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मुट्ठी बंद, आंखों में जोश...केरल में लेफ्ट के गढ़ में घुसकर जय-जय भारत माता का नारा लगाने वाली BJP की नेता ऐश्वर्या राजू कौन हैं?

केरल में बीजेपी की सबसे कम उम्र की कैंडिडेट और युवा नेत्रियों में से एक ऐश्वर्या ने चुनाव प्रचार के दौरान लेफ्ट के गढ़ में घुसकर “जय-जय बीजेपी, जय-जय भारत माता” का ऐसा नारा लगाया, जिसका वीडियो निकाय चुनाव खत्म होने के करीब एक हफ्ते बाद भी वायरल हो रहा है.

Image: Aishwarya Raju (Meta)

तिरुवनंतपुरम नगर निगम चुनाव में बीजेपी की जीत ने लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस की बुनियाद हिला दी है. तिरुवनंतपुरम में पहली बार बीजेपी या NDA का अपना मेयर होगा. इसके दूरगामी परिणाम होंगे. तिरुवनंतपुरम में यह महज पार्टी की जीत नहीं थी, बल्कि पार्टी के लिए इतिहास रचने जैसा था. 45 साल पुराने लेफ्ट के किले को ढहा दिया गया और भगवा को लहरा दिया गया.

लोकल बॉडी इलेक्शन में भले ही UDF की सीटें ज्यादा आई हों, भले ही NDA को उम्मीद के अनुरूप नतीजे हासिल नहीं हुए हों, लेकिन उसके लिए यह चुनाव एक तरह से संजीवनी का काम करेगा. उसने न सिर्फ कई क्षेत्रों में अपनी पैठ जमाई है, कई इलाकों में अपने पैर पसारे हैं, बल्कि युवाओं, महिलाओं और डेडिकेटेड कैडर की एक नई पौध भी खड़ी कर दी है. इसी कड़ी में बीजेपी की एक ऐसी युवा नेत्री का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह आने वाले समय में पार्टी का नेतृत्व करेगी और बड़ा चेहरा बनेगी.

कौन है बीजेपी की सबसे युवा और कम उम्र की कैंडिडेट ऐश्वर्या राजू?

आपको बता दें कि केरल के पथानामथिट्टा जिले के एनाथु वार्ड से खड़ी हुई सबसे कम उम्र की कैंडिडेट ऐश्वर्या राजू (आर. आर. ऐश्वर्या) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. ऐश्वर्या ने लोकल बॉडी इलेक्शन में जमकर चुनाव प्रचार किया, लेफ्ट और कांग्रेस के LDF-UDF गठबंधन से जोरदार मुकाबला किया. ऐश्वर्या ने सही मायनों में स्ट्रीट पॉलिटिक्स की, घर-घर चुनाव प्रचार किया और यहां तक कि लाल गढ़ में भी घुसकर कैंपेन किया, जोरदार नारे लगाए. भले ही ऐश्वर्या को इस चुनाव में जीत नहीं मिली, लेकिन उन्होंने कैडर में जान फूंक दी. कार्यकर्ताओं की फौज और एक नई पौध खड़ी की.

इस चुनाव में CPI(M) कैंडिडेट को जीत मिली, जिन्हें 13,225 वोट प्राप्त हुए. कांग्रेस कैंडिडेट को 12,006 वोट मिले, वहीं बीजेपी कैंडिडेट ऐश्वर्या 6,895 वोट हासिल करने में कामयाब रहीं. उन्होंने ऐसा जोरदार मुकाबला किया कि UDF-LDF की जीत में महज 1,219 वोटों का अंतर रह गया.

क्या है ऐश्वर्या का पॉलिटिकल प्रोफाइल?

ऐश्वर्या राजू के बारे में कहा जाता है कि वह संभवतः वकील राजू की बेटी हैं और जिला पंचायत चुनाव में एनाथु वार्ड से NDA की उम्मीदवार थीं. वह लगातार छात्र राजनीति में सक्रिय रही हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा पथानामथिट्टा जिले की जिला सचिव हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. वह लगातार राष्ट्रवाद, सनातन संस्कृति, जवाबदेह शासन, युवा सशक्तिकरण और प्रगतिशील, विकासोन्मुख राजनीतिक संस्कृति का झंडा बुलंद करती आ रही हैं. इसी कड़ी में उन्होंने अपनी राजनीति जमीन और पंचायती राज की राजनीति से शुरू की.

‘जय-जय बीजेपी, जय-जय भारत माता’

वैसे तो केरल के निकाय चुनाव खत्म हो गए हैं, लेकिन करीब एक हफ्ता बीत जाने के बावजूद ऐश्वर्या राजू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दरअसल, ऐश्वर्या ने वाम मोर्चे और लाल झंडे के गढ़ में घुसकर ऐसे नारे लगाए, जिसकी गूंज आने वाले समय में भी सुनाई देगी. इसका प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा. ऐश्वर्या ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान खुली जीप में खड़े होकर अपने कार्यकर्ताओं के साथ जोरदार राष्ट्रवादी नारे लगाए.

