Elon Musk का बड़ा दावा, इंसानों को कमाने कि जरूरत नहीं रहेगी, रोबोट करेंगे सारा काम....
Tesla की शेयरहोल्डर मीटिंग में मस्क ने दावा किया कि आने वाले वर्षों में इंसान अपनी सोच, यादें और व्यक्तित्व को Tesla के ह्यूमनॉइड रोबोट Optimus में अपलोड कर सकेंगे.
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Optimus: टेस्ला के मालिक एलन मस्क हमेशा भविष्य के बड़े-बड़े सपने दिखाते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने जो कहा है, वह किसी साइंस-फिक्शन फिल्म जैसा लगता है .हाल ही में Tesla की शेयरहोल्डर मीटिंग में मस्क ने दावा किया कि आने वाले वर्षों में इंसान अपनी सोच, यादें और व्यक्तित्व को Tesla के ह्यूमनॉइड रोबोट Optimus में अपलोड कर सकेंगे. मस्क का कहना है कि इंसानी चेतना यानी माइंड का डिजिटल वर्ज़न तैयार करना और उसे एक रोबोट के अंदर डालना अगले 20 साल में संभव हो सकता है. यह विचार इतना बड़ा है कि लोगों को पहली नजर में यह एक काल्पनिक कहानी जैसा लगता है.
क्या वाकई इंसानी दिमाग रोबोट में डाला जा सकेगा?
जब मस्क से सीधे पूछा गया कि क्या भविष्य में Optimus में इंसान का दिमाग अपलोड करना संभव होगा, तो उन्होंने कहा कि यह अभी तुरंत नहीं हो पाएगा. लेकिन Neuralink जैसी तकनीकों की तेजी से बढ़ती क्षमताओं को देखते हुए, आने वाले समय में यह एक वास्तविकता बन सकती है. मस्क का कहना है कि इंसान के दिमाग का एक “डिजिटल माइंड स्नैपशॉट” लेना और उसे रोबोट में डाल देना अब विज्ञान की पहुंच से बहुत दूर नहीं है. हां, यह दिमाग की एक सटीक कॉपी नहीं होगी, बल्कि उसके बहुत करीब एक डिजिटल रूप होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इंसान की सोच और व्यक्तित्व लगातार बदलते रहते हैं, इसलिए कोई भी संस्करण पूरी तरह स्थायी नहीं हो सकता. मस्क के इस बयान ने लोगों में “डिजिटल अमरता” यानी Digital Immortality का विचार भी जगा दिया है.
Optimus क्या है और क्यों खास है?
Tesla ने अपना ह्यूमनॉइड रोबोट Optimus साल 2021 में पेश किया था. इसे इंसानों की जगह ऐसे कामों में लगाया जाएगा, जो खतरनाक, थकाने वाले या बार-बार दोहराए जाने वाले हों. Optimus की ऊँचाई लगभग 5 फीट 8 इंच, और वजन करीब 56 किलो है. यह आसानी से चल सकता है, सामान उठा सकता है और रोज़मर्रा के सरल काम कर सकता है. इस रोबोट का दिमाग Tesla की उसी AI पर आधारित है जो उनकी सेल्फ-ड्राइविंग कारों में उपयोग की जाती है. कंपनी चाहती है कि भविष्य में Optimus न सिर्फ फैक्ट्रियों में काम करे, बल्कि घरों में भी मददगार के रूप में इस्तेमाल हो. यानी एक तरह से यह भविष्य का “रोबोटिक असिस्टेंट” बन सकता है.
मस्क का दावा - एक दिन इंसान रोबोट के जरिए अमर भी हो सकता है
मस्क ने हाल ही में कहा कि एक दिन इंसान की यादें, सोच और मानसिक डेटा को Neuralink की मदद से रोबोटिक शरीर में डाला जा सकता है. यह एक तरह से इंसान का डिजिटल रूप होगा, जो कई वर्षों तक मौजूद रह सकता है. हालांकि यह इंसान की पूरी तरह सटीक प्रति नहीं होगी, लेकिन उसके बहुत नजदीक एक स्वरूप जरूर होगा. यह विचार सुनकर कई लोग इसे “अमरता” यानी अपने किसी रूप को हमेशा जीवित रखने की संभावना के रूप में देख रहे हैं.
गरीबी खत्म करने पर भी मस्क का बड़ा बयान
दिमाग अपलोडिंग की बात के साथ मस्क ने एक और बड़ा दावा किया कि Optimus जैसे रोबोट आने वाले समय में दुनिया से गरीबी खत्म करने में मदद कर सकते हैं. उनके अनुसार, जब रोबोट दुनिया के ज्यादातर मेहनत वाले और दोहराए जाने वाले काम करेंगे, तब इंसान शिक्षा, कला, रिसर्च और रचनात्मक कामों पर ध्यान लगा पाएंगे. इससे हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.
Tesla का लक्ष्य है कि भविष्य में Optimus की कीमत इतनी कम कर दी जाए कि हर घर में एक रोबोट हो सके. मस्क का यह भी कहना है कि Optimus प्रोजेक्ट एक दिन Tesla की इलेक्ट्रिक कारों से भी बड़ा साबित हो सकता है.
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