Advertisement

पैसे और कीमती जूलरी की चाहिए सेफ्टी तो बैंक लॉकर है बेस्ट ऑप्शन, जानें चार्ज और पूरा प्रोसेस

अगर आपके पास कोई कीमती चीज है जिसे आप घर पर रखना सुरक्षित नहीं समझते, तो बैंक लॉकर एक बेहतरीन विकल्प है. आपको इसके लिए एक सालाना शुल्क देना होता है, लेकिन यह खर्च आपके कीमती सामान की सुरक्षा के मुकाबले बहुत कम है.

Google

Bank Locker Rules: अगर आप अपने पैसे, जेवरात या जरूरी कागजात को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो बैंक लॉकर एक अच्छा और सुरक्षित विकल्प हो सकता है. बैंक लॉकर एक ऐसी सुविधा है जो आपको अपने कीमती सामान को चोरी, आग या अन्य जोखिमों से बचाने के लिए मिलती है. आइए विस्तार से जानते हैं कि बैंक लॉकर क्या होता है, कैसे मिलता है, इसकी कीमत क्या होती है और इससे जुड़ी दूसरी जरूरी बातें....

बैंक लॉकर क्या होता है?

बैंक लॉकर एक सुरक्षित धातु की अलमारी (locker) होती है, जिसे बैंक की सुरक्षित तिजोरी में रखा जाता है. इसमें आप अपने सोने-चांदी के गहने, ज़रूरी कागजात (जैसे जमीन के कागज़, वसीयत, बीमा दस्तावेज़ आदि) या नकद राशि जैसी कीमती चीजें सुरक्षित रख सकते हैं. लॉकर का इस्तेमाल केवल वही व्यक्ति कर सकता है जिसके नाम से वह आवंटित हुआ है, और आमतौर पर बैंक ग्राहक को लॉकर की एक चाबी दी जाती है, जबकि एक मास्टर चाबी बैंक के पास होती है. लॉकर खोलने के लिए दोनों की जरूरत होती है.

लॉकर लेने के लिए किन चीज़ों की जरूरत होती है?

बैंक लॉकर लेने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ और शर्तें पूरी करनी होती हैं:

बैंक में सेविंग या करंट अकाउंट होना जरूरी है.

पहचान पत्र – जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी.

पते का प्रमाण – जैसे बिजली का बिल, राशन कार्ड, पासपोर्ट.

लॉकर एग्रीमेंट – बैंक के साथ एक एग्रीमेंट साइन करना होता है जिसमें उपयोग की शर्तें होती हैं.

बैंक लॉकर की कीमत कितनी होती है?

बैंक लॉकर की फीस (शुल्क) कई चीजों पर निर्भर करती है जैसे:

लॉकर का साइज – छोटा, मीडियम, बड़ा, या एक्स्ट्रा लार्ज.

बैंक का टाइप – सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंक या को-ऑपरेटिव बैंक.

लोकेशन – मेट्रो शहरों में फीस ज़्यादा हो सकती है. 

नोट: ऊपर दिए गए रेट्स बैंक और शहर के हिसाब से बदल सकते हैं. साथ ही, GST भी फीस पर लागू होती है.

लॉकर में जमा सामान की सुरक्षा और बीमा

बैंक लॉकर में रखे गए सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होती, यानी अगर लॉकर में चोरी हो जाए या नुकसान हो तो बैंक सीधे जिम्मेदार नहीं होता. हालांकि कुछ बैंक बीमा कवर (insurance cover) भी ऑफर करते हैं जो एक लिमिट तक लॉकर में रखे सामान को कवर कर सकता है.

2022 में RBI ने निर्देश जारी किए थे कि बैंक लॉकर किरायेदारों (locker holders) से लॉकर की सुरक्षा को लेकर उचित जिम्मेदारी निभाएं, लेकिन बैंक अब भी लॉकर में रखे गए सामान का रिकॉर्ड नहीं रखते.

लॉकर अलॉटमेंट और वेटिंग लिस्ट

हर शाखा में सीमित लॉकर होते हैं, इसलिए कई बार लॉकर तुरंत नहीं मिलता. बैंक आपको वेटिंग लिस्ट में डाल सकता है और जैसे ही लॉकर खाली होगा, आपको सूचना दी जाएगी. कुछ बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट या FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) की शर्त भी रखते हैं, खासकर प्राइवेट बैंक.

लॉकर इस्तेमाल करते समय किन बातों का रखें ध्यान?

हर साल लॉकर रेंट समय पर भरें, नहीं तो बैंक लॉकर बंद कर सकता है.

1. लॉकर में प्रतिबंधित चीजें जैसे विस्फोटक या नशीली वस्तुएं न रखें.

2. लॉकर की चाबी कभी न खोएं, अगर खो जाए तो बैंक को तुरंत सूचित करें. खोई चाबी की स्थिति में आपको नई चाबी बनवाने का चार्ज देना होता है.

3. अगर लंबे समय तक लॉकर का उपयोग नहीं किया गया, तो बैंक उसे बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.

अगर आपके पास कोई कीमती चीज है जिसे आप घर पर रखना सुरक्षित नहीं समझते, तो बैंक लॉकर एक बेहतरीन विकल्प है. यह न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि आपको मानसिक सुकून भी देता है. हां, आपको इसके लिए एक सालाना शुल्क देना होता है, लेकिन यह खर्च आपके कीमती सामान की सुरक्षा के मुकाबले बहुत कम है. लॉकर लेने से पहले बैंक की शर्तें और फीस जरूर अच्छे से समझ लें.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE