प्रोफेसर अली खान मामले में तीन सदस्यी SIT का गठन, हरियाणा सरकार ने SC को दी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद मामले में जांच के लिए शर्त लगाई है कि एसआईटी की जांच सिर्फ दो सोशल मीडिया पोस्ट तक ही सीमित रहे.

अशोका यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी मामले में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी का गठन कर दिया है. हरियाणा सरकार ने बुधवार को इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी.
प्रोफेसर अली खान मामले में 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन
प्रोफेसर को हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' से संबंधित एक सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, बाद में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी. साथ ही कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 3 आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी बनाने का निर्देश दिया था.
हरियाणा सरकार ने बुधवार को कोर्ट को बताया कि इस मामले में एसआईटी का गठन कर दिया गया है.
सिब्बल ने अली खान के लिए कोर्ट से की ये अपील
इससे पहले, अली खान के वकील कपिल सिब्बल ने अपने मुअक्किल की ओर से दलील पेश करते हुए आशंका जताई कि इस जांच के बहाने एसआईटी और भी पता नहीं क्या-क्या जांच करने लगेगी. वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि एसआईटी कोर्ट के आदेश का गलत इस्तेमाल कर रही है. दूसरी चीजों की भी जांच करनी शुरू कर दी है.
अदालत ने ये आदेश दिया
इसके मद्देनजर कोर्ट ने जांच को सीमित रखने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अली खान की अंतरिम जमानत जारी रहेगी. साथ ही एसआईटी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा होगी और वह सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़े विवाद मामले की जांच करेगी.
सिब्बल ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह उस शर्त को हटा दें, जिसके तहत जांच के विषय से जुड़े विषय पर ऑनलाइन पोस्ट करने पर मनाही थी. उन्होंने आगे कहा कि वह इस बारे में कोर्ट को आश्वासन देने को तैयार हैं कि वह ऐसा कोई पोस्ट नहीं करेंगे. वह समझदार व्यक्ति हैं. यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं और इस तरह की शर्त से गलत संदेश जाएगा.
हालांकि, कोर्ट ने ऑनलाइन पोस्ट करने से लगी रोक को हटाने से इनकार करते हुए कहा कि अभी शर्त रहने दीजिए. आप अगली तारीख पर हमें ध्यान दिलाएंगे. वैसे भी हमने अपने आदेश के जरिए सिर्फ इस विषय पर लिखने से रोका है. दूसरे विषयों पर तो वह लिख ही सकते हैं.