पृष्ठ पर प्रिंट नहीं होगा, बल्कि इसे चिप में डिजिटल रूप से संग्रहित किया जाएगा, जिससे गोपनीयता और सुरक्षा दोनों बढ़ेगी।

2. माता-पिता के नाम नहीं होंगे शामिल

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3. ई-पासपोर्ट में केवल आवश्यक व्यक्तिगत जानकारी ही होगी। माता-पिता के नाम जैसी जानकारी को हटाकर दस्तावेज को अधिक संक्षिप्त और सुरक्षित बनाया गया है.

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