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योगी की नो-नॉनसेंस सोच और जीरो टॉलरेंस नीति ने तोड़ी संगठित माफियाराज की कमर, 234 दुर्दांत अपराधी पहुंचे यमलोक

सीएम योगी की नो-नॉनसेंस सोच और जीरो टॉलरेंस नीति ने संगठित माफियाराज की कमर तोड़ दी है. 234 दुर्दांत अपराधियों को इन 8 सालों में यमलोक पहुंचा दिया गया है वहीं 30,293 अपराधी को किया गया गिरफ्तार

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20 Jun 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:57 AM )
योगी की नो-नॉनसेंस सोच और जीरो टॉलरेंस नीति ने तोड़ी संगठित माफियाराज की कमर, 234 दुर्दांत अपराधी पहुंचे यमलोक

अपराध, माफिया राज और भ्रष्टाचार के खात्मे के वादे के साथ करीब 8 साल पहले 2017 में सत्ता में आई प्रदेश की योगी सरकार ने कानून व्यवस्था के मोर्चे पर अभूतपूर्व सफलता पाई है. माफियाओं की कमर तोड़ दी गई है, गैंग्सटर्स का या तो खात्मा कर दिया गया है या तो वे जेल में बंद हैं. संगठित अपराध पर भी जबरदस्त प्रहार का नतीजा है कि आज प्रदेश की पुलिस, यूपी एसटीएफ और SAP की छवि बदल गई है, दंगों पर नियंत्रण पा लिया गया है.

8 साल में यमलोक पहुंचे 234 दुर्दांत अपराधी, 30,293 को किया गया गिरफ्तार, 18 पुलिसकर्मी शहीद
सीएम योगी की ‘जीरो टॉलरेंस नीति' के तहत प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर में 234 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर यमलोक पहुंचाया है. इस दौरान पुलिस ने कुल 14,741 मुठभेड़ की कार्रवाईयां कीं हैं, जिनमें 30,293 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. एनकाउंटर की कार्रवाई में 9,202 अपराधी घायल हुए. वहीं, अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जबकि 1,700 पुलिसकर्मी घायल हुए.

मुठभेड़ के मामले में मेरठ जोन रहा अव्वल
डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ जोन में दर्ज की गई, जहां पुलिस ने 4,183 कार्रवाई की. इस कार्रवाई में 7,871 अपराधी दबोचे गए. जबकि, 2,839 अपराधी घायल हुए. वहीं, 77 कुख्यात अपराधियों को मौके पर ही मार गिराया गया. मेरठ जोन की मुठभेड़ के दौरान 2,839 अपराधी घायल हुए. इस दौरान 452 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

उन्होंने बताया कि एनकाउंटर कार्रवाई में पूरे प्रदेश में मेरठ जोन पहले स्थान पर रहा है. इसी तरह वाराणसी जोन में 1,041 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 2,009 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 26 अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया. इस दौरान 605 अपराधी और 96 पुलिसकर्मी घायल हुए. पूरे प्रदेश में वाराणसी जोन एनकाउंटर कार्रवाई में दूसरे स्थान पर है.

एनकाउंटर कार्रवाई में पूरे प्रदेश में आगरा जोन तीसरे स्थान पर है. यहां 2,288 एनकाउंटर की कार्रवाई की गई, जिनमें 5,496 अपराधियों को दबोचा गया. इस दौरान 715 अपराधी घायल हुए, जबकि 19 अपराधी मार गिराए गए. मुठभेड़ के दौरान 56 पुलिसकर्मी घायल हुए.

लखनऊ जोन में हुए 790 एनकाउंटर, 15 दुर्दांत अपराधी हुए ढेर

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डीजीपी ने बताया कि एनकाउंटर आंकड़ों पर नजर डालें तो लखनऊ जोन में 790 मुठभेड़ के दौरान 15 दुर्दांत अपराधियों को मारा गया, वहीं प्रयागराज जोन में 506 मुठभेड़ के दौरान 10 अपराधी मारे गए. बरेली जोन में 1,962 मुठभेड़ों में 15, कानपुर जोन में 657 मुठभेड़ों में 11 और गोरखपुर जोन में 594 मुठभेड़ों में 8 अपराधियों को मारा गया. इसी तरह लखनऊ कमिश्नरी में 126 मुठभेड़ों में 11, गौतमबुद्ध नगर में 1,035 मुठभेड़ों में 9, कानपुर कमिश्नरी में 221 मुठभेड़ों में 4, वाराणसी कमिश्नरी में 118 मुठभेड़ों में 7, आगरा कमिश्नरी में 426 मुठभेड़ों में 7 और प्रयागराज कमिश्नरी में 126 मुठभेड़ों में 5 अपराधियों को ढेर किया गया.

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