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यूपी में 1 लाख का इनामी बदमाश विनोद मुठभेड़ में ढेर, बुलंदशहर में STF को मिली बड़ी सफलता

शुक्रवार देर शाम यूपी एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में कुख्यात बदमाश विनोद गड़ेरिया मारा गया है. उस पर मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था. यूपी एसटीएफ को यह सफलता बुलंदशहर जिले में मिली है.

21 Jun, 2025
( Updated: 21 Jun, 2025
12:35 PM )
यूपी में 1 लाख का इनामी बदमाश विनोद मुठभेड़ में ढेर, बुलंदशहर में STF को मिली बड़ी सफलता

यूपी पुलिस के लिए आतंक का पर्याय बन चुका कुख्यात बदमाश विनोद गड़ेरिया मुठभेड़ में ढेर हो चुका है. शुक्रवार शाम को यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट को बड़ी सफलता मिली है. मारे गए बदमाश के ऊपर हत्या, डकैती और कई अन्य आपराधिक मामले दर्ज थे. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गड़ेरिया को पकड़ने के लिए घेराबंदी की, लेकिन उसने अपनी तरफ से फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद यूपी एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में गोली लगने के बाद वह घायल हुआ और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मारा गया 1 लाख का इनामी कुख्यात बदमाश विनोद गड़ेरिया

यूपी पुलिस ने बताया कि 'कुख्यात बदमाश विनोद गड़ेरिया के ऊपर यह कार्रवाई बुलंदशहर जिले में हुई है. गुप्त सूत्रों से हमें सूचना मिली कि वह जहांगीराबाद क्षेत्र में दिखाई दिया है. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने इलाके की घेराबंदी की. पुलिस ने जैसे ही दबिश दी, उसी दौरान बदमाशों ने पुलिस पर गोली चला दी. गोली चलने के बाद एसटीएफ ने जवाबी फायरिंग की. इस फायरिंग में विनोद गड़ेरिया को गोली लगी. घायल अवस्था में उसे पुलिस के लिए हॉस्पिटल पहुंचाया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटनास्थल से कई हथियार भी बरामद किए गए हैं.

आपराधिक दुनिया का बड़ा नाम था विनोद गड़ेरिया

बता दें कि यूपी एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात बदमाश की पहचान विनोद गड़ेरिया पुत्र सीताराम निवासी इसोपुर खुरगान थाना कैराना, जनपद शामली के रूप में हुई है. वह साल 2024 से ही डकैती में 6 से अधिक मामलों में वांछित अपराधी था. मुजफ्फरनगर पुलिस ने उसके ऊपर 1 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. विनोद गड़ेरिया साल 2006 यानी पिछले 20 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय था. उस पर डकैती, हत्या, लूट जैसे कई संगीन अपराधिक मामले दर्ज थे. 

2012 के एक मामले में हुई थी 7 साल की जेल

कुख्यात बदमाश विनोद गड़ेरिया के खिलाफ मुजफ्फरनगर, शामली, और बागपत जिलों में 40 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. इसके अलावा साल 2012 में मुजफ्फरनगर जिले के एक मामले में न्यायालय ने उसे 7 साल जेल की सजा सुनाई थी.

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