 

 

मुट्ठी बंद, आंखों में जोश और दिल में भारत. ऐश्वर्या ने नारा लगाया-“जय-जय बीजेपी, जय-जय भारत माता, बोलो भारत माता की जय, भारत मातृ शक्ति…” यही वीडियो अब सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो रहा है. कुछ लोग तो ऐश्वर्या के जोश और सक्रियता को देखकर उन्हें भविष्य की केरल मुख्यमंत्री तक करार दे रहे हैं.

ऐश्वर्या की इसी सक्रियता ने लोगों में जोश भर दिया है. लोग उन्हें बीजेपी का भविष्य करार दे रहे हैं. लोग कहने लगे हैं कि पार्टी ऐश्वर्या में अपना भविष्य देख सकती है. इसी कारण रवि वकुंड ने लिखा, “इसे लिख लीजिए. आप केरल के अगले सांसद और भावी मुख्यमंत्री बनेंगे. शुभकामनाएं!” वहीं अबराम कुरैशी ने लिखा, “केरल से उभरती हुई एक प्रतिभाशाली युवा नेत्री.”

केरल में कैसे रहे नतीजे?

केरल में इस बार के नगर निकाय चुनावों ने इतिहास रच दिया है. दशकों से LDF-UDF के बीच होने वाले द्विपक्षीय मुकाबले में बीजेपी की एंट्री ने भविष्य में त्रिकोणीय मुकाबले के संकेत दिए हैं. शहरी क्षेत्रों में बीजेपी की जीत ने लेफ्ट और कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है.

  • छह नगर निगमों में से चार पर कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF ने जीत हासिल की.
  • एक-एक नगर निगम LDF और NDA के खाते में गया.
  • कुल 86 नगर पालिकाओं में से 54 पर UDF ने जीत दर्ज की.
  • नगर पालिकाओं में LDF 28 सीटों पर सिमट गया.
  • NDA को दो नगर पालिकाओं में सफलता मिली.
  • ग्राम पंचायत स्तर पर कांग्रेस गठबंधन ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया.
  • 941 ग्राम पंचायतों में से 504 पर UDF ने कब्जा जमाया.
  •  ग्राम पंचायतों में LDF को 341 पंचायतों में जीत मिली.
  • NDA ने 26 ग्राम पंचायतों में सफलता हासिल की.
  •  ब्लॉक पंचायत चुनाव में UDF ने 79 सीटें जीतीं.
  • ब्लॉक पंचायत स्तर पर LDF को 63 सीटें मिलीं.
  • जिला पंचायत स्तर पर दोनों गठबंधनों को सात-सात सीटें मिलीं.

वहीं तिरुवनंतपुरम में बीजेपी पहली बार अपना मेयर बनाने में कामयाब रही. ऐसा पहली बार हुआ है और इसके दूरगामी संदेश साबित हो सकते हैं. कहा जा रहा है कि आने वाले समय में बीजेपी राजधानी तिरुवनंतपुरम के सहारे अन्य इलाकों में और फिर विधानसभा चुनाव में अपने पैर पसारना चाहेगी.

  •  तिरुवनंतपुरम में BJP का ऐतिहासिक उभार लेफ्ट के लिए सबसे बड़ा राजनीतिक झटका साबित हुआ.
  •  राजधानी तिरुवनंतपुरम में CPI(M) के 45 साल पुराने गढ़ में BJP के नेतृत्व वाला NDA आगे निकल गया.
  •  तिरुवनंतपुरम नगर निगम की 101 में से 50 डिवीजन जीतकर NDA ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया.
  •  LDF सिर्फ 29 सीटों पर सिमट गया.
  • UDF को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे केरल में BJP के लिए एक “वाटरशेड मोमेंट” बताया.
  •  अन्य शहरी इलाकों में भी BJP की मौजूदगी मजबूत होती दिखी.
  • पालक्काड़ नगरपालिका में BJP ने UDF से मामूली बढ़त बनाते हुए कड़ी चुनौती पेश की.
  • कोझिकोड में भले ही CPI(M) आगे रहा, लेकिन BJP ने कम से कम 14 सीटें जीतकर अपनी स्थिति मजबूत की.
  • कोल्लम जैसे परंपरागत लेफ्ट गढ़ में भी BJP ने उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की.

बता दें कि केरल के स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त उलटफेर किया है. पार्टी को तिरुवनंतपुरम नगर निगम में ऐतिहासिक जीत मिली. बीजेपी ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) से सत्ता छीनी. इस निगम में LDF पिछले चार दशकों से अधिक समय तक लगातार काबिज रहा था. इसी लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर लगातार चार बार सांसद चुने जा चुके हैं.

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