दिल्ली में कबाड़ बन रहीं महंगी कारें, जानें कैसे और कहां मिल सकती है इनकी सही कीमत
EOL नीति का उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित रखना है, लेकिन इसका असर गाड़ियों के मालिकों पर वित्तीय रूप से पड़ रहा है. अगर आप भी ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो जल्दबाज़ी में गाड़ी को कबाड़ में न बेचें. गाड़ी की हालत, मॉडल और ब्रांड के अनुसार पहले उसकी सही कीमत जानें और फिर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स, स्क्रैपिंग यूनिट्स या अन्य राज्यों के विकल्पों पर विचार करें.

Delhi End Of Vehicle Policy: दिल्ली में अब पुरानी गाड़ियों का चलन पूरी तरह से बंद हो चुका है। राजधानी में "End of Life Vehicle" (EOL) नीति को सख्ती से लागू कर दिया गया है. इस नीति के तहत 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियां और 10 साल से ज्यादा पुरानी डीज़ल गाड़ियां अब दिल्ली की सड़कों पर नहीं चल सकतीं. यह फैसला प्रदूषण को नियंत्रित करने और सड़कों पर साफ़-सुथरी, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल गाड़ियां सुनिश्चित करने के मकसद से लिया गया है.
हालांकि, इस सख्त नीति का असर आम जनता ही नहीं, बल्कि लक्ज़री गाड़ियों के मालिकों पर भी देखने को मिल रहा है. हाल ही में एक मामला सामने आया जहां एक व्यक्ति को अपनी ₹84 लाख की Mercedes-Benz कार मात्र ₹2.5 लाख में बेचनी पड़ी. ये कोई अकेला मामला नहीं है. ऐसे कई उदाहरण सामने आ रहे हैं जहां लोग मजबूरी में अपनी अच्छी-खासी गाड़ियों को कबाड़ में बेच रहे हैं.
क्या वाकई आपकी पुरानी गाड़ी कबाड़ के लायक है?
ईमानदारी से कहें तो जरूरी नहीं कि EOL घोषित की गई गाड़ी वाकई कबाड़ के लायक ही हो. बहुत बार गाड़ी की हालत अच्छी होती है, वह कम चली होती है और उसमें कोई बड़ी तकनीकी खराबी नहीं होती. लेकिन सिर्फ उम्र के आधार पर वह दिल्ली की सड़कों के लिए 'अयोग्य' घोषित कर दी जाती है. ऐसे में यदि आप भी अपनी पुरानी गाड़ी को बेचने की सोच रहे हैं, तो सीधे कबाड़ में बेचने से पहले कुछ स्मार्ट विकल्पों पर विचार करें.
पुरानी गाड़ी को कबाड़ में नहीं, यहां बेचें
अगर आपकी गाड़ी अभी भी अच्छी स्थिति में है, तो उसे ऑनलाइन सेकंड हैंड मार्केटप्लेस पर बेचकर बेहतर दाम पाया जा सकता है. Cars24, CarDekho, Spinny और OLX Autos जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आप अपनी गाड़ी की डिटेल्स डालकर उसके लिए संभावित खरीदार ढूंढ सकते हैं. यहां आपको गाड़ी के ब्रांड, मॉडल, किलोमीटर रन और कंडीशन के आधार पर बाजार मूल्य मिल सकता है.
इसके अलावा, आप किसी ऑथराइज्ड व्हीकल स्क्रैपिंग यूनिट (AVSF) से संपर्क कर सकते हैं. वहां भी आपकी गाड़ी की मूल्यांकन कर के उसके अनुसार कीमत दी जाती है. जो सामान्य कबाड़ रेट से कहीं बेहतर होती है. इसके साथ ही सरकार की ओर से स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट मिलने पर आप नई गाड़ी खरीदने में टैक्स छूट जैसी सुविधाएं भी प्राप्त कर सकते हैं.
दिल्ली में नहीं, तो इन राज्यों में चला सकते हैं अपनी EOL गाड़ी
दिल्ली NCR में भले ही EOL नीति पूरी तरह लागू हो गई हो, लेकिन भारत के कई राज्यों में अभी इसे सख्ती से लागू नहीं किया गया है. जैसे कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अभी भी 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियां वैध रूप से रजिस्ट्रर्ड हैं और सड़क पर दौड़ रही हैं.
ऐसे में अगर आपकी गाड़ी दिल्ली में प्रतिबंधित हो गई है, तो आप उसे इन राज्यों में रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करवा कर या किसी स्थानीय ग्राहक को बेच कर भी उपयोग में ला सकते हैं. इस तरह आपकी गाड़ी सिर्फ स्क्रैप नहीं बनेगी, बल्कि उसका उपयोग किसी और के लिए लाभकारी हो सकता है. और आपको भी उचित कीमत मिल सकती है.
नुकसान से बचें
EOL नीति का उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित रखना है, लेकिन इसका असर गाड़ियों के मालिकों पर वित्तीय रूप से पड़ रहा है. अगर आप भी ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो जल्दबाज़ी में गाड़ी को कबाड़ में न बेचें. गाड़ी की हालत, मॉडल और ब्रांड के अनुसार पहले उसकी सही कीमत जानें और फिर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स, स्क्रैपिंग यूनिट्स या अन्य राज्यों के विकल्पों पर विचार करें. थोड़ी समझदारी और रिसर्च से आप अपनी गाड़ी के लिए बेहतर डील पा सकते हैं और बेवजह का नुकसान टाल सकते हैं.