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Amarnath Yatra 2025: बिना हेल्थ सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा यात्रा का परमिट, जानें प्रक्रिया

यदि आप भी इस वर्ष बाबा बर्फानी के दर्शन करने का संकल्प ले रहे हैं, तो आज ही पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करें और आध्यात्मिक यात्रा के लिए खुद को तैयार करें. यह यात्रा आपको न केवल भगवान शिव का आशीर्वाद देगी, बल्कि आत्मिक शांति और ऊर्जा से भी भर देगी.

14 Jun, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
12:41 AM )
Amarnath Yatra 2025: बिना हेल्थ सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा यात्रा का परमिट, जानें प्रक्रिया
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Amarnath Yatra 2025: 11 जून 2025 को जम्मू के तवी नदी तट पर संपन्न हुई प्रथम पूजा के साथ अमरनाथ यात्रा की धार्मिक शुरुआत हो चुकी है. यह पूजा विश्व हिंदू परिषद द्वारा ज्येष्ठ पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित की गई थी, जिसमें त्रिकूट पहाड़ियों और रघुनाथ मंदिर की पृष्ठभूमि में माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद के साथ भगवान शिव की आराधना की गई. यह पूजा सामूहिक सहभागिता का उदाहरण थी, जिसने आगामी यात्रा की आध्यात्मिक महत्ता को और भी प्रकट किया. इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगी, जो कुल 38 दिनों तक चलेगी और सावन पूर्णिमा के दिन सम्पन्न होगी.

अमरनाथ यात्रा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

अमरनाथ यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि एक गहन आध्यात्मिक साधना है. यह यात्रा 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा तक होती है, जहां प्राकृतिक रूप से बर्फ से निर्मित शिवलिंग (हिमलिंग) का दर्शन होता है. यह शिवलिंग भगवान शिव के “बर्फानी बाबा” रूप में पूजनीय है.

पौराणिक ग्रंथों जैसे स्कंद पुराण और कालिका पुराण में वर्णित है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी, जिसमें अमरता और मोक्ष का रहस्य समाहित है. इस कथा को सुनना मृत्यु के भय से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक माना गया है.

अमरनाथ यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं , बल्कि एक गहन  आध्यत्मिकता साधना है , यह यात्रा 3 880 मीटर की उच्चाई पर सिटुताउओं गुफा तक होती है. जहा प्राकृतक रूप से बर्फ से 

शास्त्रों में कहा गया है—

"अमरनाथ गमनं पुण्यं मृत्युञ्जय पदं लभेत्",

अर्थात् अमरनाथ की यात्रा करने वाला व्यक्ति शिवपद को प्राप्त करता है और मृत्यु पर विजय पाता है. यह यात्रा श्रद्धा, आत्मबल, समर्पण और तपस्या का समागम है, जो भक्तों को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभूति कराती है.

यात्रा के लिए पंजीकरण है अनिवार्य

अमरनाथ यात्रा में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. इसके लिए आपको jksasb.nic.in नामक आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। यहाँ पर रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से समझाया गया है:

1.वेबसाइट के होमपेज पर जाकर ‘Register/Login’ विकल्प पर क्लिक करें.

2. इसके बाद एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा, जिसमें यात्री की व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, आयु, पता, आईडी विवरण आदि भरने होंगे.

3. आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन कर फॉर्म में अपलोड करना होगा.

4. साइन अप के बाद एक पासवर्ड तैयार करें, जिससे आपका अकाउंट बन जाएगा.

5. अब पुनः लॉगिन करें और अपने डैशबोर्ड में यात्रा तिथि, यात्रियों की संख्या और टूर प्लान की जानकारी भरें.

6. रजिस्ट्रेशन पूरा होते ही आपके मोबाइल पर एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर SMS के माध्यम से प्राप्त होगा.

7. रजिस्ट्रेशन फॉर्म को डाउनलोड कर प्रिंट करें और यात्रा के दौरान अपने साथ रखें.

हेल्थ सर्टिफिकेट है यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा

अमरनाथ यात्रा एक कठिन पहाड़ी यात्रा है, जो उच्च ऊंचाई, कम तापमान और ऑक्सीजन की कमी जैसे प्राकृतिक परिस्थितियों से भरी होती है. ऐसे में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (Health Certificate) ले जाना अनिवार्य है. इसके लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर डॉक्टरों की राज्यवार सूची उपलब्ध है, जो इस प्रमाणपत्र को जारी कर सकते हैं.साइट पर एक फॉर्म भी उपलब्ध है, जिसमें स्वास्थ्य प्रमाणपत्र में किन-किन बातों का उल्लेख आवश्यक है, इसकी विस्तृत जानकारी दी गई है. यह प्रमाणपत्र इस बात की पुष्टि करता है कि यात्री इस कठिन यात्रा के लिए शारीरिक रूप से सक्षम है.

आस्था और तैयारी का संतुलन है अमरनाथ यात्रा

अमरनाथ यात्रा 2025 केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, यह भक्तों की आस्था, त्याग और भक्ति की एक परीक्षा है. त्रिकूट पर्वतों के बीच बसे इस दिव्य स्थल की यात्रा आत्मा को शुद्ध कर देने वाला अनुभव प्रदान करती है। लेकिन इस यात्रा की सफलता पूरी तरह आपकी पूर्व तैयारी, पंजीकरण, स्वास्थ्य जांच और सुरक्षा निर्देशों के पालन पर निर्भर करती है.

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यदि आप भी इस वर्ष बाबा बर्फानी के दर्शन करने का संकल्प ले रहे हैं, तो आज ही पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करें और आध्यात्मिक यात्रा के लिए खुद को तैयार करें. यह यात्रा आपको न केवल भगवान शिव का आशीर्वाद देगी, बल्कि आत्मिक शांति और ऊर्जा से भी भर देगी. 

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